एक दिन में एक लाख से अधिक लोगों को भुगतान कर बनाया रिकॉर्ड
नवादा : भारतीय डाक विभाग कोरोना वायरस के दौरान देशभर में अपनी महती भूमिका निभा रहा है। लोगों को घर-घर जाकर पैसे भुगतान करने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा ले रही है। ऐसे ही कार्य करते हुए शुक्रवार को भारतीय डाक विभाग ने 1 दिन में पूरे बिहार में 1लाख 3 हज़ार 452 लोगों को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से भुगतान किया है।बिहार सर्किल के पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार ने बताया कि शुक्रवार को यह भुगतान 1 दिन में करते हुए बिहार मंडल पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा जारी अनुदेशों का पालन करते हुए अपने घरों में रहें और सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया कि किसी भी बैंक के खाते की राशि आप इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से ₹10000 तक घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने डाकिया को इससे संबंधित सूचना देंगे तो वे डाकिया आपको घर तक आकर यह राशि का भुगतान कर देंगे।
उन्होंने बताया कि डाक विभाग ऐसे घड़ी में कर्मियों के सहयोग से वैसे परिवारों को खाद्यान्न मुहैया उपलब्ध कराया रहा है, जिनके घरों में लॉक डाउन के कारण खाने को कुछ भी उपलब्ध नहीं है। अनिल कुमार ने अपने कर्मियों से भी कहा है कि वह इस मौके पर लोगों को अपनी बेहतर सेवा देकर मानवता का परिचय दें और एक मिसाल कायम करें। डाकघर लोगों का घर है। इसलिए डाकघर सबके साथ जुड़ा है। डाकघर और भी अधिक सेवा देने के लिए तत्पर है।
वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौलीें खानकाह तकिया वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण किये जाने का मामला सामने आया है। इस बावत सुन्नी वक्फ बोर्ड के जिलाध्यक्ष इकबाल हैदर खां मेजर द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। थाने में दिये आवेदन में स्व. खेदो चौधरी के बेटे सुरेश चौधरी को आरोपित किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि खानकाह तकिया वक्फ ई स्टेट नंबर- 975 रजौली की भूमि पर सुरेश चौधरी द्वारा अतिक्रमण कर मकान का निर्माण किया जा रहा है।
जब उन्होंने ऐसा वक्फ की जमीन का अतिक्रमण कर मकान का निर्माण करने से मना किया तो उनके द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि वर्ष 2003 एवं 2006 में भी उक्त आरोपित द्वारा जमीन का अतिक्रमण कर चहारदीवारी बनाने का प्रयास किया गया था। तब इस मामले में 2006 में एसडीओ द्वारा निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। इसकी सूचना डीएम व एसडीओ को दी गई तथा जिला सुन्नी वक्फ कमेटी के अध्यक्ष इकबाल हैदर खां को भी दी गई।
इस बारे में राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड पटना द्वारा प्राथमिकी करने के आदेश पर ताहिर खां द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की गई है बता दें इसके पूर्व जिला सुन्नी वक्फ बोर्ड के जिलाध्यक्ष इकबाल हैदर खां मेजर ने अतिक्रमण की शिकायत बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी वजैन उद्दीन अंसारी से की थी। मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था जिसके आलोक में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है ।
हेल्पर्स ग्रुप ने किया रक्तदान
