17 मई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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कोरोना महामारी का सबसे ज़्यादा मार झेल रहा मध्यमवर्ग

मधुबनी : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण ने विश्व के देशों में अपना जाल बिछा कर देश के आंतरिक व आर्थिक विकास के गति पर ब्रेक लगा दिया है। लेकिन कोरोना महामारी से सबसे अधिक गरीब व मध्य वर्ग के लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हजारों प्रवासी मजदूर प्रतिदिन किसी न किसी रूप में अपने घरों के लिए पलायन कर रहे हैं। अब तक प्रवासियों से पूछने पर पता चला कि घर से दूर रहने पर रोजमर्रा की जिंदगी जी कर अपना और अपने परिवारों का भरन पोषण करते आ रहे थे। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए सरकार के द्वारा एकाएक लाॅक डाउन मजदूरों के सामने कयामत बन कर सामने आ गया। हर कोई अपने अपने लिए परेशान हाल नजर आने लगा पेट का भूख और अपने से मिलने की चाहत ने कई किलोमीटर का सफर कई घंटों में रात दिन चल कर तय कर अपने घरों पहुंचने मलाल देखा जा रहा है।

क्या है प्रवासी भारतीयों की स्थिति

भारत को छोड़कर कर पङोसी राष्ट्र नेपाल में रह रहे भारतीय प्रवासियों पर भारत सरकार की नजर नहीं है। यही कारण है कि नेपाल में भारतीय प्रवासियों को मजबूर कर दिया और अपने वतन के लिए जंगली रास्त से यात्रा शूरू कर दिया। पिछले एक महीने के अंदर पङोसी राष्ट्र नेपाल से भारतीय प्रवासियों के आने की संख्या सैकड़ों में देखी गई। सभी भारतीय प्रवासी मजदूरों में अधिकांश बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले कामगार थे। हालांकि भारत के अन्य राज्यों में नेपाली नागरिक प्रवासी मजदूरों को भारतीय व्यवस्था के तहत सभी के स्वास्थ्य की जांच कर क्वारंटाइन सेन्टर में रखा जाता है और उन्हें प्रशासन के द्वारा खाने पीने व रहने की सुविधा मुहैया कराई गई। जबकि नेपाल में काम कर रहे भारतीय प्रवासियों पर नेपाल सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है।

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एक महीने के अंदर डेढ़ सौ से अधिक भारतीय प्रवासी मजदूरों ने नेपाल से नदी और जंगल के रास्ते जयनगर व देवधा थाना क्षेत्र के रास्ते प्रवेश किया। सभी ने एक बात बताई कि खाने खाने के लिए एक दूसरे का चेहरा देखकर कर रहना पड़ता था। जब सब्र की घङी बंद हुई तो सभों ने अपने जाने की ठान ली और घंटों नदी और जंगल के रास्त का सफर तय कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए। शुक्रवार को जयनगर नेपाली रेलवे गुमती के समीप लगभग एक दर्जन से अधिक भारतीय प्रवासी मजदूरों का जत्था नेपाली रेलवे लाईन के सहारे जयनगर पहुंचा। स्थानीय निवासी मोहन पासवान, मुकेश जायसवाल, कुशे पासवान समेत अन्य लोगों ने सबसे पहले इस बात की सूचना स्थानीय प्रशासन को देते हुए सभी ने प्रवासी मजदूरों के मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया।

मजदूरों की व्यथा

प्रवासी मजदूर मो सद्दाम, मो शमशेर आलम, मो मुर्तजा, मो तजमुल, मो परवेज आलम, मो मोतीबुर्हमान, मो तौहीद आलम, मो अल्फाज, मो सद्दाम हुसैन, मो फजबूल रहमान ने बताया कि जयनगर जनकपुर बर्दीबांस रेल खंड पर निर्माण कार्य के लिए निर्माण एजेंसी के द्वारा सभी को नेपाल के महोत्तरी जिले के बीजलपुरा के पास बङी रेल लाइन निर्माण के लिए रेलवे के द्वारा काम कराया जा रहा था लेकिन वैश्विक महामारी को लेकर लाॅकडाउन के कारण सभी भारतीय प्रवासी मजदूर नेपाल में ही फंस गए। लाॅक डाउन की समय अवधि में विस्तार होने के कारण अपने पास खर्च करने के लिए जो राशि थी। समाप्त होने पर जहां तहाँ खाने के लिए हाथ फैलाया गया।

