जलमग्न हुआ बेला औद्योगिक क्षेत्र
मुजफ्फरपुर : जिले में लगातार हो रही बारिश से मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र पूरी तरह से तालाब में तब्दील कर दिया है। पूरा इन्डस्ट्रीयल एरिया झील बन गया है। औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाली मुख्य सड़क पर चार फीट पानी है। और औद्योगिक इकाईयों में छ:- छ: फीट तक पानी है, जहां जाना मुश्किल है। इतना हि नही जिला उद्योग केन्द्र का इतना बुरा हाल है कि क्या कहना। उद्योग केन्द्र के भवन में खिड़की तक पानी भरा है और सभी पदाधिकारी और कर्मी बाहर हैं।
इंडिस्ट्रीय एरिया फेज-1 में 150 से ज्यादा युनिट हैं जो ठप हैं। इस वजह से करीब पचास हजार कर्मियों और मजदूरों का रोजगार ठप पड़ गया है। काम बंद हो जाने के मजदूरों को रोटी के लाले पड़ रहे हैं जिससे वे पलायन कर रहे हैं।
आधारभूत सुविधा देने का काम करने वाली बियाडा का हाल (बिहार इंडिस्ट्रीयल एरिया डेवलपमेंट ऑथोरिटि ) लेकिन मुजफ्फरपुर में बियाडा का कार्यालय पूरी तरह से पानी में डूब गया है। बेला इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित बियाडा के ऑफिस में फिल्ड से ज्यादा पानी उसके भवन में है।
भवन के नीचले तल्ले पर कमरों के भीतर कमर से ज्यादा पानी जमा हो गया है।
कार्यालय के फर्नीचर पानी में तैर रहे हैं। जैसे तैसे जरूरी फाईलों और कागजातों को निकाल लिया गया है लेकिन कामकाज पूरी तरह से ठप है। इधर बेला स्थित करीब डेढ सौ औद्योगिक युनिट में भी पांच से छे फीट पानी जमा है जिससे उत्पादन पूरी तरीके से ठप है और 50 हजार मजदूरों की रोटी पर संकट है।
प्रमंडलीय आयुक्त ने एसकेएमसीएच का किया निरीक्षण
मुजफ्फरपुर : प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार ने एसकेएमसीएच पहुँच स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन के साथ बैठक की और इस संबंध में आवश्यक निर्देश उनके द्वारा दिया। उन्होंने रोस्टर के अनुसार प्रतिनियुक्त डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति बनाकर रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने निर्देश दिया कि डॉक्टर्स दिन भर में कितनी बार मरीजों को देखने जाएंगे इस हेतु समय का निर्धारण सुनिश्चित किया जाए। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ यदि ऑन कॉल भी रहे तो जरूरत के अनुसार मरीज को आकर वे देखेंगे एसकेएमसीएच में स्थित कंट्रोल रूम को लेकर उन्होंने निर्देश दिया कि इसे और व्यवस्थित किया जाए ।कंट्रोल रूम में मरीज और उनके परिजन का विवरण फोन नंबर के साथ संधारित किया जाए और समय-समय पर कंट्रोल रूम में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी/ कर्मी ल मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत करें, उनका हाल जाने। उन्होंने सीसीटीवी कैमरा लगाए लगाने का भी निर्देश दिया ताकि उसके द्वारा इलाजरत मरीज का अवलोकन किया जा सके ,उस पर ध्यान रखी जा सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने साफ -सफाई की व्यवस्था को और दुरुस्त करने का निर्देश दिया तथा कहा कि मेडिसिन की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए। इसमें किसी भी तरह की कोताही और लापरवाही नहीं होनी चाहिए ।
जिलाधिकारी डॉ ०चंद्रशेखर सिंह तुर्की स्थित कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे । मौके पर वरीय पुलिस अधीक्षक जयंत कांत, डीसीएलआर पश्चिमी सहायक समाहर्ता खुशबू गुप्ता उपस्थित थे ।तुर्की कोविड केयर सेंटर में आज 15 मरीज स्वस्थ होकर के अपने घर लौटे ।अभी भी वहां 7 मरीज इलाजरत है ।इलाजरत मरीजों से जिलाधिकारी ने बातचीत किया और उनका हाल जाना। जो भी मरीज वहां उपस्थित थे कोविड केयर सेंटर में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को लेकर उन्होंने अपनी संतुष्टि प्रकट प्रकट की। सेंटर पर दवाओं की उपलब्धता थी ।
उपचार करा रहे मरीजों ने बताया कि चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ प्रॉपरली उनका देखरेख करते हैं। उन्होंने कहा कि सेंटर की सफाई व्यवस्था और दुरुस्त करने की आवश्यकता है । जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सफाई कर्मियों को पीपी किट उपलब्ध कराया जाए और सफाई व्यवस्था को और दुरुस्त करना सुनिश्चित किया जाए।
कई गांव में घुसा पानी, बांध पर लिया शरण
मुजफ्फरपुर : उतर बिहार की सभी नदिया उफान पर है और निचले इलाकों में इन नदियों ने तबाही मचानी शुरु कर दी है जिससे बचने के लिए लोग ज्यादातर बांध पर शरण लिए हुए है,लेकिन बाढ़ से बचने में लोग कोरोना से बचना भूल गए है। मुज़फ़्फ़रपुर शहर के पास से बहने वाली बूढ़ी गंडक नदी के किनारे पहुचे जहाँ पर निचले इलाकों के लोगो ने नदी के बढ़ते पानी को लेकर सैकड़ो की तादात में बांध पर शरण लिए हुए है ,लेकिन ज्यादातर लोग न तो मास्क पहने हुए है और न ही सोसलडिस्टेन्स का ही पालन कर ते हुए नजर आए।
कोरोना की खतरा पर पूछने पर लोगो ने बताया कि, हां ,डर तो लग रहा है ,लेकिन क्या करे बाढ़ सर पर है। वही मास्क न मिलना भी इन लोगो ने बताया । वही दूसरी महिला ने कहा कि क्या करे जब कुछ मिला ही नही है तो कैसे रहे। अब हम आपको बागमती और लखनदेई नदी के कारण वहां कि स्थिति और ज्यादा खतरनाक दिख रही है।
बाढ़ से बचने के लिए लोगो ने बांध पर शरण ले रखी है वही कोरोना से बचना भुल गए है या यूं कहें छोड़ दिया है ।पूछने पर बताते है कि हमलोगों का घर पूरी तरह जलमग्न हो गया है कहा जाकर सोसलडिस्टेन्स का पालन करे किसी तरह एक जगह जुट कर एकत्रित होकर अपने बच्चों की जान बचा रहे है कि कही कोई घटना न हो जाये।
ऊपर से कोरोना का डर तो हमेशा बना हुआ है दोनों तरफ से मर ही रहे है ।इतने दिनों में जब बाढ़ से बचने की कोई व्यवस्था नही की गई तब कोरोना से बचने के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी।
बहरहाल बिहार में तेजी से कोरोना पोजेटिव की संख्या बढ़ रही है मुज़फ़्फ़रपुर में भी पोजेटिव मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रही है ।जिसको लेकर पूरे राज्य में लॉक डाउन लगा हुआ है ,और लोगो को मास्क पहनने एव सोसलडिस्टेन्स पालन करने की हिदायत दी जा रही है ।ऐसे में ये लापरवाही कहि भारी न पड़ जाए।
सुनील कुमार अकेला