नवादा : विश्व “थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर हेल्पर्स ग्रूप के द्वारा सदर अस्पताल में रक्तदान किया गया । रक्तदान करने में युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर हेल्पर्स ग्रूप के संचालक सौरभ कुमार भीम ने रक्तदान शिविर में हिस्सा लेने वाले युवाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है। कहा कि धन-संपत्ति का दान तो अस्थाई होता है मगर रक्तदान स्थायी और अक्षय है। यह किसी की जान बचाने में मददगार होता है। मौक़े पर सौरभ कुमार भीम , मनीष दाँगी व गौतम कुमार आदि मौजूद थे।
ओलावृष्टि से पान की खेती हुआ चौपट
नवादा : जिले के नारदीगंज, हिसुआ व पकरीबरांवा प्रखंड के दर्जनों गांवों में पान की खेती चौपट हो गयी । ऐसा गुरूवार को दोपहर के बाद तेज आंधी,पानी के साथ ओलावृष्टि से हुआ। पान उत्पादक किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्हें लाखो रूपये मूल्य के फसल की क्षति होने का अनुमान है।
तूफानके आने से खेतों में पान का बैरेठा उंखड़कर खेत में गिर गया है। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन भी लागू है। इस अवधि में पान की बिक्री भी नहीं हो पायी। मंडी तक पान भी नहीं पहुंच रहा है। एक ओर पान की बिक्री बंद है,तो दूसरी ओर प्रकृति के कहर से पान का उत्पादन बर्बाद हो गया। किसान दोहरी मार से त्रस्त है। हंडिया, पचेया का पान मगही पान के नाम से मशहूर है।
जिले के अलावा ,गया,वराणसी,कोलकता समेत अन्य इलाके में बिक्री होती है। किसान कहते है। अब सरकार के भरोसे ही जिंदा है।अगर सरकार मदद नहीं करती है,तो हमसबों को भूखे मरने की नौबत आ गयी है। इस सबंध में बीएओ अमरनाथ मिश्र कहते है,क्षतिपूर्ति का आकलन कर रिपोर्ट सरकार को भेजा जायेगा,ताकि किसानों की समस्या से निजात मिल सके।
प्रकृति ने ढाया कहर नर्सरी में लगा पौधा बर्बाद
नवादा : चक्रवाती तूफान के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि से गुरूवार की दोपहर में काफी क्षति पहुंचाया है। इस चक्रवाती तूफान का कहर वन विभाग की नर्सरी में लगे पौधा को काफी नुकसान पहुंचाया है। नारदीगंज प्रखंड के वनगंगा(चौरमा ) में पांच एकड़ के क्षेत्रफल में वन विभाग नवादा के सौजन्य से नर्सरी का निर्माण कराया गया है।इस नर्सरी में विभिन्न किस्म के पौधा का रोपन किया गया है।जिसमें इमारती पौधे के अलावा फलदार पौधे भी उगाये गये है। पृथ्वी को हरा भरा रखने के उदेश्य से पौधारोपन किया गया,ताकि स्वस्थ्य व स्वच्छ समाज का निर्माण हो सके। लेकिन प्रकृति के कहर ने सभी के अरमान पर पानी फेर दिया।
तकरीबन आधे की घंटे की तबाही ने ताडंव मचा दिया।इस तरह के आंधी पानी व ओलावृष्टि से पौधे को काफी क्षति पहुंचा है। हिसुआ वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) संजय कुमार ने बताया इस नर्सरी में 2 लाख 30 हजार पौधा का रोपन किया गया है। जिसमें विभिन्न किस्म मे सागवान,मोहगनी,
गंभार,सहजन,अमरूद,जामुन,काला शिशम,शरीफा,कुमूद समेत अन्य पौधा को बोया गया है।चक्रवाती तूफान से नर्सरी में जलजमाव हो गया है,। इससे प्रकृति प्रकोप से 15 से 20 प्रतिशत पौधा का क्षति पहुंचा है। फिलहाल युद्वस्तर पर जल निकासी का काम किया जा रहा है। ताकि नर्सरी में लगे शेष पौधा को बचाया जा सके।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से डीएम ने दिया निर्देश
नवादा : जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा के द्वारा प्रखंड स्तर पर बने क्वारेंटाइन सेंटर से संबंधित समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गयी। समीक्षा के क्रम में उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि प्रखंड स्तर पर बने क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी श्रमिकों के लिए नियमानुसार सभी सुविधा उपलब्ध करायें।