ये व्यवस्था कुछ दिनों तक चली लेकिन ये व्यवस्था समाप्त होने के बाद खाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने से बेहतर अपने घर जाने के लिए सभी ने तैयार हुआ और बुधवार की सुबह महोत्तरी से नदी और जंगल के रास्ते शुक्रवार की सुबह जयनगर पहुंच गया। भारतीय प्रवासी मजदूरों ने बताया कि पानी पानी के लिए तरस गया था। हर कोई छूआछूत और घिनन नजर से देखता था। एक गांव में चापाकल पर पानी पीने की कोशिश की तो पानी पीने नही दिया गया। सभी मजदूर बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला है। इसी तरह विगत दिनों नेपाल से देवधा के रास्ते लगभग पचास की संख्या में बंगाली मजदूर और जयनगर के कमला पुल पर चार दर्जन से अधिक की संख्या में मजदूर नेपाल से आये थे। जिसमें सभी बिहार और बंगाल के थें। जबकि इन प्रवासियों की सुरक्षा और खाने रहने पर प्रशासनिक हस्तक्षेप नदारद देखी गई।

मधुबनी चित्रकला के माध्यम से कर रहे कोरोना के प्रति जागरूक

मधुबनी : अकादमी एवं भारत विकास परिषद मधुबनी तथा अभ्युदय शाखा के संयुक्त तत्वावधान में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस काल में, विश्व विख्यात मधुबनी चित्रकला के राजकीय, राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित एवं अन्य कलाकारों द्वारा अपने रेखा चित्रों के माध्यम से इस रोग की विभीषिका से सुरक्षा, सरकार एवं प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन, जन जागरूकता,अनुशासन का संदेश देने की नैतिक बाध्यता के परिपेक्ष्य में मोबाइल कॉल, व्हाट्सएप ,दूरभाष के माध्यम से यथासंभव कलाकारों सदस्यों से संपर्क कर चलंत संप्रेषित वैचारिक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

मधुबनी चित्रकला के इतिहासविद् प्रोफ़ेसर नरेंद्र नारायण सिंह निराला ने संबोधन करते हुए कहा कि कलाकार अपने चित्रों द्वारा सामाजिक दूरी, धार्मिक स्थलों में एकत्रीकरण से परहेज,उत्सव, धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमों, जलसों का आयोजन नहीं करना। साथ ही गरीब, सुविधा विहीन, विकलांग लोगों के बीच राहत सेवा कार्य को चित्रित कर समाज को सकारात्मक संदेश दें।

भारत विकास परिषद के प्रांतीय सलाहकार, उदय जायसवाल ने विमर्श का संचालन करते हुए कहा कि सम्प्रति वैश्विक संक्रमण काल में समाज के हर वर्ग के साथ साहित्यकार, कलाकार, संगीतकार, विभिन्न क्षेत्र संगठन के प्रबुद्ध व्यक्तियों ,अन्य विधा के हस्ताक्षर को एकजुट होकर ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के भारतीय दृष्टिकोण के साथ समाज को सजग एवं उर्जान्वित करना होगा। एक पक्ष यह भी है कि इस लॉक डाउन के कारण नदियां स्वच्छ प्रवाहमान हो गई। हिमालय की श्रृंखला दृष्टिगोचर हो रही है।पर्यावरण शुद्ध हो गया है, लेकिन इस अभूतपूर्व त्रासदी के क्रम में या बाद में जीवन शैली, स्वास्थ्य, अनिवार्य गतिविधियाँ, आर्थिक मंदी संभावित नकारात्मक प्रक्रिया एवं विश्व युद्ध से भी सजग रहने की आवश्यकता है।

पद्मश्री श्रीमती गोदावरी देवी, राज्य सम्मान से पुरस्कृत दुलारी देवी ने संयुक्त रुप से कहा कि कलाकारों की पेंटिंग बाजार में नहीं जा रही है, परंतु अपने कला के माध्यम से अपना संदेश पेंटिंग बना कर समाज को जागरुक करने के लिए करें। मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ० परमेश्वर झा ने अमेरिका से अपने संदेश में कहा कि मिथिला पेंटिंग के द्वारा समाज जागरुकता का काम सराहनीय है।

पूर्व डीआईजी चन्द्रशेखर दास एवं जीबछ झा, प्रो० जेपी सिंह, डा० कुलधारी सिंह, प्रो० सर्व नारायण मिश्र, प्रो० गंगा राम झा ने विश्व में पूर्व से आ रहे आपदाओं की जानकारी दी। पूर्व प्रशासक श्री कौशिक कुमार झा, श्रीमती सुमन सिंह, ज्योति रमन झा बाबा, श्याम नंदलाल, सुखदेव राउत ने कहा कि यह पहल कारगर साबित होगी।

वहीं, डॉ० गिरीश पांडे एवं डॉ० ओमप्रकाश पंजियार, डा०आलोकानंद झा ने चिकित्सकीय पहलू की जानकारी दी। साहित्यकार कवि धर्मेंद्र कुमार ‘भाई’ ने कहा कि कवि और साहित्यकार की रचनाएं इस त्रासदी में जीवन मूल्य को बचाने के लिए एक दर्पण का काम करेंगी। इसके अलावा कपिल देव झा, गजेंद्र प्रसाद, डॉ० विजय रमन, डॉ० शंकर प्रसाद जवाहर प्रसाद, भोला नंद झा, वेदानंद साह, मनोरंजन सिंह, परिमल रंजन दास, राजू राज, डी कुमार, मनोहर चौधरी और विद्याभूषण की भी सहभागिता रही।

