पटना: बिहार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद करने की मांग की है। मक्का की सरकारी मूल्य पर खरीद नहीं होने के कारण राज्य के खासकर कोसी क्षेत्र के किसानों को घाटा हो रहा है। बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि कोसी क्षेत्र में मक्का की खेती किसानों की जीवन रेखा है। लेकिन, सरकार की उदासीनता एवं प्रशासनिक लापरवाही से मक्का की सरकारी खरीद नहीं हो पा रही है, जिससे किसान दर-दर ठोकरें खा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसान मौसम की मार एवं उतार चढ़ाव के खतरे से आशंकित हैं, जबकि भंडारन के अभाव और फंसी पूंजी के कारण कर्ज के दबाव में औने-पौने दाम में मक्का बेचने पर विवश है। उन्होंने कहा, “कोविड-19 के कारण यहां के मक्का किसान दोहरी मार झेल रहे है। लॉकडाउन मे फंसे बाहरी व्यापारी का आना-जाना बंद हो जाने से मक्का का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा , “सरकार ने मकई के लिए 1760 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। लेकिन, क्रय केंद्र खुले नहीं है और लॉकडाउन के कारण बाहर के व्यापारी भी नहीं आ रहे। पोल्ट्री व्यवसाय ठप पड़ जाने के कारण पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाले अनाज, मक्का की मांग कमजोर पड़ गयी है।” कांग्रेस के नेता कुमार ने कहा कि मकई किसानों की बदहाली का बिहार सरकार जल्द संज्ञान ले और फसल की खरीद करवाए। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा तो वे कर्ज के दलदल मे फंस जाएंगें, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।