श्रम कानूनों में किए गए बदलाव के ख़िलाफ़ भाकपा ने की बैठक
मधुबनी : उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलाव के ख़िलाफ़ भाकपा माले ने आज एक बैठक की। सिंहेश्वर पासवान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने कहा कि मोदी सरकार का रवैया मजदूरों, गरीबों और किसानों के प्रति उपेक्षापू्र्ण है। लगता है कि यह देश धन कुबेरों और पूंजीपतियों का ही है। मजदूर बिरोधी श्रम संशोधन कानून लाने के बाद तो पूरी तरह साफ हो गया है, कि भाजपा का राष्ट्रवाद धन कुबेरों और पूंजीपतियों का लूटवाद है। गरीब, मजदूर, किसान को भी भारत की संपदा में बराबर का हक मिलना चाहिए। यह देश मजदूर किसान के खून पसीना से सिंचा गया देश है, जिसका हक और इंसाफ के लिए आगे बढ़ने के लिए गरीब मजदूर किसान नौजवान को तैयार होना होगा।
आज महामारी जैसे आपदा के दौर में भी लाखों करोड़ों मजदूरों को अपने भरोसे मरने जीने के लिए छोड़ दिया है। वहीं धनकुबेरों को हवाई जहाज से भारत लाये जा रहें है। प्रवासी मजदूरों को पैदल चलने में भी तरह तरह की यातनाओं का शिकार बनाया जाता है। सैकड़ों मजदूर लाक डाउन में भूख, बिमारी और दुर्घटना के शिकार होकर मौत के मुंह में समा गये है। बहुत ही भयावह व बेदनापूर्न दौड़ से गुजर रहे है। देशब्यापी भारी दबाव और बिश्व भर में हो रही मोदी सरकार की थू-थू के बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की शुरुआत की गई है।
सरकार द्वारा घोषित बीस लाख करोड़ का पैकेज एक ओर जहां पूंजीपतियों के लिए मलाई एवं मजदूरों को भूख मिटाने के लिए उचित राशन तक की गारंटी से भी मुकरना है। गरीब मजदूर का ही कहना है, कि सरकारी राहत ऊंट के मुंह में जीड़ के फोरन के बराबर है।
इस बैठक को संबोधित करते हुए रहिका प्रखंड माले सचिव अनिल कुमार सिंह, ने कहा कि सरकार ढकोसला कर रही है। कोराईनटेन सेंटर की दुर्दशा यह है कि बाहर से आने वाले श्रमिकों को रहने, खाने-पीने तक की ठीक से ब्यबस्था नहीं है। कोराईनटेन सेंटर के लोग जहां तहां घूमते रहते है और यहां तक कि घर भी चले जाते है। इस कारण कोराईनटाईन का मकसद ही खतम हो जाता है।
बैठक को जिला कमिटी सदस्य श्याम पंडित, बेचन राम, स्थानिय माले नेता गणेश यादव, राम प्रसाद पासवान,लक्ष्मण पासवान, राम किशुन पासवान, असर्फी सदाय, शीला देवी, मीना देवी वगैरह ने संबोधित किया। इस बैठक में मजदूर बिरोधी श्रम संशोधन कानून के खिलाफ में एवं सभी गरीब परिवारों को राशन और सभी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम के सबाल पर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।
क्वारंटाइन केंद्रों से बहार घुम रहे लोग, ग्रामीणों ने किया सड़क जाम
मधुबनी : बिस्फी प्रखंड क्षेत्र में बाहर से आ रहें प्रवासी मजदूर पर अफरा-तफरी का मौहल बनने के मामला लगातार प्रकाश में आ रहीं हैं। राजकीय मध्य विद्यालय दूल्हा, खंगरैठा उच्च विद्यालय में रह रहे प्रवासियों के द्वारा दिनभर गांव में घूमकर चाय, गुटका, पान खाने के साथ-साथ अपने निवास स्थानों में जाने के विरोध में ग्रामीण नवयुवक संघ दूल्हा के द्वारा शनिवार को इसके विरोध में सड़क जाम कर दिया।
वहीं नवयुवक संघ के सदस्यों का कहना था कि एक दर्जन से अधिक मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद सहित अन्य जगहों से आए प्रवासी मध्य विद्यालय दूल्हा खंगारैठा में रह रहे हैं, लेकिन सभी प्रवासी दिनभर पूरे गांव घरों में घूम कर दुकान पर चाय-पानी करते देखे जा रहे हैं, जिससे गांव के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
