लॉकडाउन में बढते अवसाद को तनाव प्रबंधन से करे दूर : प्रो. आरपी सिंह
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की अंगीभूत इकाई डी.बी. कालेज, जयनगर के वाणिज्य विभाग व इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय वेबीनार का समापन हुआ।
वेबीनार के समापन सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के प्रख्यात शिक्षाविद प्रोफेसर आर पी सिंह, विशिष्ट अतिथि विनोवा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के युवा शिक्षाविद डा सरोज रंजन, पूर्णीया विश्वविद्यालय, पूर्णीया के शिक्षाविद डाॅ तारा नंद झा, प्रधानाचार्य प्रोफेसर नंद कुमार व डा शैलेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से माॅ सरस्वती की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्वलन कर किया।
वाणिज्य विभाग के सहायक प्रोफेसर व आयोजक डा शैलेश कुमार सिंह ने इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के संस्थापक अध्यक्ष व मैनेजमेंट गुरु प्रोफेसर एच के सिंह, मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर पी सिंह, विशिष्ट अतिथि डा सरोज रंजन, डा तारानंद झा व प्रतिभागीयों का आनलाईन स्वागत किया।
कोरोना संक्रमण काल में बचाव के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक रूप से स्वस्थ रहना भी उतना ही जरुरी है, घर में रहते हुए लोग मानसिक अवसाद का अनुभव कर रहे हैं और यह स्थिति लोगों में अनावश्यक तनाव की वृद्धि कर सकता है। ऐसे समय में उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन से ग्रसित होने के बजाय योग, ध्यान व आयुर्वेद के माध्यम से तनाव को कम कर सकते हैं।
उक्त उदगार मुख्य अतिथि व दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के प्रख्यात शिक्षाविद प्रो आर पी सिंह के है वह डी.बी. कालेज, जयनगर द्वारा कोविद -19 के दौर में तनाव प्रबंधन पर आनलाईन आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार के समापन सत्र में छात्र छात्राओं व शिक्षको को सम्बोधित कर रहे थे।
वेबीनार को सम्बोधित करते हुए समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि विनोवा भावे विश्वविद्यालय के प्रख्यात शिक्षाविद डाॅ. सरोज रंजन ने कहा कि, दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण की बढती भयावहता आम जनमानस के बीच नकारात्मकता का निर्माण कर रही है, जिससे लोग हत्तोसाहित और भयभीत होने के तनावग्रस्त हो रहे हैं। इसके समाधान के लिए आम जनमानस को प्राथमिक स्तर पर ध्यान व योग को अपनाना होगा, जिससे आम जनमानस दैनिक जीवनचर्या के प्रति अभिप्रेरित होकर तनाव मुक्त हो सकेगा।
विशिष्ट अतिथि पूर्णीया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तारा नंद झा ने कहा कि करोना वायरस ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक पक्षों में बहुत बड़ा परिवर्तन किया है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव उधोग और कम्पनीयों के घटते उत्पादन के रुप में सामने आया है। परिणामतः वर्तमान समय में पुरा वर्ष आंशिक व अप्रत्यक्ष बेरोजगारी से गुज़र रहा है।
अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डा नंद कुमार ने कहा कि, कोविद 19 संक्रमण को रोकने के लिए सुनियोजित तरीके से लाकडाउन नहीं किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप कामगारों व मजदूरों से रोजगार छीन गए, वर्तमान परिवेश में वे तनावपूर्ण जिन्दगी जीने को मजबूर है। स्थानीय स्तर पर शासन व प्रसाशन को तनाव प्रबंधन के क्रम में रोजगार व जीविकोपार्जन की व्यवस्था करना चाहिए।