उनके लिए डिग्नेटी किट मुहैया करायी गयी है, जिसमें साबुन, वाशिंग पाउडर, टूथपेस्ट, ब्रश, मग, बाल्टि, गुड नाइट, ग्लास, प्लेट, कटोरी पुरूषों के लिए लूंगी, गमछा, गंजी, महिलाओं के लिए साड़ी, साया आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। सुबह में नास्ता, दोपहर में भोजन एवं रात में भोजन एवं पानी की समुचित व्यवस्था करें।
उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को भर पेट भोजन करायें। प्रतिदिन तीन बार उनकी मेडिकल जांच की जाय। नावाचार में प्रवासी श्रमिकों के सुविधा के लिए सुबह में योगा, बृक्षारोपण, स्पोर्ट्स एक्टीवीटी, भॉली बॉल, फुटबॉल आदि। कामगारों का कार्य में दक्षता के अनुसार सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया। सक्षम श्रमिकों से स्कूल का पेंटिंग, करायें। उनके द्वारा निबंध एवं भाषण का कार्यक्रम करायें जिसमें उनका अनुभव का वर्णन हो।
उन लोगों को टीवी एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से बिहार के दर्शन जैसे – बोध गया, नालन्दा का खण्डहर, शेरशाह का किला, ककोलत जैसे पर्यटन स्थल से अवगत करायें।
उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासी श्रमिक जिनके द्वारा रोजा रखी जा रही है, उनके अनुसार ही भोजन आदि की व्यवस्था की जाय। तला हुआ भोजन से परहेज करें। इन स्थलों पर बिजली की सुविधा, शौचालय की साफ-सफाई पर विषेष ध्यान दें। अगर किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वरीय पदाधिकारी को तुरंत अवगत करायें।
उन्होंने प्रखंड स्तर पर बने क्वारेंटाइन सेंटर के प्रतिदिन निरीक्षण हेतु शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है जिसका फोटोग्राफ्स व्हाट्सएप पर प्रतिदिन भेजना सुनिश्चित करेंगे। दिनांक 04.05.2020 के बाद क्वारेंटाइन सेंटर के प्रवासी श्रमिकों का रैंडमली सैंपल लिया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत बृहस्पतिवार को 42 एवं शुक्रवार को 46 सेम्पल जांचके लिए भेजे गए हैं। संक्रमित मरीजों की पुष्टि होते ही उन्हें आइसुलेषन वार्ड में भेजे जायेंगे। महिला को कस्तूरवा विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटरमें रखें, गर्भवती महिला को पी0एच0सी0 में रखें। बच्चों को सुधा का ही दूध दें।
श्रमिकों का जॉब कार्ड कैम्प लगाकर मुहैया करायें।उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों से किसी प्रकार का भेद-भाव न करें। भय का माहौल न पैदा होने दें। इन सभी जगहों पर डस्टवीन, मास्क, थर्मल स्कैनर, सेनेटाइजर का उचित प्रबंध करें। प्रवासी श्रमिकों को गांव या घर के लोगों से मिलने पर सख्त प्रतिबंध किया गया है।
मातृत्व दिवस पर विशेष : माँ की ममता और कोरोना युद्ध
नवादा : कहा जाता है माँ ममता की मूर्ति होती है लेकिन मेरा मानना है माँ के चरणों से हीं ममता की धारा बहती है। माँ ममता की नदी हीं नहीं बल्कि माँ ममता की सागर होती है। चाहे कितना ही मुसीबत क्यों न आ जाए वह अपनी जान की परवाह किए बिना ही अपने बच्चों को सुरक्षित रखना चाहती है। अगर माँ का वस चले तो वो सारी दुनिया की सुख-सुविधा अपने संतान के लिए उपलब्ध करा दे, अगर माँ का वस चले तो वो भगवान् से उसे अमर होने का वरदान दिला दे।