कहने पर प्रवासियों द्वारा देख लेने की धमकी देने की बात बताई गई हैं। इसको लेकर बिरोध मे युवक के द्वारा घंटो पर सड़क जाम करने से यातायात बाधित हो गई। वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। जानकारी के मुताबक इस घटना की सूचना मिलते ही बिस्फी थाना अध्यक्ष उमेश पासवान स्थानीय मुखिया नवल किशोर यादव, सरपंच संतोष झा विद्यालय के प्रधान महादेव साहू सहित कई लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचकर नवयुवकों को समझाया और प्रवासी के द्वारा गांव में घूमने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात बताई गई।
वहीं क्वारेंटाइन सेंटर पर पुलिस बल लगाने की सहमति बनी। इस मौके पर संघ के सदस्य मनीष मिश्रा, रोहित कुमार, नीरज झा, पप्पू कुमार, संतोष चौधरी, सोनू कुमार, सहित कई युवक मौजूद थे। वहीं प्रखण्ड के सिंहासो पंचायत में बनाया गई क्वारेंटाइन में भी विधि-व्यवस्था ठीक नहीं होने एवं बाहर से आये प्रवासी मजदूर इधर उधर घूमने पर ग्रामीणों में भय एवं आक्रोश ब्याप्त हैं।
विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 की अद्यतन स्थिति के बारे में ली जानकारी
मधुबनी : जिलाधिकारी डाॅ0 निलेश रामचन्द्र देवरे एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ0 सत्यप्रकाश ने शनिवार को समाहरणालय स्थित जिला पदाधिकारी कक्ष से विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 पर सरकार से प्राप्त निदेशों एवं प्रखंड क्वारंटाइन सेन्टर पर दी जानेवाली सुविधाओं एवं उसकी अद्यतन स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी ली गयी।
जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा राज्य सरकार द्वारा ट्रेनों एवं अन्य माध्यमों से बिहार राज्य में आये प्रवासी मजदूरों को जो प्रखंड/पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन कैंप में रह रहे हैं, को प्रवासी मजदूर निःसक्रमण सहायता राशि के संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निदेशों का त्वरित अनुपालन करने का निदेश दिया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि प्रवासी मजदूर निःसक्रमण सहायता राशि उन्हीं व्यक्तियों को दी जायेगी, जो 14 दिनों तक प्रखंड/पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेन्टर में रहेंगे।
उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निदेश दिया कि रेड जोन के अंतर्गत आनेवाले राज्यों यथा-महाराष्ट्र, गुजरात एवं दिल्ली के प्रवासी मजदूरों को अनिवार्य रूप से प्रखंड क्वारंटाइन सेन्टर में ही रखा जायेगा, जबकि अन्य राज्यों से आनेवाले पंचायत मजदूरों को पंचायत क्वारंटाइन सेन्टर में रखा जायेगा। अगर किसी व्यक्ति में कोविड-19 का लक्षण पाया जाता है, और उसका सैंपल लिये जाने पर उसे संबंधित प्रखंड के कस्तूरबा विद्यालय स्थित कैंप में रखा जायेगा। साथ ही जांच रिपोट में कोविड-19 पाॅजिटीव पाये जाने पर उसे आईसोलेशन वार्ड में रखा जायेगा।
जिला पदाधिकारी के द्वारा जिले के सभी प्रखंडों एवं पंचायतों में डिग्निटी कीट के आपूर्ति में हो रही देरी को देखते हुए इसकी आपूर्ति अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर से भी संबंधित प्रखंडों को करने हेतु आदेश निर्गत किया गया है। ज्ञातव्य हो कि पूर्व में डिग्निटी की आपूर्ति प्रखंड एवं जिला नजारत के माध्यम से की जाती थी। जिसके कारण जिले के कई प्रखंड/पंचायतों में ससमय डिग्निटी कीट नहीं पहुंचने की शिकायत मिलती थी।
