सीएम के अथक प्रयास के बाद हवाई जहाज से वापस लाए गए झारखंड के श्रमिक मजदूर

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झारखण्ड में नहीं बढ़ेगा लॉकडाउन, खुलेंगी दुकानें

रांची : कोरोना संकट से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। लेकिन, केंद्र तथा राज्य सरकार के द्वारा जनजीवन को सामान्य करने के लिए जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को झारखंड सरकार के प्रयास से करीब 180 श्रमिक मजदूरों को मुंबई से हवाई मार्ग द्वारा रांची लाया गया है।

हवाई मार्ग से श्रमिकों को वापस अपने राज्य लाने वाला पहला राज्य झारखंड

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दरमियान हवाई मार्ग से श्रमिकों को वापस अपने राज्य लाने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बना है। वहीं हवाई मार्ग से मुंबई से रांची पहुंचे श्रमिकों के खुशी का ठिकाना नहीं था। चाहे वह श्रमिक हो, चाहे स्टूडेंट। सभी ने एक स्वर से सीएम हेमंत सोरेन को इस नेक कार्य के लिए धन्यवाद बोल रहे थे।

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180 प्रवासी मजदूर हवाई जहाज से पहुंचे अपने गृह राज्य

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयासों से मजदूरों को हवाई मार्ग से उनके पैतृक राज्य लाया जा सका। इसमें अलमनाई नेटवर्क ऑफ नेशनल स्कूल ऑफ लॉ, बेंगलुरु ने भी अहम योगदान दिया। मुंबई से रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डा पहुंचे मजदूरों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की गई। साथ ही उन्हें नाश्ता और पानी की बोतल दी गई। झारखंड के करीब 180 प्रवासी मजदूर आज सुबह एयर एशिया की उड़ान से अपने राज्य लौट आए हैं। उन्होंने दावा किया कि लॉकडाउन के बाद यह देश में पहला मौका है, जब मजदूरों को विमान से अपने राज्य वापस लाया गया है।

झारखंड के अलग -अलग जिलों के है श्रमिक

मुंबई से रांची पहुंचे मजदूर झारखंड के अलग अलग जिलों से हैं। इनमें हजारीबाग के 41, गिरिडीह के 29, सिमडेगा के 28, रांची जिले के 16, कोडरमा के 11, देवघर के 10, धनबाद के नौ, पलामू के नौ, पश्चिमी सिंहभूम के आठ, बोकारो और चतरा के पांच-पांच, पूर्वी सिंहभूम के तीन, जामताड़ा और गढ़वा के दो-दो, गोड्डा और गुमला के एक-एक श्रमिक शामिल हैं।

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