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21 मई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य के लिए दिया प्रशिक्षण आयोजन

  • क्वारंटाइन एवं आईसोलेशन सेंटर में लोगों की मानसिक स्वास्थ्य के लिए की जाएगी काउंसेलिंग

मधुबनी : कोरोना के बढ़ते संक्रमण की बेहतर रोकथाम एवं संक्रमितों के उपचार के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर कार्य कर रही है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप एवं लगातार लॉकडाउन के कारण आमजनों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या उत्पन्न होने का खतरा भी बढ़ा है। इसे ध्यान में रखते हुए बुधवार को राज्य स्वास्थ्य समिति के सभागार में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या एवं उसके निवारण के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए 400 लोगों ने प्राप्त की प्रशिक्षण:

कोरोना काल में आमजनों में तनावरहित एवं सकारात्मक सोच के प्रति जागरुक करने एवं इस स्थिति में लोगों की काउंसेलिंग करने के लिए जिलों में कार्यरत प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक, नर्सेज, परिवार नियोजन एवं एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के परामर्शी एवं अन्य मानसिक स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया. सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार की अध्यक्षता में करीब 400 लोगों को विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कराया गया.

क्वारंटाइन एवं आईसोलेशन सेंटर में मानसिक स्वास्थ्य पर होगी काउंसेलिंग:

कोरोना काल में आमजनों के मध्य उत्पन्न अवसाद एवं तनाव के निवारण के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति प्रयासरत है. बुधवार को आयोजित इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य जिलों से पंचायत स्तर तक आमजनों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श एवं सलाह मुहैया कराना है. इस पहल के बाद अब क्वारंटाइन सेंटर एवं आईसोलेशन सेंटर पर भी आमजनों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की काउंसेलिंग की जा सकेगी. आईजीआईएमएस के मानसिक स्वास्थ्य के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार, क्लिनिकल साईंक्लोजिस्ट प्रिया कुमारी एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोफ़ेशनल ऑफिसर,मेंटल हेल्थ एंड सब्सटांस, डॉ. अत्रेयी

गांगुली के द्वारा यह प्रशिक्षण दिया गया.

इस प्रशिक्षण में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार एवं अपर कार्यपालक निदेशक केशवेन्द्र कुमार के अलावा राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, मानसिक स्वास्थ्य, डॉ. राजेश कुमार, मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार प्रीती वाजपेयी एवं अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी राजेश कुमार उपस्थित थे।.

एसडीएम ने किया तीन क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण

मधुबनी : एसडीएम मुकेश रंजन एवं सहायक सामाहर्ता व प्रशिक्षु आइएएस प्रीति तथा डीएसपी अरुण कुमार ने श्री लीलाधर उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय, डॉ. एनसी कॉलेज क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया। प्रवासियों को मिल रहे सुविधा की जानकारी ली। प्रवासियों ने भोजन, नाश्ता, चाय एवं किट देने की बातें कहीं।

एसडीएम ने कहा कि बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय में प्रखंड स्तरीय नौ क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। तीन सेंटरों का निरीक्षण किया गया है। इसमें प्रवासियों के बीच डिग्निटी किट का वितरण किया गया है। दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, कोलकता से आने वाले प्रवासी को प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। क्वारंटाइन सेंटर पर प्रवासियों को दो समय भोजन, नाश्ता व चाय उपलब्ध कराया जा रहा है।
एसडीएम ने पदाधिकारियों के साथ प्रखंड कार्यालय में क्वारंटाइन सेंटर पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान बीडीओ मनोज कुमार, बीपीआरओ गौतम आनंद, बीईओ अरविन्द्र कुमार, नोडल पदधिकारी श्रीपति झा, पुनि सह थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