जिलाधिकारी, मधुबनी के द्वारा अधिकांश प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्रखंड स्तर पर शिक्षा विभाग के कर्मी/रसोईया के द्वारा क्वारंटाइन सेन्टर पर आवश्यक सहयोग नहीं करने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई हेतु संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी/अनुमंडल पदाधिकारी को कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन भेजने का निदेश दिया गया। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि वैसे कर्मी/रसोईया जिनके विरूद्ध शिकायत से संबंधित प्रतिवेदन प्राप्त होता है, उनपर त्वरित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
तत्पश्चात पुलिस अधीक्षक, मधुबनी के द्वारा सभी एस0डी0पी0ओ0 को प्रत्येक क्वारंटाइन सेन्टर पर एक सिपाही एवं एक चौकीदार की प्रतिनियुक्ति करने का निदेश दिया गया। तथा सभी क्वारंटाइन सेन्टर की जांच संबंधित थानाध्यक्ष द्वारा प्रतिदिन की जायेगी। सभी सर्किल ऑफिसर को थानाध्यक्षों द्वारा नियमित क्वारंटाइन सेन्टर का भ्रमण किया जा रहा है अथवा नहीं उसकी निगरानी की जायेगी।
उन्होंने सभी एस0डी0पी0ओ0 को प्रतिदिन एक क्वारंटाइन सेन्टर का अवश्य निरीक्षण करने का निदेश दिया गया। साथ ही उन्होंने सभी थानाध्यक्षों को दुपहिया वाहन(बाईक) पर दो व्यक्तियों के बैठे पाये जाने पर उसका चालान काटने हेतु निदेश दिया गया।
जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को निदेश दिया गया कि बाहर से ट्रक या अन्य साधनों से आनेवाले प्रवासियों को जिले की सीमाओं पर जांच करते हुए उन्हें उनके संबंधित प्रखंड के क्वारंटाइन में भेजना सुनिश्चित करें।
विडियो कांफ्रेंस के जरिए सीएम ने पार्टी नेताओं से जाना क्षेत्र का हाल
मधुबनी : वीडिओ कांफ्रेंस के माध्यम से बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने शनिवार को पार्टी तथा संगठन के पदाधिकारियों व नेताओं से जिला से पंचायत स्तर तक कोरोना संकट पर सरकार तथा प्रशासन की पहल व प्रवंधन, कोरेनटाइन केन्द्रों पर व्यस्था, सोशल डिस्टेन्स को लेकर प्रशासन की भूमिका लौट रहे प्रवासियों की जांच की व्यवस्था, प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार श्रृजन, एवं संगठन की सक्रियता जैसे मुद्दों पर बिस्तार से जानकारी ली।
इस क्रम में प्रदेश जदयू के वरिष्ठ नेता तथा अलीनगर दरभंगा के बिधानसभा प्रभारी प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने पांच विन्दुओं पर सीएम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भारी संख्या में प्रवासियों की वापसी को देखते हुए पंचायत स्तर पर सभी सरकारी तथा सार्वजनिक भवनों को कोरेनटाइन सेंटर में बदल कर तत्काल सभी प्रवंध किये जाय, एवं व्यापक स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जाय। कृषि इनपुट अनुदान के लिए कृषि बिभाग के बेबसाइट से आरही बाधा को दूर किया जाय। कोरेनटाइन केन्द्रों पर रोजेदारों के लिए रोजा के समय के हिसाब से भोजन एवं नाश्ता उपलब्ध होनी चाहिए।
बेनीपट्टी एएनएम नर्सिंग स्कूल से संक्रमितो को अनुमंडल कार्यालय, जेल, कोर्ट जैसे भीड-भाड़ वाले जगह से दूसरे जगह स्थानांतरित किया जाय। जदयू नेता श्री ठाकुर ने इसके साथ ही मिथिलांचल के बंद पड़े औद्योगिक इकाईयों को शुर करने की मांग की ताकि रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो।
इसके साथ ही पार्टी संगठन की गतिविधियों के बारे में बताते हुए कहा कि प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर सक्रिय सदस्यों को ह्वाट्सअप ग्रूप से जोड़ने का लक्ष्य भी अंतिम चरण में है, ताकि सोशल मीडिया की तकनीक के माध्यम से कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बना रहे तथा पार्टी एवं सरकार की नीतियों की जानकारी उन्हें मिलती रहे। इस अवसर पर जदयू के पंचायत अध्यक्ष सह सरपंच सच्चिदानन्द झा एवं शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला महासचिव प्रो० सुभाष ठाकुर भी उपस्थित थे।
