कृषि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रूपये, बिहार के मखाना को ग्लोबल बनाया जाएगा

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किसान अपने उत्पाद को कहीं भी बेच सकते

पटना: कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कृषि, मतस्य पालन, पशुपालन, डेयरी उद्योग के लिए रियायतों का ऐलान करते हुए कहा कि किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिले इसके लिए दूसरे राज्यों में जाकर भी उत्पाद बेच सकें उसके लिए कानून में बदलाव किया जाएगा। फिलहाल किसान को एपीएमसी लाइसेंस धारकों को ही अपना उत्पाद बेचना पड़ता है।

लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए क्लस्टर बनाई जाएगी

वित्तमंत्री ने कहा कि माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ की स्कीम लाई गई है। इसमें बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं। इससे लोकल के लिए वोकल और फिर ग्लोबल के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी।

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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20,000 करोड़

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की योजना शुरू की है। इस योजना से 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। साथ ही राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 13,343 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत 53 करोड़ पशुओं को टीका लगाया जाएगा।

कृषि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रूपये

वित्तमंत्री ने कहा कि किसानों के पास भंडारण की कमी और मूल्य संवर्धन के अवसरों की कमी को पूरा करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा। जिससे कोल्ड चैन के साथ फसल कटाई के बाद की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान दूध की मांग 20-25% कम हो गई। 2020-21 में डेयरी सहकारी समितियों को 2% प्रति वर्ष दर से ब्याज उपदान प्रदान करने की नई योजना लाई गई है। इस योजना में 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी से 2 करोड़ किसानों को लाभ होगा।

हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए

हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 10 लाख हेक्टेयर में यह खेती होगी। इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी। इनमें से 800 हेक्टेयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी।

मधुमक्खी पालकों को राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 500 करोड़ रुपये मधुमक्खी पालन पर खर्च किए जाएंगे। इसमें 2 लाख से ज्यादा मधुमक्खी पालकों को मदद मिलेगी।

आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन

वित्त मंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन किया जा रहा है। जिसमें आलू, प्याज, खाद्यान्न, खाद्य तेल, तिलहन, दाल आदि के लिए स्टॉक सीमा को खत्म किया जा रहा है। हालांकि विशेष आपदा परिस्थितियों में इसके लिए सीमाएं निर्धारित की जा सकती हैं।

टॉप से टोटल योजना के लिए 500 करोड़

वित्त मंत्री ने अहम एलान करते हुए कहा कि टॉप से टोटल योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का लाभ दिया जाएगा। इसमें टमाटर, आलू और प्याज के लिए लागू योजना को सभी फलों व सब्जियों के लिए लागू किया जाएगा। इसके तहत अधिकता वाले इलाके से कमी वाले इलाके में भेजने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी मालभाड़े और 50 फीसदी स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज के लिए दी जाएगी।

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