सामूहिक प्रयास से ही कोविड-19 के प्रभावों को कम, अनुग्रह नारायण कॉलेज में हुआ वेबीनार का आयोजन
पटना : बिहार के पटना जिला अंतर्गत स्थित अनुग्रह नारायण (a.n.college) कॉलेज आइक्यूएसी के तत्वाधान में आयोजित वेबीनार के अंतर्गत चतुर्थ व्याख्यानमाला का आयोजन आज गुरुवार को आयोजित किया गया।
इस व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता डब्ल्यू.एच.ओ बिहार रीजन के रीजनल टीम लीडर डॉक्टर बी पी सुब्रमण्या थे।उन्होंने बिहार में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में युवाओं की भूमिका के विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि बिहार के जनसंख्या में युवाओं की संख्या अधिक है जिस कारण बिहार में कोविड-19 के कारण मौत के आंकड़े कम है। जहां अन्य कई वायरस शरीर में सुसुप्त अवस्था में पाए जाते हैं वहीं कोविड-19 वायरस दो हफ्ते तक ही शरीर में रहता है।
वायरस के हमले नहीं बल्कि शरीर में उत्पन्न रसायनिक तत्वों से होती है मौत
डॉ सुब्रमण्या ने कहा कि मानव शरीर का रक्षा तंत्र वायरस के हमला करने के उपरांत सक्रिय हो जाता है और इस सक्रियता में कई प्रकार के रसायनिक तत्व उत्पन्न करता है। कभी-कभी ये तत्व ज्यादा मात्रा में उत्पन्न हो जाते और इस से मनुष्य की मृत्यु वायरस से नहीं अपितु इन रसायनिक तत्वों के उत्पन्न होने के कारण हो जाती है। उन्होंने कहा की हमें स्वास्थ्य की नियमित निगरानी रखनी चाहिए।
सामान्य जन के लिए जरूरी नहीं एन 95 मास्क का प्रयोग
वायरस संक्रमण की जानकारी प्राथमिक अवस्था में प्राप्त होने से उत्तरजीविता के अवसर काफी बढ़ जाते है । अगर किसी को भी थोड़ी सी भी खांसी और बुखार की शिकायत हो तो तुरंत जांच करवानी चाहिए । मुख्य वक्ता ने कहा कि सामान्य लोगों को मेडिकल मास्क तथा एन 95 मास्क का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
एन 95 का प्रयोग स्वास्थ्य देखभाल में लगे पेशेवरों के लिए ज्यादा आवश्यक है अभी की स्थिति में जहां ऐसे मास्क एक कमी है, सामान्य जन अपनी सुरक्षा दो या तीन परत के कपड़े के मास्क से कर सकते हैं । अगर कोई व्यक्ति एन 95 मास्क का प्रयोग करता है तो उसे मास्क लगाकर व्यायाम तथा अत्यधिक श्रम वाले कार्य नहीं करने चाहिए।
वायरस का प्रसार छींकने और खासने के दौरान निकलने वाले सूक्ष्म बूंदों के कारण
वायरस का प्रसार छींकने और खासने के दौरान निकलने वाले सूक्ष्म बूंदों से होता है। मास्क का प्रयोग इस प्रकार से फैलने वाले वायरस से बचाव करता है। कई लोग मास्क का सही तरीके से प्रयोग नहीं करते हैं यह सभी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मास्क का प्रयोग के दौरान मुंह और नाक अच्छे तरीके से ढका होना बेहद जरूरी है ।
साथ ही सभी लोगों को कम से कम 1 मीटर की दूरी तथा हाथ की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए । मुख्य वक्ता ने कहा कि युवा इस संक्रमण के समय में समाज के लिए काफी मददगार हो सकते हैं। युवाओं का जागरूक रहना, लोगों के लिए सहानुभूति रखना, उनकी सेवा और मदद करना आज के समय में काफी आवश्यक है साथी युवाओं को हमेशा अभिनव बने रहना चाहिए।
वर्तमान समय में युवाओं की भूमिका काफी अहम
इसके पहले अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर एसपी शाही ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं की भूमिका काफी अहम है । महाविद्यालय के एनएसएस के स्वयंसेवक के द्वारा संक्रमण से बचाव हेतु कई अभियान चलाएं जा रहे हैं, महाविद्यालय के अन्य छात्र भी इस समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हम सामूहिक प्रयास से ही कोविड-19 के प्रभावों को कम कर सकते हैं।
इसके अलावा कार्यक्रम का संचालन डॉ रत्ना अमृत ने किया।वहीं धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ अरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।