परिवार के सभी सदस्य मिलकर बढ़ाएं हाथ तभी कोरोना को दे सकेंगे मात
- यूनिसेफ, एनएचएम एवं डब्ल्यूएचओ की संयुक्त मार्गदर्शिका में दी गयी जानकारी
मधुबनी : कोरोना संक्रमण की रोकथाम में सरकार महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। एक तरफ जहाँ संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन एवं दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों एवं अन्य लोगों की घर वापसी जैसे अत्यंत जरुरी निर्णयों से सरकार ने कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ने की मंसा व्यक्त की है. तो वहीँ लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए प्रवासी कामगारों एवं गरीब परिवारों की आर्थिक मदद एवं उनके लिए खाद्य सामग्री की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा रही है।
इसी कड़ी में यूनिसेफ, एनएचएम एवं डब्ल्यूएचओ ने संयुक्त मार्गदर्शिका जारी कर समाज के विशेष वर्गों(गर्भवती, धात्री माताएं, बुजुर्गों सहित बच्चों एवं किशोरों) को कोरोना काल में सतर्क रहने की जानकारी दी है।
गर्भवती महिला एवं धात्री माता रखें अपना ख्याल :
कोरोना के इस दौर में गर्भवती एवं धात्री माताओं को भी अधिक सचेत एवं सतर्क रहने की जरूरत है. इसके लिए गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन, समय से टीका, प्रसव पूर्व जांच एवं आराम का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गयी है. वहीं धात्री माताओं को साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखते हुए मास्क पहनकर बच्चे को दूध पिलाने की बात बतायी गयी है।
किशोरी एवं बच्चे का करें अच्छे से देखभाल:
कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण बच्चे मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं। इसके लिए मार्गदर्शिका में बच्चों की बेहतर देखभाल करने की हिदायत दी गयी है. जिसमें माता-पिता को बच्चों को सरल भाषा में कोरोना बीमारी से बचने के उपायों को बताने, छोटे बच्चों के साथ हमेशा कोई बड़े व्यक्ति के साथ रहने एवं बच्चों को उनकी पढाई जारी रखने में सहयोग करने की बात बताई गयी है. वहीं किशोरियों को माहवारी के समय पैड या साफ़ कपडे इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है।
बुजुर्गों एवं अन्य रोग ग्रसित लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत:
60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, किडनी की बीमारी, कैंसर या मधुमेह जैसी समस्याओं से ग्रसित लोगों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दें एवं इनका विशेष रूप से अलग रहना सुनिश्चित करायें।
सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं का जरुर उठायें लाभ:
कोरोना के मद्देनजर सरकार ने प्रवासी कामगारों एवं गरीब परिवारों की आर्थिक मदद के साथ उनके लिए सरकारी योजनाओं के तहत खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करा रही है. 1 मई से खाद्य पदार्थ वितरण के दौरान पुराने राशन कार्ड धारकों के साथ नए राशन कार्ड धारकों को भी राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसमें अंत्योदय कार्ड धारकों को 20 किलोग्राम गेहूं एवं 15 किलोग्राम चावल उपलब्ध होगा। अन्य श्रेणी के लाभार्थियों जैसे मनरेगा श्रमिक, पंजीकृत निर्माण श्रमिक, ठेला, खुमचा लगाने वाले, रिक्शा एवं ई-रिक्शा चालक आदि को 3 किलोग्राम गेहूं एवं 2 किलोग्राम चावल उपलब्ध होगा।