प्रवासी कामगारों के लिए रोज़गार का हो रहा सृजन

मधुबनी : जाॅब कार्ड धारी मजदूरों की संख्या तथा कोविड-19 के संक्रमण के वर्तमान दौर में बाहर से जिले में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या एवं जल-जीवन-हरियाली और पीएम0जी0ए0वाई0 के लक्ष्यों को देखते हुए मनरेगा में मजदूरों को रोजगार देने की असीम संभावनायें है। वर्तमान परिस्थितियों के आलोक में मनरेगा अंतर्गत फोकस एरिया की 201 योजनाओं को कार्यान्वित कराते हुए 35605 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

वर्तमान वित्तीय वर्ष में 20 मई, 2020 तक जिले में 5 लाख 65 हजार 9 सौ 11 मानव दिवस का सृजन किया गया है। जिले में बेनीपट्टी प्रखंड के ढ़ंगा पंचायत में कोशी नहर के माइनर चैनल की योजना में 117 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य स्तर के पदाधिकारी भी योजना का स्थल निरीक्षण करने वाले है, ताकि पूरे राज्य में इस माॅडल को अपनाया जा सकें।

क्वारंटाइन केंद्रों का किया गया निरीक्षण

मधुबनी : जिलाधिकारी डाॅ0 निलेश रामचन्द्र देवरे द्वारा दिये गये निदेश के आलोक में अपर समाहर्ता ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी जिला एवं जिला के सभी वरीय पदाधिकारियों द्वारा जिले सभी प्रखंडों के क्वारंटाइन सेन्टर का निरीक्षण किया गया।

इस क्रम में अपर समाहत्र्ता, मधुबनी, श्री अवधेश राम द्वारा पंडौल प्रखंड के क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया गया। क्वारंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासियों से उनका हाल-चाल जाना तथा सेंटर पर प्राप्त हो रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली गयी। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को विधि-व्यवस्था बनाये रखने हेतु आवश्यक निदेश दिया।

जिला पंचायती राज पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा बाबूबरही प्रखंड के क्वारंटाइन सेंटर भूपट्टी बालक विद्यालय का निरीक्षण किया गया। अपर अनुमंडल पदाधिकारी, जयनगर के द्वारा परवा पंचायत स्थित क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया गया।
अनुमंडल पदाधिकारी, बेनीपट्टी द्वारा बेनीपट्टी स्थित क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया गया। डी0सी0एल0आर0, फुलपरास द्वारा लौकही प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय, झहुरी में बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया गया। सभी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा क्वारंटाइन केन्द्र के प्रभारी को भोजन की गुणवत्ता एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया।

आक्रोशित प्रवासियों ने क्वारेंटाइन केंद्र पर प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

मधुबनी : विस्फी प्रखंड के क्वारेंटाइन सरकार की खुल रही हैं पोल धरातल पर नहीं दिख रही हैं कोई खास सुविधा। बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय कन्या बरहा के क्वारेंटाइन केंद्र में महानगर चेन्नई हैदराबाद, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान से आकर 1500 से अधिक प्रवासियों को कोई नही देखने वाला हैं।

प्रवासी मजदूर सिर्फ भगवान भरोसे ही समय बिता कर गुजर कर रहें हैं, एवं प्रवासी मजदूर का मालिक सिर्फ भगवान ही बचे हुए हैं। प्रशासनिक एवं ग्राम पंचायत स्तर से यहां के प्रवासियों की कोई खोज खबर एवं ख्याल में नही ली जा रही हैं। करीब 4 दिन से यहां रह रहे सभी प्रवासी अपने घर से भूजा मंगा कर खाते और नीचे में सोने को विवश हैं। इससे नाराज आक्रोशित प्रवासियों ने केंद्र पर प्रशासन और मुखिया एवं पंचायत सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपनी भड़ास निकाली एवं प्रशासन के विरोध में नारे लगाया।

वही चंदन चौपाल, मंगल चौपाल, रंजीत चौपाल, राजकुमार शाह, साधु चौपाल, लक्ष्मण चौपाल सहित सभी प्रवासियों ने बताया कि दस दिनों से पैदल एवं जैसे-तैसे बिना खाना पीना खाए गांव पहुंचा। लोगों ने स्कूल पर जाने को कहा जब स्कूल पहुचा और वहॉ की व्यवस्था देखी तब से और भी समस्या अधिक बढ़ गई। विद्यालय में शौचालय बिजली साफ-सफाई तो शिक्षकों के द्वारा किया गया है।