आइए आपको एक नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के कुझा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य पंकज कुमार की आप बीती कहानी सुनाता हूँ। बात उन दिनों की है जब वे आठ-नौ वर्ष के थे ।उस समय दूसरी कक्षा में पढते थे। पिता जी अपने व्यापार के सम्बन्ध में लखनऊ गए हुए थे।घर में माँ और दीदी थी। दो भाई पिता जी के साथ गए हुए थे, जबकि एक भाई गांव में थे। विद्यालय में गर्मी की छुट्टियां चल रही थी। हुआ यूं कि एक रात अचानक तबियत खराब हो गई, तेज बुखार था, शरीर ठंड से थरथर काँप रहे थे कुछ पता हीं नहीं चल रहा था क्या हो गया है। मुंह से किसी तरह एक आवाज निकली मां-माँ। माँ की निंद तुरंत टुटी और बोलने लगी तुझे तो जोरों से बुखार है।मां ने चादर ओढाई लेकिन वे थरथर काँप हीं रहे थे। फिर दीदी ने बक्से से कम्बल निकाला और ओढा दिया फिर भी काफी ठंड लग रहा था। माँ ने अपने सीने से लगा लिया।
तबीयत खराब होते हीं जा रही थी। आस-पडोस में जो थे शायद वे गर्मी की छुट्टियों में अपने गाँव चले गए थे। अब बारह बजे रात में मां करे तो क्या करे। फिर भी वो गोद में लेकर सरकारी अस्पताल ले गई। वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं थे। तबीयत सीरियस होता जा रहा था। जब अस्पताल में भी सहायता नहीं मिली तो वो अपने गोद में उठाकर पुनः अपने घर ले आई।
नवादा पोस्ट अॉफिस के पास डेरा था जो अस्पताल से ज्यादा दूर तो नहीं था लेकिन जब किसी माँ के संतान की जान खतरे में हो तो वो तुफान से भी टकरा सकती है भगवान् से भी लड़ सकती है। जब उसे लगा अब दवा उपलब्ध नहीं हो सकेगा। तो वो दीदी से बोली लोटे में पानी लाओ। दीदी ने पानी लाकर दी और माँ अपने आंचल को पानी में भींगाकर ललाट पर रखने लगी, जब आंचल गर्म हो जाए तो पुनः आंचल को पानी से भिंगाती और ललाट पर रखती यही प्रक्रिया मां बार-बार दुहरा रही थी। अब कुछ आराम का बोध हो रहा था। शायद बुखार कम रहा था इसलिए आराम का बोध हो रहा था। कुछ देर के बाद निंद आने लगी शायद बुखार कम रहा था।
माँ भगवान् से प्रार्थना कर रही थी हे भगवान् मेरे बेटे को बचा लो।अब निंद लग चुकी थी। जब सुबह निंद टुटा तो देखा की मां बगल में बैठी है और दीदी खाना बना रही है। एहसास हुआ मेरी मां रात भर मेरे पास इस इंतजार में बैठी रही कि मैं कब आंखें खोलूं की वो पुछ सके कि कैसा तबीयत है बेटे। और वो यही पुछी भी। मैंने भी हिम्मत बांधा और बोला अब ठीक हूँ मां। यह बात सुनने के बाद उसके आंखों में आंसू आ गए। और वो अपने आंसुओं को रोक न सकी। ए आंसू उस माँ की ममता के हीं थे। उस दिन एहसास हो गया मां से ममतामयी इस दुनिया में कोई नहीं है। अब सरकारी विद्यालय का शिक्षक हूँ। नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कुज्झा में कार्यरत हूं। अब मेरे भी तीन बच्चे हैं दो लडकियां और एक लड़की।
पिता जी का निधन हुए पांच वर्ष होने को हैं। चारों भाई अलग-अलग रह रहे हैं। दीदी भी अपने परिवार के साथ खुशी पूर्वक जिंदगी जी रही है।
मैं भी निष्ठा पूर्वक ड्यूटी निभा रहा हूँ। सब को पता है अभी देश और दुनिया कोरोना जैसी भयंकर महामारी से लड़ रहा है। अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस जैसे सुखी सम्पन्न देश इस महामारी से बर्बाद हो चुके हैं।पूरे दुनिया में तकरीबन 25 लाख लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं और 2.5 लाख लोग अपनी जिंदगी गवा चुके हैं। इस संकट की घड़ी में हजारों हजार कर्मवीर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
शायद यह जानते हुए कि अगर हम उस बीमार आदमी के सम्पर्क में आए तो हम भी संक्रमित हो सकते हैं फिर भी प्रतिदिन ड्यूटी पर जाना है। शायद हमलोगों में एक अजब सा जूनून सवार हो गया है कि हमें लोगों को इस संक्रमण से सुरक्षित रखना है। लोगों को जागरूक करना है कि सभी लोग घर में रहें और सुरक्षित रहें, साथ ही साथ लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें।