प्रवासियों को घर भेजे जाने से पहले उन्हें राशन किट दिए जाने का प्रावधान किया गया है, जिसमें उन्हें10 किलोग्राम गेहूं, 10 किलोग्राम चावल ,2 किलोग्राम दाल , 5 किलोग्राम आलू, 2 किलोग्राम भुने चने, 1 किलोग्राम नमक, 250 ग्राम पीसी हुयी हल्दी, 250 ग्राम पिसा हुआ धनिया, 250 ग्राम पिसा हुआ लाल मिर्च एवं 1 लीटर रिफाइंड एवं सरसों का तेल मिलेगा।
आर्थिक मदद एवं आश्रय की व्यवस्था:
कोरोना संक्रमणकाल के मद्देनजर पंजीकृत श्रमिकों को सरकार की ओर से 1000 रूपये दिए जा रहे हैं. जिन श्रमिकों का पंजीकरण नहीं हुआ है, उनका पंजीकरण नगर निगम, नगर पंचायतों एवं बीडीओ द्वारा किया जाएगा. साथ ही लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों एवं प्रवासियों के लिए आश्रय की भी व्यवस्था की गयी है। जहाँ उनके लिए पर्याप्त भोजन, पेयजल, साफ़ शौचालय एवं अलग से बिस्तर एवं चिकित्सा की व्यवस्था है।
श्रमिक अधिकारों के लिए चरण-बद्ध आंदोलन चलाएगी ईसीआरईयू
मधुबनी : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाईज यूनियन के समस्तीपुर डिवीजनल कमिटी की मीटिंग हुई, जिसमे केंद्र सरकार द्वारा वर्षो से चले आ रहे श्रम कानूनों को लेबर-कोड में बदलकर निजीकरण नीति लागू करने के कुत्सित प्रयास की आलोचना की गई। रेलवे के विभिन्न बिभाग के कर्मचारियों द्वारा केंद्र सरकार के नई श्रम नीति,महंगाई भत्ता और कुछ अन्य भत्तों पर रोक लगाने जैसे फैसलों के विरुद्ध ब्यापक आंदोलन की आवश्यकता बताई गई।
ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाईज यूनियन, समस्तीपुर डिवीजन के डिवीजनल सेक्रेटरी श्री रत्नेश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न तमाम स्थितियों से निबटने का सारा आर्थिक बोझ केंद्र सरकार लगातार कार्य मे जुटे केंद्रीय कर्मचारियों खास तौर पर रेलकर्मियों पर हीं डालते जा रही है, जिसके विरोध में मई के अंतिम सप्ताह से चरणबद्ध जन-आंदोलन चलाया जाएगा।उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ नई श्रम नीति के माध्यम से ट्रेड यूनियन के अधिकारों को सीमित करके श्रमिकों से 12 (बारह)घण्टे की बंधुआ मजदूरी करवाने जैसे नियम ला रही है, जिसे कई राज्य सरकारें लागू भी कर चुकी है।
वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी में भी दिन-रात एक करके कार्य कर रहे केंद्रीय रेल कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और कई अन्य भत्तों पर रोक लगा दिया गया है। यदि देश संकट में है, तो इसे संभालने की जिम्मेदारी भी सबों की है। बड़े-बड़े पूंजीपतियों के कर्ज माफ किये जा रहे है।मंत्रियों,सांसदों, विधायकों के वेतन-भत्तों में 55% तक कि वृद्धि की गई है। उनके शानो-शौकत, हवाई-यात्रा, टी.वी.विज्ञापन, भूतपूर्व मंत्रियों-राजनेताओं के जयंति, पुण्यतिथि मनाने, मूर्ति लगाने के लिए आर्थिक-संकट नही है।
लेकिन, केंद्रीय कर्मियों को महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा।देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा मजदूरों-कर्मचारियों का है, जिसके ऊपर नया लेबर कोड थोपकर उसे उसके वाजिब हक़, अधिकारों से बंचित करने का जो षड़यंत्र रचा जा रहा है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाईज यूनियन इसके खिलाफ चरणबद्ध जन-आंदोलन चलाएगी।रेलवेकर्मी को 50 लाख के बीमा कवरेज में लाने के लिए माननीय रेलमंत्री महोदय को पत्र भी भेजा गया है, जिस पर संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
बिना स्कैनिंग के ही कमला बांध के निर्माण में लगाए गए मज़दूर