लेकिन, खाने-पीने बिस्तर, मास्क, साबुन, सेनिटाईजर की कोई व्यवस्था नहीं होने से बहुत ही कठिनाईयो का सामना करना पड़ रहा हैं। पंचायत सचिव के द्वारा एक वार्ड में सचिव के माध्यम से 30 से 40 रुपया प्रति रोज भोजन के लिए देने की बात कही जा रही हैं, लेकिन हम जैसे मजदूरों को दिन भर इस राशि से क्या हो सकता है। वहीं पंचायत सचिव मो० मंसूरी ने बताया कि प्रवासियों को 50 रूपया रोज दिया जाऐगा। वहीं, इस बाबत बीडीओ अहमर अब्दाली ने बताया कि विद्यालय पर खाना नहीं बनना चिंता का विषय है, इस पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है।

कीट वितरण के समय शिक्षक एवं प्रवासी मजदूर के बीच हुआ जम कर हंगामा

मधुबनी : बिस्फी प्रखंड में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देशभर में लगे लॉक डाउन के कारण बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूर कि संख्या में लगातार बृद्धि होती जा रही हैं। वहीं प्रवासियों एवं प्रतिनियुक्ति की गई हैं। शिक्षकों एवं पंचायत सचिवो के बीच हो हंगामा भी लगातार बढती जा रही हैं।

बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय नाहस खगरैठा में बीती देर शाम सरकार के द्वारा कीट वितरण के समय सामग्री को लेकर वितरण कर रहें हैं। विद्यालय में शिक्षकों एवं प्रवासियों के बीच जमकर हो हंगामा हुआ, जिसके कारण कई शिक्षकों एवं प्रवासियों के बीच जमकर हाथापाई भी होने की मामला प्रकाश में आया हैं। जिसे एक शिक्षक घायल हो गए कई शिक्षक जान बचाकर भाग खड़े हुए।

इस घटना की सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष विजय पासवान के नेतृत्व में दल बल के साथ धटना स्थल पर पहुंचकर प्रवासियों समझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित प्रवासी समझने को तैयार नहीं हुए जिस पर जमकर लाठी भी चटकाई गई एवं समझाने का प्रयास किया। वहीं प्रवासी मजदूर ने बताया कि ईट भट्टा आए शिक्षक शराब के नशे में चूर थे, जिस दौरान हम लोगों के साथ गलत व्यवहार किया गया। जहाँ क्वारेंटाइन में रह रहें सभी प्रवासी मजदूर भड़क गये।

इस बाबत शिक्षक संघ ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से शिक्षकों कि सुरक्षा कि व्यवस्था करने की मांग की गई। वहीं सभी प्रतिनियुक्त शिक्षकों को कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव को लेकर सभी सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया हैं। इस बाबत बिस्फी बीडीओ अहमर अबदाली ने बताया कि शिक्षकों एवं प्रवासियों के बीच हुई घटना की जांच की जा रही है, जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

लॉकडाउन : प्रसव संबंधी विशेष सुविधाएँ होंगी बहाल

मधुबनी : कोरोना संकटकाल के बीच मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवस्थित एवं सुदृढ करने के मकसद से राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिला पदाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा आंगनबाड़ी द्वारा कॉमन एप्पलीकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से संकलित डाटा जिलावार व प्रखंडवार एवं आंगनबाड़ी केंद्रवार बांट कर सभी जिलों को भेजा गया है, जिसमें हर जिले में अगले तीन माह के दौरान अपेक्षित प्रसव की जानकारी दी गयी है। साथ ही आरसीएच पंजी में भी गर्भवती महिलाओं के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गयी है। ऐसे में उनके लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग को करना है।