बाहर राज्यों से आ रहे सारे प्रवासी मजदूरों परिवारों के साथ व्यवस्थित रुप से लाने की व्यवस्था की मांग की गई। कोरोना वायरस की विषम परिस्थिति में भी सेवा, राहत एवं अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे सफाई कर्मी, चिकित्सा कर्मी, नर्स, चिकित्सक, बैंक कर्मचारी, संबंधित व्यवसायी एवं प्रशासन कर्मियों की सुरक्षा की कामना की गई।

इस बीमारी से दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। समाज राष्ट्र एवं कल्याण की कामना की गई, और प्रशासन कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनकी सुरक्षा की कामना की गई, एवं उनसे संपर्क कर इस अभियान का विस्तार एवं सेवा कार्य का संकल्प लिया गया।

मधुबनी स्थापत्य के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता पर वेबिनार

मधुबनी : भारत के उज्ज्वल वैदुष्य परम्परा के कीर्तिस्तम्भ भारतीय मेधा अपने अक्षुण्ण ज्ञान से सर्वदा चमत्कृत रही है। हालांकि विभिन्न आक्रान्ताओं के प्रभाव से सूर्यरश्मि के समान ज्ञानराशि ग्रंथों के साथ ही लाल-पीले कपड़े में लिपट कर रह गई थी, परंतु आधुनिकता के इस दौर में अंतर्जाल के माध्यम से धीरे-धीरे अब प्रत्येक जनमानस तक आसानी से उपलब्ध होता दिख रहा है।

मंदिर स्थापत्य कला भारतवर्ष के विचार, धर्म, तत्वज्ञान, एवं संस्कृति का दर्पण है। प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथों में वास्तु स्थापत्य आदि का लेखा-जोखा पूर्णरूप से सुरक्षित है। शनिवार को ‘आत्मनिर्भरं भारतं प्रति’ संस्कृत वेबिनार श्रृंखला-५ के अन्तर्गत ब्रज संस्कृति शोध संस्थान,वृंदावन अपने साथ सारस्वत निकेतनम् के सहयोग से ‘समराङ्गणसूत्रधार’ ग्रंथ पर प्रथम बार एक सारस्वत-चर्चा आयोजित की। कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी डॉ.रामसेवक झा ने बताया कि समराङ्गणसूत्रधार ग्रंथ में कुल 83 अध्याय है। यह भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है।

इस अद्भुत ग्रन्थ में नगर-योजना, भवन शिल्प, मंदिर शिल्प, मूर्तिकला तथा मुद्राओं सहित यंत्रों के बारे में विस्तार से वर्णन है। इस ग्रन्थ के 31वें अध्याय में अनेक यंत्रों का वर्णन है। लकड़ी के वायुयान, यांत्रिक दरबान तथा सिपाही, इनमें वर्तमानयुगीन रोबोट सदृश यन्त्रों के बीज की एक झलक देख सकते हैं।

वेबिनार श्रृंखला की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्रो.पंकज मिश्र ने ‘वास्तुकला के लिए एक विश्वकोशीय कार्य’ पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए राजा भोज के द्वारा निर्मित भोजनशाला तथा वास्तुशिल्प कलाओं का सचित्र वर्णन किया। तथा समराङ्गणसूत्रधार ग्रंथों के प्रत्येक अध्याय में वर्णित तथ्यों को प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली के प्राध्यापक आचार्य डॉ.जयप्रकाश नारायण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को मूर्त रूप देने में इस ग्रंथ की महती उपयोगिता बताए।

वेबिनार में बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ.श्रीकृष्ण जुगनू ने कहा कि भारत में मंदिर स्थापत्य से संबंधित शताधिक ग्रंथ प्राप्त होते हैं। भारत में मंदिरों को लेकर अत्याधिक ग्रंथों का लेखन किया गया है जिसे वर्तमान समय में आत्मसात करने की आवश्यकता है। इसी क्रम में मथुरा की प्राचीन शिल्प कला के विषय में बोलते हुए शिक्षाविद योगेश प्रभुदेशी ने कहा कि मथुरा शिल्प कला का प्रमुख केंद्र रहा है। उन्होंने गुप्त मौर्य कालीन शिल्प कला की बारीकियों पर भी प्रकाश डाला। आमंत्रित शोधार्थी स्नेहा नगरकर ने प्राचीन मंदिरों के अभिलेख विषय पर उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि मंदिरों पर लिखे अभिलेख हमें महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं ।इन अभिलेखों के माध्यम से हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को जान कर उसे अक्षुण्ण रख सकते हैं।

ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सचिव लक्ष्मी नारायण तिवारी ने संस्थान का परिचय देते हुए आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत तकनीक के क्षेत्र में पूर्व में भी अत्यन्त समुन्नत रहा है, जिसके पुनः आलोडन एवं प्रकाश में लानें की आवश्यकता है। वेबिनार में चर्चा सत्र के उपरांत ऑनलाइन प्रश्नोत्तर सत्र में दर्जनों प्रतिभागियों ने विषय से संदर्भित प्रश्न पूछें। जिसका समाधान तत्क्षण वक्ताओं द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ.लक्ष्मी मिश्रा ने अपने सम्बोधन से की। वेबिनार की निर्विघ्न समाप्ति के लिए प्रतीक्षा मिश्रा द्वारा सुमधुर मंगलाचरण ने लोगों को मोहित किया।

वेबिनार का संचालन सुशांत भारती एवं सुरभि पांडेय ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का समन्वय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ मीनाक्षी ने की। कार्यक्रम को सफल बनाने में जाह्नवी संस्कृत ई जर्नल के संपादक डॉ० बिपिन कुमार झा, डॉ० श्लेषा सचिन्द्र, डॉ० रामसेवक झा, योगेंद्र सिंह छोंकर, वर्षा तिवारी आचार्य, गोपाल शरण शर्मा, डॉ० नारायण दत्त मिश्रा एवं डॉ० नरेंद्र भारती, परिधि, आरती शुक्ला, शैरिल शर्मा आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

पत्रकार बन करते थे वाहन चेकिंग, गिरफ्तार

मधुबनी : खजौली थानाक्षेत्र में दो फर्जी पत्रकार की गिरफ्तारी हुई है, जिनकी पहचान विकास यादव व भागीरथ यादव के रूप में की गई है। दोनों दरभंगा जिले के बहादुरपुर गांव के रहने वाले हैं। मधुबनी जिले के खजौली थाना के फूलचनियां चौक पर दो युवक खुद को पत्रकार बताकर वाहनों की जांच कर रहे थे। जब लोगों को संदेह हुआ तो सूचना थाना को दी, तथा वे पकड़े गये।

दोनों फर्जी पत्रकार अवैध रूप से सड़क पर गाड़ियों की तलाशी ले रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी अलग-अलग गाड़ियों से पहुंचे और दोनों बदमाशों को रंगेहाथ दबोच लिया। मधुबनी एसडीपीओ कामिनी वाला ने दोनों गिरफ्तार बदमाशों से काफी देर तक पूछताछ की। उन्होंने बताया कि दोनों युवक फर्जी पत्रकारिता की आड़ में अवैध धंधा करता था, तथा मीडियाकर्मी बताकर दोनों वाहनों की जांच और ठगी का काम करते थे। दोनों फर्जी पत्रकार की पहचान विकास यादव और भागीरथ यादव के रूप में की गई है। दोनों दरभंगा जिले के बहादुरपुर गांव के रहने वाले हैं।

क्वारेंटाइन केंद्र में गमछा बिछा सो रहे लोगों ने ख़ुद वीडिओ बना किया वाइरल

मधुबनी : बिहार के विभिन्न जिलों में अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी कामगारों के लिए क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए है, पर इन केंद्रों पर सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है, दुर्व्यवस्था को ले प्रति दिन बिहार के विभिन्न जिलों से हंगामा व इसकी शिकायत सामने आ रही है।

ताज़ा मामला बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय सिंघासों का है जहां दिल्ली मुम्बई, पंजाब, हैदराबाद सहित कई महानगरों से लौटे प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए है। लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधा नहीं मिलने को लेकर रविवार को पंचायत के जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के खिलाफ जम कर हो हंगामा किया। जिसकी फोटो और वीडियो प्रवासी द्वारा वायरल किया गया।

प्रवासियों का कहना है कि यहां साफ सफाई शौचालय बिजली पानी की कोई सुविधा नहीं दी गई वह गमछा बिछा कर सोने को विवश हैं। एक ही बाल्टी में 40 आदमी नहाते हैं, और कपड़ा भी धोते हैं। वहीं प्रवासी मजदूर अपनी दर्द को बयां करते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चो के लिए रखा जंग लगा हुआ थाली में भोजन करने को विवश बने हुएं हैं।

मुखिया पंचायत सेवक अब तक सुधि लेने के लिए नहीं पहुंची है, नहीं अब तक साबुन मास्क सेनीटाइजर सहित कोई सामान उपलब्ध कराया गया हैं। बेबस प्रवसी मजदुर ने कहा कि पंचायत के मुखिया किरण देवी एवं मुखिया पति द्वारा साफ शब्दों में कहते हैं कि हमसे कुछ नहीं होने वाला है, आपको रहना है तो रहे जाना हो तो जाइये का बात बोलते हैं। ऐसे जनप्रतिनिधियों को चयन कर हम लोग पश्चता रहें हैं, जो हमारे संकट के काल में साथ नहीं हैं।