मधुबनी : जयनगर में कमला नदी में गत साल बाढ़ आने से जो बांध टूट गया था, उसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन उसमें जो कार्यरत मजदूर है, उनकी स्केनिंग अभी तक नही की गई है। वह मजदूर सब बेगूसराय, खगड़िया, सुपौल और सहरसा जिला का है, जो बिना कोरोना का स्कैनिंग कराए हुई लगभग 3 दिनों से कार्य कर रहा था। लेकिन जब ग्रामीणों ने इसकी सूचना अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी को दिया गया, तब मेडिकल टीम ने आ कर मजदूरों का सकैनिंग किया।
जानकारी देते हुए ठीकेदार प्रशांत राय ने बताया कि यहाँ पर जो कार्यरत मजदूर हैं, उसका स्कैनिंग हो गया है। लेकिन जब हमारे संवाददाता ने वहाँ कार्यरत मजदूर से बातचीत की, तो उसने बताया कि इससे पहले हमलोगो का कोई स्कैनिंग नही हुआ था। मौके पर जानकारी देते हुए मेडिकल टीम के चिकित्सक संजय कुमार ने बताया कि बिहार के अन्य जिलों से आये हुए मजदूर कमला बांध के निर्माण में कार्यरत है, उनका हमलोग ने सकैनिंग किया हैं। सभी अभी स्वस्थ है, लेकिन सभी को फेस मास्क पहना अनिवार्य है, तथा कार्य करते समय सोशल डिस्टेन्स का ख्याल रखना है।
गीदरगंज पुलिस पर हमले का मुख्य आरोपित मूसा गिरफ्तार
मधुबनी : बहुचर्चित गीदरगंज गांव में पुलिस टीम पर हमला व फायरिग मामले के मुख्य आरोपित मूसा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अबतक की यह सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मो. मूसा ही पुलिस पर हुए हमले का मुख्य सूत्रधार था। घटना के वक्त पुलिस पर फायरिग भी उसने ही की थी। पुलिस को उम्मीद है मूसा की गिरफ्तारी से कई राज खुलेंगे। हालांकि, इस गिरफ्तारी में पुलिस को काफी मुश्किलों और विरोध का भी सामना करना पड़ा।
थानाध्यक्ष अमृत लाल वर्मन ने बताया कि मो. मूसा को गुरुवार की रात गए करीब तीन बजे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इसके लिए पूरी तैयारी की थी। गोपनीयता बरतने की पूरी कोशिश की थी। मगर, गिरफ्तारी के दौरान फिर से पुलिस बल पर पथराव किया गया। इस पथराव में दो पुलिसकर्मी को काफी चोट भी आई हैं। दर्जनों लोग करीब तीन किलोमीटर तक पुलिस का पीछा करते रहे। काफी मुश्किल से पुलिस आरोपित को लेकर वहां से सकुशल निकलने में कामयाब हो सकी। अबतक इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।
थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपित पुराना हिस्ट्रीशीटर है। उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। उसपर लूटपाट, मारपीट, दंगा और सरकारी कामों में बाधा डालने सहित कई मामले दर्ज हैं। मूसा इस मामले के मुख्य आरोपित व पूर्व मुखिया मो. कामरुजम्मा का दायां हाथ माना जाता है। पुलिस पर हमले कि सारी साजिश उसने रची थी। आरोपित 2000 में हुई दो पक्षों के बीच हिसक झड़प में भी मुख्य आरोपित था। थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि मूसा को जिसके घर से गिरफ्तार किया गया है वो भी जाली नोटों का एक बड़ा धंधेबाज है। उंसके तार पाकिस्तान और बांग्लादेश के आतंकियों और तस्करों से जुड़े हुए हैं। इस विशेष टीम में सत्यजय सिंह, दयाराम यादव, मिथिलेश सिंह और राहुलदेव शामिल थे।
बताते चलें कि गीदरगंज स्थित एक धाíमक स्थल पर पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई थी। देखते ही देखते पुलिस पर पथराव शुरू हो गया। पथराव में अधिकारी समेत कुछ जवानों को चोटें आईं थी। स्थिति बिगड़ता देख पुलिस वापस लौट गई। उपद्रवियों ने पुलिस की एक गाड़ी को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर पास के तालाब में फेंक दिया था। सीओ विष्णुदेव सिंह के लिखित बयान पर ये मामला दर्ज किया गया था। इसमें 45 नामजद और 200 अज्ञात लोगों को आरोपित किया था।
तमिलनाडु से लौटे युवक को नहीं किया क्वारंटाइन, लोगों में दहशत