गर्भवती महिलाओं का लिया जाएगा मोबाइल नंबर :

पत्र में कहा गया है आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका की मदद से सभी गर्भवती महिलाओं जिनका प्रसव का समय अगले तीन माह में अपेक्षित है। उनका मोबाइल नंबर एवं पता की जानकारी गृह भ्रमण कर एकत्रित कराया जाये, तथा इससे स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर संकलित किया जाये। दूरभाष के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नियमित रूप से प्राप्त की जाये।

गंभीर गर्भावस्था में विशेष निगरानी:

गंभीर गर्भावस्था वाली महिलाओं की विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं, एवं संबंधित आशा व एएनएम को प्रसव की तारीख से एक सप्ताह पूर्व से लगातार हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के घर प्रतिदिन भ्रमण करने एवं उनको ईडीडी(एस्टीमेटेड डिलीवरी डेट) के कम से कम तीन दिन पूर्व अस्पताल में लाकर प्रसव के लिए आवश्यक व्यवस्था कराने में सहयोग करने के विषय में निर्देशित किया गया है। इसकी पूरी जानकारी पूर्व में ही अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को देने की बात बताई गयी है।

कोरोना संक्रमित गर्भवती के लिए अलग वार्ड:

पत्र में बताया गया है कि अगर किसी गर्भवती महिला को कोविड 19 संक्रमण के लक्षण हो, ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर लक्षण दिखते हों या कोविड पॉजिटिव के साथ कॉनटैक्ट हिस्ट्री हो एवं स्क्रीनिंग के दौरान इनकी जांच नहीं हो पायी है, तो प्रसव के दौरान सभी संलग्न स्वास्थ्य कर्मी भारत सरकार द्वार बताये गये इंफेक्शन प्रीवेंशन एंड कंट्रोल गाइडलाइन में निहित प्रावधान का अनुसरण करना है।

गर्भवती माताओं के प्रसव के लिए अस्पताल के अलग कमरे को चिन्हित कर एक लेबर टेबल और एक बेड तैयार रखा जाये। इन गर्भवती माताओं के प्रसव कार्य में कम से कम चिकित्सा कर्मियों का उपयोग किया जाये और जब तक उक्त मरीज का कोविड जांच निगेटिव नहीं आ जाये तब तक संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रसव कक्ष का उपयोग अन्य चिकित्सीय कार्य में नहीं किया जाये। चिकित्साकर्मी भी मरीज के निगेटिव रिजल्ट आने तक क्वारेंटाइन में रहेंगे। प्रसव के बाद संस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से प्रसव गृह, ऑपरेशन थियेटर एवं वार्ड को अच्छी तरह सैनिटाइज कराना सुनिश्चित करेंगे।

पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश:

प्रसव संबंधी कार्य को संजीवनी व ई-जननी पोर्टल पर प्रविष्टि की जाये ताकि किये गये कार्रवाई एवं प्रगति से मुख्यालय को अवगत कराया जा सके। इस पत्र के साथ स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एडवाइजरी भी भेजी गयी है। एडवाइजरी को प्रमुखता से अस्पताल के दीवारों पर लगाया जाना है, और इसमें दी गयी जानकारी का व्यापक प्रचार प्रसार भी करना है।

दिये गए ये निर्देश:

•किसी गर्भवती महिला में कोविड 19 के लक्षण पाये जाने पर जाँच के बाद सरकारी स्वास्थ्य संस्थान के आइसोलेशन वार्ड या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पीटल के रूप में चिन्हित चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में उपचार एवं प्रसव के लिए भेजा जाये.