आयोजक व इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के मुख्य संपादक *डाॅ. शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि, राष्ट्रीय वेबीनार के विभिन्न तकनीकी सत्र में प्रतिभागीयों द्वारा 50 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किया गया, साथ ही उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित भारत के विभिन्न राज्यों के 200 से अधिक प्रतिभागीयों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान बेस्ट पेपर प्रजेन्टेशन के क्रम में गोरखपुर की डा गीता सिंह व लखनऊ के स्वदेश दीपक को रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आयोजन सचिव डा मो. मिनहाजुद्दीन ने समस्त अतिथि एवं प्रतिभागीयों के प्रति आभार प्रकट किया एवं कहा कि लाकडाउन एवं कोरोना संक्रमण के दौर में राष्ट्रीय स्तर पर वेबीनार का आयोजन विश्वविद्यालय के दूरदर्शी कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह एवं कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय के अभिप्रेरणा व शुभाशीष से ही संभव हो सका।
इस दौरान मुख्य रूप से प्रधानाचार्य डा नंद कुमार, डा विमलेन्दु मिश्रा, डा उमेश कुमार सिंह, डा शैलेश कुमार सिंह, डा संजय रस्तोगी, डा जमील हसन अंसारी, डा अभिषेक झा, डा प्रियंका सिंह, डा चन्दा रानी, डा गीता सिंह, ओम प्रकाश मौर्य, चन्दन ठाकुर, डा संजय कुमार पासवान, डा संजय कुमार, डा अंतेश्वर यादव, डा अवध बिहारी यादव, डा आनंद कुँवर, डा रंजना, डा मो. मिनहाजुद्दीन, सहित समस्त शिक्षक उपस्थित रहें ।
यूट्रस कैंसर पीड़ित मरीज के लिए किया रक्तदान
दरभंगा : स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल मब्बी, दरभंगा में यूट्रस कैंसर से पीड़ित एवं इलाजरत सुशीला देवी के लिए भारत विकास परिषद् की विद्यापति शाखा के तत्वावधान में परिषद् के प्रांतीय महासचिव राजेश कुमार के द्वारा आज डीएमसीएच में स्वैच्छिक रक्तदान किया गया।
रक्त अधिकोष-पदाधिकारी डा ओमप्रकाश चौरसिया ने कहा कि रक्तदान हर स्वस्थ्य व्यक्ति को नियमित रूप से करना चाहिए। इससे रक्तदाता की एड्स, मलेरिया, हेपेटाइटिस बी और सी सहित अनेक रोगों की निःशुल्क जांच हो जाती है।
परिषद् के उत्तर बिहार प्रांत के महासचिव एवं रक्तदाता राजेश कुमार ने कहा कि रक्तदान से अत्यंत प्रसन्नता मिलती है। इससे अनेक लाभ भी होते हैं,क्योंकि रक्तदान के बाद शरीर में रक्त-निर्माण की गति तीव्र हो जाती है। परिषद् के भारती-मंडन शाखा के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि रक्तदान हमारी मानवीय संवेदना का प्रतीक है। रक्त का कृत्रिम निर्माण संभव नहीं है। इस कारण स्वैच्छिक रक्तदान ही रक्त की आपूर्ति का बेहतरीन माध्यम है।
परिषद् के विद्यापति शाखा के सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि रक्तदान मानव के प्रति हमारी उत्कृष्ट सेवा है। संवेदनशील व्यक्ति स्वतः रक्तदान की ओर प्रवृत्त होते हैं। इससे मरणासन्न व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
अत्यंत गरीब एवं लॉकडाउन के कारण परेशान कैंसर पीड़ित के लिए रक्तदान करने वाले राजेश के इस कार्य की प्रो रामानंद यादव,अनिल कुमार,श्रीरमण अग्रवाल,डा अंजू कुमारी, विजय कुमार यादव आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए लोगों से प्रेरणा लेने की अपील की।
इस अवसर पर रक्त अधिकोष के पदाधिकारी डा ओमप्रकाश चौरसिया,परिषद् के भारती-मंडन शाखा के संयोजक डा आर एन चौरसिया,विद्यापति शाखा के सचिव दिवाकर कुमार, कैंसर पीड़ित के पुत्र राजीव कुमार रंजन तथा रक्त परामर्शी संगीता कुमारी सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित थे।
मुरारी ठाकुर