अब आपको उस ममतामयी माँ के बारे में बताता हूँ कि उस पर क्या गुजर रही है और वो क्या सोच रही है। जब मैं घर से ड्यूटी के लिए निकलता हूँ तो वो बोलती है बेटा लोगों की सेवा करना अच्छी बात है लेकिन अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखो। सुनती हूँ कोरोना एक संक्रामक बीमारी है जो छुने एवं छिकने से भी हो सकता है। इसलिए बेटे लोगों से दूरी बनाए रखना।
अगर कोई कोरोना संक्रमित रोगी हो तो उसके ज्यादा नजदीक नहीं जाना क्या पता तुझे कुछ हो जाए तो इन बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। मैं यह नहीं कहती कि लोगों की सेवा नहीं करनी चाहिए लेकिन अपने परिवार की भी परवाह करना तुम्हारी जिम्मेदारी है। जब मैं ड्यूटी कर के शाम में घर लौटता हूँ तो माँ बोलती है तु आ गया बेटा। जब यह शब्द कानों में पडते हैं तो ऐसा एहसास होता है कि उस मां के मन में यह विश्वास है कि मेरा बेटा आज दिनभर युद्ध कर आया है और वो भी सुरक्षित।
उसे यह भी पता है कि कल वो फिर उसी कुरुक्षेत्र में जाएगा और युद्ध करेगा, जीतेगा और पुनः घर को आएगा। लेकिन फिर भी मां का दिल तो माँ का हीं होता है। इसलिए मेरा मानना है पृथ्वी पर अगर ममता बहती है तो वो माँ की चरणों से हीं बहती है। इस दुनिया में माँ से ममतामयी कोई वस्तु हो ही नहीं सकती ।
दो पक्षों के बीच मारपीट के बाद तनाव, पुलिस कर रही कैंप
नवादा : जिले के पकरीबरांवा प्रखंड क्षेत्र के धमौल बाजार में देर रात मामूली विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर रोडे़बाजी हुई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया। घटना के बाबत थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। 10 लोगों को नामजद व कुछ अज्ञात को आरोपित किया गया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जाता है कि रात में धमौल बाजार के गणेश स्थान के समीप कुछ लोग गुजर रहे थे। जिसपर वहां के लोगों ने टोकाटोकी की। जिसके बाद कहासुनी होने लगी। बात बढ़ गई और मामला मामला मारपीट से रोड़ेबाजी तक पहुंच गया। सूचना के उपरांत धमौल ओपी पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। परंतु लोग मानने को तैयार नहीं हुए। मामला बिगड़ते देख सूचना एसडीपीओ पकरीबरावां मुकेश कुमार साह को दी गई।
सूचनोपरांत एसडीपीओ धमौल पहुंचे और स्थिति को संभाला।
हालांकि, एक पक्ष द्वारा पुलिस के आने पर भी रोड़ेबाजी की गई। घटना के बाद पुलिस ने गांव के कुल 10 लोगों को नामजद व कुछ अज्ञात को आरोपित बनाया है। गिरफ्तार युवकों में मो. रहमान एवं राजू कुमार शामिल हैं। समाचार प्रेषण तक तनाव को देखते हुए इलाके मे पुलिस कैंप कर रही है। मामले को लेकर एसडीपीओ मुकेश कुमार साह ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाकर शांत करा दिया गया है। शांति भंग करने का प्रयास करने वालों से प्रशासन सख्ती से पेश आएगी।
शांति समिति की बैठक आयोजित :
मारपीट एवं रोड़ेबाजी की घटना को लेकर धमौल थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे एसडीपीओ मुकेश कुमार साह ने मौजूद लोगों से कहा कि जो भी लोग शांति व्यवस्था को खत्म करने या कानून को हाथ में लेने की कोशिश करेंगे, वैसे लोगों को चिह्नित कर जेल भेजा जाएगा। किसी भी सूरत में अशांति फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दोनों पक्ष के लोग आपसी समरसता बनाकर शांति बहाल करें।
इस अवसर पर इंस्पेक्टर लालबिहारी पासवान, मुखिया लक्ष्मीनारायण साव, सरपंच उपेंद्र प्रसाद सिंह, विरेंद्र कुमार स्वर्णकार, पूर्व उपप्रमुख गजाधर यादव, कमरुलबारी धमौलवी, सुजिन्द्र सिंह, कैसर मंसूरी, विनोद कुमार गुप्ता, जमाल, मोकिम आलम, अफजल हुसैन अंसारी सहित कई अन्य मौजूद थे।