• एक्सपेक्टेड डिलेवरी डेट के एक सप्ताह पूर्व से ही सभी गर्भवती महिलाओं का निरंतर अनुश्रवण दूरभाष के माध्यम से किया जाये ताकि ससमय उनको प्रखंड स्तर पर उपलब्ध एंबुलेंस अथवा अन्य वाहनों से स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रसव हेतु लाया जा सके।

•एंबुलेंस व स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध वाहन गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध नहीं कराये जाने की स्थिति में पूर्व में ही प्राइवेट वाहन को टैग कराया जाये। निजी वाहन से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संस्थानों में लाने की स्थिति में गर्भवती महिलाओं को जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि के साथ परिवहन के लिए 500 रुपये का भुगतान किया जाये।

• लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच व संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल जाने के समय में आवागमन में परेशानी नहीं हो इसके लिए अस्पताल भ्रमण के दौरान एमसीपी कार्ड रखने का निर्देश दिया जाये।

मनाई गई भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि

मधुबनी : मधुबनी कांग्रेस जिला अध्यक्ष शितलाम्बर झा के अध्यक्षता में भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी जी के 30वें बलिदान दिवस पर मधुबनी जिला कार्यालय में पुण्यतिथि मनाया गया। मधुबनी जिला अध्यक्ष शितलाम्बर झा ने बताया कि संचार क्रांति के प्रणेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व० राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में कम्प्यूटर एवं तकनिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। उन्ही प्रयासों का नतीजा है जो आज हर किसी के हाथ मे स्मार्टफोन, मोबाइल, 4जी इंटरनेट सेवा एवं अन्य तकनीकी सामान आज सभी के पास उपयोग के लिए मौजूद है।

सत्ता का विकेंद्रीकरण एवं पंचायती राज का शशक्तिकरण उनके किये गए महान कार्यों में से एक है, जिसका परिणाम ये है कि आज हर गांव-मोहल्ले का द्रुतगति से विकास हुआ है/हो रहा है। सामयिक क्षेत्र में उन्होंने क्रांतिकारी कदम उठाते हुए देश में अनेक मिसाइल एवं युद्धपोत का निर्माण किया।18वर्ष की आयु में युवाओं को मताधिकार का प्रयोग करने का अधिकार उनके ही कार्यकाल में हुआ। पंजाब एवं आसाम में शांति कायम में उनकी कार्यकुशलता का ही नतीजा था। इस देश की एकता एवं अखंडता स्थापित करने के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोज मिश्र, अनिल झा, अकील अंजुम, प्रो० योगेंद्र मिश्र, अशोक कुमार, मो० साबिर, विनय कुमार, अभय मिश्र, धनेश्वर ठाकुर एवं अन्य कई कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

क्वारंटाइन केंद्रों पर दी जाने वाली सुविधाओं का डीएम व एसपी ने लिया जायज़ा

मधुबनी : जिलाधिकारी डाॅ0 निलेश रामचन्द्र देवरे एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ0 सत्यप्रकाश के द्वारा बुधवार को समाहरणालय स्थित जिला पदाधिकारी कक्ष से विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 पर सरकार से प्राप्त निदेशों एवं प्रखंड क्वारंटाइन सेन्टर पर दी जानेवाली सुविधाओं एवं उसकी अद्यतन स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी ली गयी।

जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रखंड/पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन कैंप में रह रहे प्रवासियों को निःसक्रमण सहायता राषि उपलब्ध कराने हेतु की जानेवाली रजिस्ट्रेशन में तीव्रता लाने का निदेश दिया गया। क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासियों को डिग्निटी किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय और यदि उपलब्ध नहीं हो तो जिला मुख्यालय से अविलंब ले जाये।

वैसे प्रवासी जो 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहने के पश्चात किसी प्रकार का लक्षण पाया जाने की संपुष्टि चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा किये जाने पर उन्हें रामपट्टी स्थित हेल्थ क्वारंटाइन सेंटर में भेजना सुनिश्चित करें।

मुंबई, दिल्ली, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, कोलकाता से आये प्रवासियों को प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर में ही रखने हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी को निदेश दिया गया। जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा राशन कार्ड के संबंध में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को यह निदेश दिया गया कि जीविका दीदीयों के माध्यम से प्राप्त प्रपत्र की जांच कर यथाशीघ्र अनुमंडल कार्यालय भेजने की कार्रवाई करें, ताकि राशन कार्ड निर्गत करने की कार्रवाई शीघ्र की जा सकेें।

