पीएम बंगाल-ओड़िशा गए, नीतीश क्यों नहीें करते क्वारंटाइन दौरा : संजय पासवान
पटना : कोरोना संकट में बिहार सरकार मजदूरों संबंधी नीति और संक्रमण रोकथाम की कार्यप्रणाली पर चौतरफा घिरने लगी है। सरकार के मुखिया नीतीश कुमार इसके लिए विपक्ष की आलोचना के केंद्र में तो थे ही, अब उनके सहयोगी दलों के नेता भी उनसे कोरोना नीति पर सवाल पूछने लगे हैं। सीएम नीतीश की कोरोना कार्यप्रणाली को फेल बताते हुए आज रविवार को भाजपा के फायरब्रांड एमएलसी डॉ. संजय पासवान ने उनपर बड़ा हमला बोला है। श्री पासवान ने कहा कि राज्य के क्वारंटाइन सेंटरों में व्यवस्था खराब है, मजदूर परेशान हैं जबकि अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।
चौतरफा मुसीबत में प्रवासी मजदूर, अफसर कर रहे मनमानी
भाजपा नेता पासवान ने कहा कि प्रवासी मजदूर चौतरफा मुसीबत में हैं। दूसरी तरफ अधिकारी मनमानी कर क्वारंटाइन सेंटरों में मजदूरों की बात तक नहीं सुनते। ऐसे में मुख्यमंत्री को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जगह खुद स्पॉट पर जाकर मजदूरों की पीड़ा सुननी चाहिए। उन्हें मुख्यालय में बैठकर क्वारंटाइन सेंटर का जायजा लेने के बजाया इन सेंटरों का दौरा कर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए।
एसी रूम से बाहर निकल मजदूरों की पीड़ा जानें सीएम
संजय पासवान ने कहा कि तमाम नेता बाहर निकल रहे हैं। पीएम मोदी बंगाल और उड़ीसा गए कि नहीं। यूपी के सीएम और बिहार के डिप्टी सीएम भी बाहर निकलकर जनता का हाल जान रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कब तक एसी रूम में बैठकर राजनीति और शासन करेंगे। सीएम नीतीश कुमार को भी घर से बाहर निकलना चाहिए।
लोजपा विधायक ने भी राज्य सरकार पर बोला हमला
इधर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर आज एक और सहयोगी दल लोजपा ने भी हमला बोला। लोजपा विधायक दल के नेता राजू तिवारी ने सरकार के अधिकारियों पर हमला करते हुए कहा कि सरकार सब व्यवस्था कर रही है, लेकिन अधिकारी सब पर पानी फेर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जिस व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया गया उसे घर भेज दिया गया। जब रिपोर्ट आई तो वह पॉजिटिव था। यह बहुत बड़ी लापरवाही है जो बिहार में जगह—जगह हो रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी काम नहीं करते। मुख्यमंत्री को इसे गंभीरता से लेना चाहिए नहीं तो राज्य कोरोना पर गंभीर संकट में फंस जाएगा।