इन प्रवासी मजदूर राम प्रमोद यादव, बृजेश कुमार, बबलू कुमार, उदयवीर यादव, मुकेश कुमार, बजरंगी कुमार, पवन शर्मा विजय कुमार सहित कई प्रवासियों द्वारा बताया गया कि हम लोग दिल्ली पंजाब गुवाहाटी गुजरात कई शहरों से आए हैं। अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए यहाँ ठहरे हैं, लेकिन यहाँ भी जब से आए हैं कष्टों का अंबार लगा हुआ है। ऐसे में कोरोना से नहीं अन्य बीमारी का शिकार हो जायेंगे। इस पंचायत के द्वारा किसी प्रकार की बुनियादी सुविधा नहीं होने को लेकर हम लोग तंग आ गए हैं। मन करता है, यहां से भाग जाए। लेकिन बेबस हैं, सरकार की व्यवस्था के कारण हम लोग यहां रह रहे हैं। एक चापाकल है जहां पानी के लिए जाते हैं तो लेने नही दिया जाता है। विद्यालय के अगल बगल के लोग तरह तरह की बाते बोलते हैं।

भूमि विवाद को ले दो पक्षों में झड़प, जमकर चले लाठी-डंडे

मधुबनी : विश्व समेत भारत की 130 करोड़ की आबादी कोरोना संक्रमण से सहमे हुए हैं, वहीं मधुबनी जिले के जयनगर थाना अंतर्गत कमलाबारी गांव के लोगों में कुछ चंद जमीन को लेकर दो पक्षों में पुरानी रंजिश चली आ रही थी, जिस कारण से ही दोनों पक्षों के द्वारा डंडा एवं अन्य देसी हथियार से भयंकर खूनी संघर्ष हुआ।

गांव में इसको लेकर पंचायती बैठाई गई, परंतु इसी पंचायती के दौरान दोनों पक्षों के लोगों ने एक दूसरे को लाठी-डंडे से मारने-पीटने लगे। वहीं दोनों गुटों में हिंसक झड़प हो गई, जिसमें 8 महिला समेत 11 लोग घायल हुए। वहीं दूसरे पक्ष से एक लड़की समेत तीन लोग घायल हुए। दोनों पक्षों के घायलों को ग्रामीणों व परिजनों द्वारा जयनगर अनुमंडल अस्पताल इलाज को लाया गया, जहां सबों की इलाज जयनगर अनुमंडल अस्पताल में किया गया। कार्यरत डॉक्टर ने बताया कि दो लोगों की स्थिति नाजुक बनी हुई है, जिसे बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है। जयनगर पुलिस मौके पर पहुंचकर अनुसंधान शुरू कर दिया है।

12 वर्षीय बच्ची की डूबने से हुई मौत

मधुबनी : बिस्फी थाना क्षेत्र के खैरी बॉका उत्तरी पंचायत क्षेत्र में भगौती गांव में बीते रविवार को 12 वर्षीया खुशबू कुमारी की मौत पानी में डूबने से हो गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भगौती गांव निवासी राम लखन यादव के पुत्री खुशबू कुमारी रविवार की सुबह करीब 9 बजे अपने घर में चल रहे कार्य को लेकर मिट्टी लाने के लिए अपने घर से सटे पांच सौ फीट की दूरी पर एक ईट भट्ठा के पास गई थी। जहाँ जेसीबी से खोदे गए गड्ढे में पैर फिसल जाने से डूब गई।

बताया गया कि उस गड्ढे में करीब सात से दस फिट की पानी भड़ा हुवा हैं, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। तथा बच्ची को घर पहुंचे काफी बिलम्ब होने पर परिजनों के द्वार जब उसकी खोजबीन की गई तो उसे मृत्यु रूप में पानी के गड्ढे से निकाली गई। इस घटना की खबर गांव में फैलते ही गांव में कोहराम मच गया और परिजनो को रो रो कर बुरा हाल हो गया। मृतक चार वहन एवं दो भाई में दूसरे नंबर पर होने की बात बताई गई हैं।

इस घटना की सूचना मिलते ही बिस्फी थाना अध्यक्ष उमेश कुमार पासवान, एसआई सुरेंद्र यादव, एसआई नूर आलम खान ने अपने दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच शव को कब्जे में ले लिया। वहीं मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर मधुबनी भेज दिया। इस मौके पर परिवार के लोगों को सांत्वना देने के लिए पंचायत के मुखिया नवल किशोर यादव, राजद के शत्रुघन प्रसाद सिन्हा, सचिन भारती सहित कई लोगों ने परिवार के लोगों हर संभव सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।