आगामी ईंद के त्योहार की तैयारी को लेकर अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को शांति व्यवस्था बहाल रखने हेतु आवश्यक कदम उठाने हेतु निदेश दिया गया। तत्पश्चात पुलिस अधीक्षक, मधुबनी के द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को अनुमंडल मुख्यालय में अवस्थित प्रखंडों के क्वारंटाइन सेंटर के साथ ही अपने अनुमंडल के अन्य प्रखंडों के क्वारंटाइन सेंटर का भी निरीक्षण करने का निदेश दिया गया।

सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को आगामी ईंद त्योहार के मद्देनजर आवश्यक तैयारी करने का निदेश दिया गया। सभी पदाधिकारियों को ईंद त्योहार के मद्देनजर कपड़ें की दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। सभी क्वारंटाइन सेंटर पर रह रहे दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को यह निदेश दिया गया कि वे क्वारंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासियों को यह समझाये कि वे यहां वैसे ही रहें, जैसा कि वे अस्पतालों में रहते है।

पुलिस अधीक्षक, मधुबनी के द्वारा सभी थानाध्यक्षों को क्वारंटाइन सेंटर पर प्रवासियों एवं अन्य लोगों द्वारा विधि-व्यवस्था भंग करने की स्थिति में अविलंब प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई करें। अपर समाहत्र्ता, मधुबनी के द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं अंचल अधिकारियों को अपने क्वारंटाईन सेंटर का नियमित भ्रमण करते रहने तथा उनकी समस्याओं का त्वरित गति से निष्पादन की कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।

इस अवसर पर अवधेश राम, अपर समाहत्र्ता, मधुबनी, अजय कुमार सिंह, उप-विकास आयुक्त, मधुबनी, सुनील कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर मधुबनी, बुद्धप्रकाश, प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा, मधुबनी समेत अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

शहरीकरण के संबंध में विधान पार्षद ने जिला पदाधिकारी को लिखा पत्र

मधुबनी : राज्य सरकार द्वारा बिहार में शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है, जिसके अंतर्गत मधुबनी जिला में विभिन्न कस्बा को नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत कराने हेतु निम्नलिखित सुझाव पर गंभीरता पूर्वक विचार कर सरकार को अग्रसारित किया जा सकता है। मधुबनी जिला केंद्र में नगर परिषद है, जो मधुबनी जिला बनने के पूर्व से ही है। जबसे नगर परिषद बना है, उसके बाद मधुबनी शहर के इर्द-गिर्द भछि, सप्ता, मंगरौनी, चकदह, गंगासागर आदि स्थानों पर आवासीय निर्माण के कारण मधुबनी शहर में शहरिकरण का स्वरूप खड़ा हुआ है। लेकिन जल-जमाव, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधा नही रहने के कारण जीना कष्टप्रद हो गया है। इसलिए नगर परिषद को नगर निगम में परिवर्तित किया जा सकता है। वर्तमान परिस्थिति में सरकार के निर्देशानुसार आबादी का पचास प्रतिशत यदि कृषि से जुड़ा है, तो नगर पंचायत को नगर परिषद में परिवर्तित कर एवं कस्बा को नया नगर पंचायत बना कर शहरीकरण का बढ़ावा दिया जा सकता है।

अतः वर्तमान में नगर परिषद को नगर निगम तथा नगर पंचायत को नगर परिषद में परिवर्तित किया जा सकता है। इसके साथ ही मधुबनी जिला के अन्य कस्बा जैसे मधवापुर, साहरघाट, खजौली, पंडौल, सकरी, सिमरी, मधेपुर, फुलपरास, खुटौना, लदनियां, लौकहा, राजनगर, बाबूबरही इसके अतिरिक्त सरकार के दिशा-निर्देश के तहत अन्य जो भी कस्बा है, उसे भी नगर पंचायत हेतु अनुशंसा किया जा सकता है।

सुमित राउत