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चंपारण में चमकी बुखार व कोरोना की रोकथाम के लिए लगाया गया चौपाल

  • सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल

चंपारण/पीपराकोठी : वैश्विक महामारी कोरोना से भारत सहित विश्व के कई देश जूझ रहे है, वहीं बिहार में कोरोना के साथ-साथ चमकी बुखार भी लोगों की चिंता को बढ़ाए हुए है। प्रति वर्ष मुजफ्फरपुर के आसपास वाले इलाके में एईएस या चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है। जानकारों का मामनना है कि वर्ष 1995 से ही यह रहस्यमय बीमारी बच्चों को शिकार बना रही है। पिछले दो दशक में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से देश में 5000 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। हर साल मई और जून के महीने में बिहार के अलग-अलग कस्बों के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आते हैं और बच्चों के मरने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

चमकी बुख़ार व कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रखंड क्षेत्र के झखरा महादलित बस्ती में चौपाल का आयोजन किया गया। इस चौपाल में सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा गया। अध्यक्षता पीएचसी प्रभारी डा रामशंकर गुप्ता ने किया। इस अवसर पर चौपाल में आशा, सेविका सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की मौजूदगी में चौपाल का आयोजन हुआ. इस अवसर पर डा गुप्ता ने कहा कि चमकी बुखार व कोरोना के लिए जागरूक रहना आवश्यक है।

उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को घर घर जाकर लोगों से सामाजिक दूरी बनाते हुए इन दोनों बीमारियों के संबंध में बताने एवं उससे बचाव के लिए जागरूक करने की बात कही। कहा कि आज देश कोरोना जैसी महामारी के संकट से जूझ रहा है। इससे बचाव का एक मात्र उपाय समाजिक दूरी है। इसी में हम सभी को चमकी बुखार से भी अपने बच्चों को बचाना है। कहा कि बच्चों को कभी भी खाली पेट नहीं रहने दे, आम एवं लीची का मौषम आ रहा है उसे इसके सेवन से बचाये, अगर बच्चों को किसी तरह की परेशानी हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में अवश्य दिखाए। कहा कि अगर किसी भी स्वास्थ्य कर्मी से लापरवाही होती है तो वैसे कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई होना तय है. मौके पर पंचायत के सरपंच, पंच, पंसस, वार्ड सदस्य, आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सेविका, विकास मित्र मौजूद थे।

सोमनाथ