न राम न रमजान खतरे में व्यापारिक वर्ग : समीर महासेठ

मधुबनी : बिहार में वैश्य सहित व्यवसायी समाज पर लगातार हो रहे अपराधिक घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय वैश्य महासभा राज्यव्यापी आंदोलन के अन्तर्गत सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुये उपवास कार्यक्रम किया। उपवास कार्यक्रम नगर के राजद विधायक समीर कुमार महासेठ के गिलेसन बाजार स्थित आवास पर रखी गई थी।

इस संदर्भ में महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राजद विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में वैश्य समाज के अधिकांश व्यवसायी लाॅकडाउन के दौरान संगठित होकर गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करने में लगे हैं तो दूसरी तरफ यह समाज अपराधियों के निशाने पर है। विदित हो कि लाॅकडाउन होते हुए भी इनके साथ लगातार हत्या, अपहरण, लूट और बलत्कार जैसी जघन्य अपराधिक घटनायें घट रही है, मगर राज्य की भाजपा समर्थित सरकार पूरी तरह से बेखबर है । वैश्य समाज के कई लोग सरकार की उदासीनता और अपराधियों के भय से अपना घर-बार बेचकर बिहार से पलायन कर रहे हैं।

अतः राष्ट्रीय वैश्य महासभा नें प्रदेश में वैश्य समाज के बिगड़ते हालातों को देखते हुए संगठन के सभी पदाधिकारियों एवं समाज के लोगों से अपील की थी कि वे अपने-अपने घरों में रहकर लाॅक डाउन और सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करते हुये दिनांक 17 मई रविवार को दिन के 11 बजे से 3 बजे तक उपवास रखकर सरकार की निष्क्रियता का विरोध करें।

सरकार की विफलताओं पर विधायक ने जमकर निकाली भड़ास

मधुबनी : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से विश्व त्रस्त है भारत मे लॉकडाउन लागु है। इस जानलेवा महामारी से बचने के लिए इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है और लोगो से मास्क के उपयोग करने की अपील की जा रही है। वहीं, मधुबनी शहर में हो रहे सैनिटाइज की गति धीमी देखकर नगर के राष्ट्रीय जनता दल के विधायक समीर कुमार महासेठ ने नगर मे तेजी से सैनिटाइज हो उसके लिये खुद कमान संभाल ली है।

इसी के मद्देनजर कल सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुये राजद विधायक समीर कुमार महासेठ ने नगर के थाना मोड़ से शहर का सेनीटाईज करने का काम आरंभ किया था। आज उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुये आज शहर के व्यस्ततम रोड कोतवाली चौक पर विधायक समीर कुमार महासेठ ने सैनीटाईजेशन का काम किया।

इस दौरान विधायक ने नीतीश सरकार पर जमकर भड़ास निकाली साथ ही कई सुझाव भी दी। देखने वाली बात यह रही की विधायक ने खुद सेनीटाईजर किट पीठ पर बांधकर शहर को सेनीटाईज करने का काम कर रहे है। उनके साथ कई और कर्मी भी सेनीटाईज करने का काम कर रहे थे। मधुबनी नगर विधायक ने शहर को सैनिटाइज करने के लिये एक टैंकलॉरी के साथ दस सेनीटाईजर किट की व्यवस्था की है। कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त लोगों के बीच विधायक के काम की आम जनता के द्वारा जमकर सराहना की जा रही है।

विधायक समीर महासेठ ने बताया की सेनीटाईजेशन का यह अभियान अनवरत चलेगा। वहीं, वार्ड पार्षद मनीष कुमार सिंह ने विधायक के द्वारा शहर मे किये जा रहे सैनीटाईजेशन के काम की जम कर तारीफ की और बताया की नगर परिषद भी शहर की साफ-सुथरा करने मे तत्पर है। इस मौके पर गणमान्य लोगों के अलावा कई वार्ड पार्षद मौजूद थे।

जल्द खुलेगा निजी स्वास्थ्य संस्थान

nawada newsमधुबनी : कोरोना के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर राज्य में कई निजी स्वास्थ्य संस्थानों ने आपातकालीन एवं सामान्य सेवाएं रोक दी थी. इसको लेकर पूर्व में ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्यहित एवं लोकहित को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, फार्मेसी एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के सभी प्रमुख प्रबंधकों को उनके स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा पूर्व से उपलब्ध करायी जा रही सामान्य एवं आपातकालीन सेवाओं को बहाल करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन राज्य के दैनिक समाचार पत्रों में भारतीय चिकित्सक संघ(आईएमए) के द्वारा सरकार के इस निर्णय का विरोध किया गया है। साथ ही समाचार पत्रों के माध्यम से इस विरोध को जताया भी गया ह।

जिसमें यह समाचार प्रकाशित किया गया कि राज्य के निजी चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश का विरोध करते हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों को कोविड-19 को लेकर आवश्यक सुरक्षा उपकरण एवं सामाग्री दें या मार्केट से उपलब्ध करायें. अन्यथा निर्देश की अवहेलना करने के एवज में वे जेल जाने को भी तैयार हैं. इस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रेस नोट जारी कर पूरे प्रकरण पर सफाई दी गयी है एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों को पुनः आपातकालीन एवं सामान्य स्वास्थ्य सेवा बहाल करने की अपील भी की गयी है।