मधुबनी : बिस्फी प्रखण्ड के औँसी बभनगवां उतरी पंचायत मे तमिलनाडु से आए एक व्यक्ति औंसी जीरोमाइल मल्लाही टोली निवासी को नहीं किया गया कोरनटायन। कहने को बिहार के मुख्यमंत्री ने लाखो रूपए खर्च करने को जन प्रतिनिधि मुखीया के खाते मे डाला हैं, लेकिन इससे जन प्रतिनिधि के अलावा आम जनता का कोई फ़ायदा नहीं हो रहा है।
लेकिन अफ़सोस की बात यह रही की वो घर आने के बाद बिस्फी ब्लॉक मे जाँच के लिए ज़ब गया, तो उसको जाँच करने के बाद बोला गया की घर जाओ अपने मुखिया से बात करो और वह जहाँ बोलेंगे रहने को वहा रहो। लेकिन औँसी बभनगवां उतरी के मुखिया ने उनको अपने घर मे ही रहने को बोले है. और वही गाँव के आदमी का कहना है की हमलोग को आजतक मास्क और साबुन कुछ भी नहीं मिला है। इससे गाँव का आदमी काफ़ी डरा हुआ है। इसका पहल यहां के सरपंच हसीब अख्तर ऊर्फ अर्शी ने किया।
क्वारंटाइन केंद्र में पूर्व सैनिक ने फेस मास्क, सैनिटाइज़र व जूस आदि का किया वितरण
मधुबनी : कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के कारण पूरे राष्ट्र में देशव्यापी लॉक डाउन किया गया है। बाहर से आ रहे प्रवासियों के मद्देनजर क्वारेंटाइन केंद्रों का व्यवस्था की गई है। पर कई जगह पर बहुत सारी खामियां उजागर हो रही हैं। इसी के मद्देनजर मधुबनी जिले के खजौली विधानसभा के जयनगर निवासी पूर्व सैनिक सह समाजसेवी बब्लू गुप्ता ने जयनगर प्रखंड के कोरहिया गांव के क्वारेंटाइन केंद्रों पर जाके वहां रह रहे लोगों के बीच जूस, फेस मास्क, बिस्कुट, मछर अगरबत्ती, सेनेटाइजर, साबुन आदि सामानों वितरण किया।
वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के प्रति सचेत करने और स्वच्छता के लिए जागरूकता के उद्देश्य से खजौली विधानसभा के कई गाँव में राशन, फेस मास्क ओर साबुन गाँव के लोगों के बीच वितरण डोर-टू-डोर करते हुए समाजसेवी सह खजौली विधानसभा चुनाव-2020 के भावी प्रत्याशी बब्लू कुमार गुप्ता ने ग्रामीणों के बीच जाके उनको इस वायरस से सावधान रहने को आगाह किया।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने जो कहा है, और जो दिशा-निर्देश हमें सरकार के तरफ से मिले हैं, उनका पालन हम सभी को शत-प्रतिशत करना है। सोशल डिस्टेंस बनाये रखना है, ओर अधिक जरूरत नही हो तो घर से बाहर बिल्कुल नही निकलें।
कई मौकों पर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से कहा कि बहुत जरूरत होने और ही घर से बाहर निकालें, ओर मास्क लगाएं एवं घर से बाहर जाने-आने के क्रम में हाथ को बढ़िया से धोएं ओर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। उन्होंने ग्रामीणों से उनके घर-घर जाके कहा कि ये एक महामारी बन चुका है हर जगह में, इसलिए अपने यहां भी हम इसके प्रभाव से बचने के लिए इससे बच कर रहें। क्योंकि अभी तक इसकी वैक्सीन या इससे निपटने की दवा का ईजाद नही हुआ है।
आपको बता दें कि बब्लू कुमार गुप्ता वर्ष 2019 में झंझारपुर लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, और 2020 में खजौली विधानसभा से भावी प्रत्याशी भी हैं। इससे पहले वो कई खजौली विधानसभा के दर्जनों प्रखंड के गाँव में जाकर अनाज, राशन, फेस मास्क ओर साबुन इत्यादि चीजों का वितरण कर चूके हैं।
हालांकि इस महामारी के दौरान स्थानीय लोगों में अपने विधायक के प्रति भारी रोष ओर गुस्सा भरा हुआ है, की संकट की इस घड़ी में भी वो राहत तो दूर की बात सुध लेने को भी न आये और किसी लोगों का कॉल रिसीव कर रहे हैं। ऐसे में खजौली विधानसभा वासियों में भारी गुस्सा दिखाई पड़ा वर्तमान खजौली विधायक के प्रति। हालांकि इस वैश्विक महामारी से पहले से ही बब्लू कुमार गुप्ता जी खजौली विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की मदद करते रहे हैं।
सुमित राउत