निजी स्वास्थ्य संस्थानों को रोग संबंधित उपकरण एवं सामाग्री उपलब्ध कराने का कोई उदाहरण नहीं :

भारतीय चिकित्सक संघ द्वारा निजी अस्पतालों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाने की बात पर स्वास्थ्य विभाग ने इसपर जवाब दिया है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पूर्व में निजी प्रक्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों को किसी भी रोग की चिकित्सा से संबंधित कोई उपकरण अथवा सामाग्री उपलब्ध कराने का कोई उदाहरण नहीं हैं क्योंकि निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा दी जाने वाली सेवा के लिए रोगी या उनके परिजन से शुल्क लिया जाता है. इसलिए कोविड-19 के इस दौर में उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षा उपकरण प्रदान कराने का कोई ठोस औचित्य नहीं है।

बीएमएसआईसीएल द्वारा एमसीआई को सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए दिया गया विवरण :

स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि कोरोना संक्रमण काल में राज्य के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड-19 के उपचार के लिए विभाग के प्रोक्योरमेंट एजेंसी, बीएमएसआईसीएल( बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम के द्वारा कोरोना रोकथाम के लिए आवश्यक उपकरण एवं अन्य सामाग्रियों को खुले बाजार से जिन आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त की जा रही है, उन आपूर्तिकर्ताओं की पूर्ण सूचना( दर के साथ) निगम के प्रबंधक निदेशक द्वारा भारतीय चिकित्सक संघ( आईएमए) को उपलब्ध करा दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने भारतीय चिकित्सक संघ से अनुरोध किया है कि राज्यहित में निजी प्रक्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों को पहले की तरह कार्यरत करायें।

ड्यू लिस्ट अपडेट कर दिए जाएंगे टीके, छूटे हुए बच्चों के लिस्ट हो रहा तैयार

मधुबनी : कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में टीकाकरण बंद हो गया था लेकिन सरकार द्वारा सभी जगह टीकाकरण सह आरोग्य दिवस 6 मई से शुरू करने का निर्णय लिया गया था। जिसमें जिला के 11 प्रखंडों के सभी आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप केंद्र एवं सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण आरंभ किया गया। जिसमें सभी टीकाकर्मी को मास्क, गलब्स, सैनिटाइजर तथा मोबिलाइजर को मार्क्स उपलब्ध कराया गया है।

ड्यू लिस्ट के लिए निर्देश :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि कोविड-19 सर्वे संपन्न होने के बाद परिवारिक सूची का विवरण सभी आंगनबाड़ी एवं आशा के पास उपलब्ध है। इस सूची से सभी सर्वे रजिस्टर को अद्यतन कर, ड्यू लिस्ट में जीरो से लेकर 5 साल तक के सभी, वैसे बच्चों का जिनका नाम टीकाकरण सर्वे पंजी में पूर्व से अंकित नहीं है उसे चिन्हित कर सर्वे पंजी में अपडेट कर लिया जाए एवं ड्यू लिस्ट में भी उन लाभार्थी को जोड़कर टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें तथा कोविड-19 संक्रमण के तहत घर-घर किए गए सर्वे पंजी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर सुरक्षित रखा जाए जिससे भविष्य में भी आवश्यक सहयोग लिया जा सके।

सोशल डिस्टेंस का रखा जा रहा है ख्याल :

डॉक्टर ने बताया कि टीकाकरण के दौरान सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखा जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी को तेज बुखार, सूखी खाँसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो, तो चिकित्सा अधिकारी की सलाह के बाद ही उसका टीकाकरण किया जायेगा। सभी टीका कर्मी को सेफ इन्जैक्शन प्रैक्टिस का पालन करने के भी निर्देश दिये गये हैं।

डीएम ने क्वारंटाइन केंद्रों पर दी जाने वाली सुविधाओं का लिया जायजा

मधुबनी : जिलाधिकारी डाॅ0 निलेश रामचन्द्र देवरे एवं डाॅ0 सत्यप्रकाश, पुलिस अधीक्षक, मधुबनी के द्वारा शनिवार को समाहरणालय स्थित जिला पदाधिकारी कक्ष से विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 पर सरकार से प्राप्त निदेशों एवं प्रखंड क्वारंटाइन सेन्टर पर दी जानेवाली सुविधाओं एवं उसकी अद्यतन स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी ली गयी।

जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा राज्य सरकार द्वारा ट्रेनों एवं अन्य माध्यमों से बिहार राज्य में आये प्रवासी मजदूरों को जो प्रखंड/पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन कैंप में रह रहे हैं, को प्रवासी मजदूर निःसक्रमण सहायता राशि के संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निदेशों का त्वरित अनुपालन करने का निदेश दिया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि प्रवासी मजदूर निःसक्रमण सहायता राशि उन्हीं व्यक्तियों को दी जायेगी, जो 14 दिनों तक प्रखंड/पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेन्टर में रहेंगे।

उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निदेश दिया कि रेड जोन के अंतर्गत आनेवाले राज्यों यथा-महाराष्ट्र, गुजरात एवं दिल्ली के प्रवासी मजदूरों को अनिवार्य रूप से प्रखंड क्वारंटाइन सेन्टर में ही रखा जायेगा। अगर किसी व्यक्ति में कोविड-19 का लक्षण पाया जाता है, और उसका सैंपल लिये जाने पर उसे संबंधित प्रखंड के कस्तूरबा विद्यालय स्थित कैंप में रखा जायेगा। साथ ही जांच रिपोर्ट में कोविड-19 पाॅजिटीव पाये जाने पर उसे आईसोलेशन वार्ड में रखा जायेगा।

जिला पदाधिकारी के द्वारा जिले के सभी प्रखंडों एवं पंचायतों में डिग्निटी कीट के आपूर्ति में हो रही देरी को देखते हुए इसकी आपूर्ति अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर से भी संबंधित प्रखंडों को करने हेतु आदेश निर्गत किया गया है। ज्ञातव्य हो कि पूर्व में डिग्निटी की आपूर्ति प्रखंड एवं जिला नजारत के माध्यम से की जाती थी। जिसके कारण जिले के कई प्रखंड/पंचायतों में ससमय डिग्निटी कीट नहीं पहुंचने की शिकायत मिलती थी।

जिलाधिकारी, मधुबनी के द्वारा अधिकांश प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्रखंड स्तर पर शिक्षा विभाग के कर्मी/रसोईया के द्वारा क्वारंटाइन सेन्टर पर आवश्यक सहयोग नहीं करने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई हेतु संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी/अनुमंडल पदाधिकारी को कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन भेजने का निदेश दिया गया। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि वैसे कर्मी/रसोईया जिनके विरूद्ध शिकायत से संबंधित प्रतिवेदन प्राप्त होता है, उनपर त्वरित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

पुलिस अधीक्षक ने सभी एस0डी0पी0ओ0 को प्रत्येक क्वारंटाइन सेन्टर पर एक सिपाही एवं एक चौकीदार की प्रतिनियुक्ति करने का निदेश दिया गया तथा सभी क्वारंटाइन सेन्टर की जांच संबंधित थानाध्यक्ष द्वारा प्रतिदिन की जायेगी। सभी सर्किल ऑफिसर को थानाध्यक्षों द्वारा नियमित क्वारंटाइन सेन्टर का भ्रमण किया जा रहा है अथवा नहीं उसकी निगरानी की जायेगी।

उन्होंने सभी एसडीपीओ को प्रतिदिन एक क्वारंटाइन सेन्टर का अवश्य निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया। साथ ही उन्होंने सभी थानाध्यक्षों को दुपहिया वाहन(बाईक) पर दो व्यक्तियों के बैठे पाये जाने पर उसका चालान काटने हेतु निदेश दिया गया। जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को निदेश दिया गया कि बाहर से ट्रक या अन्य साधनों से आनेवाले प्रवासियों को जिले की सीमाओं पर जांच करते हुए उन्हें उनके संबंधित प्रखंड के क्वारंटाइन में भेजना सुनिश्चित करें।

भारतीय जनता पार्टी ने प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध कराया भोजन

मधुबनी : नगर अध्यक्ष सुबोध कुमार चौधरी के नेतृत्व में बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को पिछले एक अप्रैल 2020 से लगातार अभी तक सेवा का काम किया जा रहा है। नगर अध्यक्ष सुबोध कुमार चौधरी का कहना है, बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल के आते हैं और भूखे प्यासे नित निरंतर चलते रहते हैं। प्यास लगने के बावजूद डर से किसी के हैंडपंप से पानी नहीं पीते इस तरह का माहौल बना हुआ है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता ने प्रथम चरण में खाना वितरण का काम किया। वही दूसरे चरण में कच्चा सामग्री वितरण का काम किया गया, और अभी बाहर से आ रहे मजदूरों के बीच चुरा, गुर, बिस्किट आदि का एक पैकेट बनाकर भूखे लोगों को दिया जाता है।

इस कार्य में मधुबनी विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ जी का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। वहीं, भाजपा मधुबनी जिला अध्यक्ष शंकर झा, नगर महामंत्री पिंटू रौनियार, नगर उपाध्यक्ष सक्सेना सिंह, नगर उपाध्यक्ष विनय पंडित, अशोक राम, विकास आनंद, मनीष कुमार, अभिनव इशान, बद्री रॉय, कुणाल कुमार और अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

सुमित राउत

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