घर की छत पर ही कर ली साग-सब्जी की खेती
नवादा : कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने की जिम्मेवारी शासन-प्रशासन के साथ ही आमजन भी उठा रहे हैं। घर से निकलना नहीं पड़े, इसके हर संभव जुगत लगाए जा रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरतों में हरी व ताजी सब्जियों की खरीदारी लॉकडाउन के शर्तों को पालन करने में बाधक बन रही थी। फलस्वरूप नगर के न्यू एरिया मोहल्ला निवासी पवन कुमार ने लॉकडाउन में घर की छत पर ही साग-सब्जियों की खेती कर ली। लाल साग, पालक, कद्दू, भिडी आदि की खेती की। चंद दिनों में फसल भी तैयार हो गया। इसके अलावा उन्नत किस्म के अमरूद, नींबू आदि फलदार पौधे भी लगाए।
संक्रमित होने का नहीं रहा खतरा
पवन कहते हैं कि सब्जियों को खरीदने के लिए बाजार जाना पड़ता था। वहां काफी भीड़ रहती। शारीरिक दूरी का पालन करना मुश्किल हो रहा था। इससे कोरोना का संक्रमण फैलने और खुद संक्रमित होने का खतरा था। इससे बचने के लिए बाजार से सब्जियों की बीज खरीद लाए। डिब्बों में मिट्टी भरा और बीज बो दिया। कुछ दिनों की मेहनत के बाद फसल तैयार होने लगे।
खेती में समय भी कट जा रहा
पवन कहते हैं कि 24 घंटे घर में बैठे रहना पहाड़ साबित हो रहा था। एक-एक पल भारी लगने लगा था। अब घर की छत पर साग-सब्जी की खेती शुरू करने के बाद समय भी व्यतीत हो जा रहा है। छत पर सब्जियों की खेती का भी अनुभव शानदार रहा। हरी व ताजी सब्जियां खाने को मिलेगी। प्रतिदिन फसल का पटवन व निकौनी खुद करते हैं। इसमें समय कब बीत जाता है, पता भी नहीं चलता।
कैसे करते हैं खेती
पवन मुख्यत: कैटरर्स के पेशे से जुड़े हैं। सब्जी की खेती के लिए थर्मोकोल के कार्टन में का उपयोग करते हैं। उसी में मिट्टी डाल साग-सब्जी का उत्पादन करना शुरू किए हैं। प्रयोग सफल रहा। उनकी सोच को आसपास के लोग सराह रहे हैं।
जिला राजद की 50 सदस्यीय कार्यकारिणी का हुआ गठन
नवादा : जिला राजद की कार्यकारिणी का गठन कर दिया गया है। जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव द्वारा जारी कार्यकारिणी सूची में चार उपाध्यक्ष, 9 महासचिव, 10 सचिव सहित 23 कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं। वरिष्ठ नेता अनिल प्रसाद सिंह, सैयद शाहजहां प्रिस रिजवी उर्फ प्रिस तमन्ना, वजेंद्र कुशवाहा व बालेश्ववर यादव कुल चार उपाध्यक्ष बनाए गए हैं।
इसी प्रकार शशि भूषण शर्मा को प्रधान महासचिव बनाया गया है। जबकि सेराजउद्दीन अंसारी, वीणा देवी, प्रो. जितेंद्र यादव, राजदेव यादव, अरविद चंद्रवंशी, दिलीप रविदास, अंबिका साव, सुरेंद्र यादव वारसलीगंज को महासचिव बनाया गया है। मंजूर आलम, उमेश यादव- हिसुआ, राजेंद्र चौधरी- नारदीगंज, धर्मेंद्र यादव- पकरीबरावां, रामकृष्ण राजवंशी- मेसकौर, जय लाल चौहान- नवादा, वीरेंद्र पासवान- अकबरपुर, दीनानाथ मांझी- नारदीगंज, डॉ. परमेश्वर दयाल- रजौली, महेंद्र प्रसाद यादव- अकबरपुर को सचिव की जिम्मेवारी दी गई है। बाल्मीकि प्रसाद यादव कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। नंदकिशोर बाजपेई को प्रवक्ता व अभिजीत कुमार गांधी को कार्यालय सचिव बनाया गया है।
इसके अलावा बाल गोविद प्रसाद यादव, रामदेव यादव, उदय यादव, विजय कुमार चौधरी, एजाज अहमद चांद, सुरेंद्र कुमार, जयप्रकाश कुशवाहा, दिलीप कुमार, मेराज खान, उमेश प्रसाद यादव, रामचंद्र यादव, सुनील कुमार निराला, प्रवीण कुमार, संतोष कुमार सिन्हा, उत्तम कुमार गुप्ता, शारदा राजवंशी, संजय सिंह ,शिवशंकर चंद्रवंशी, सरयू यादव, तरुण राजवंशी, रंजीत कुमार, दिलीप कुमार, महफूज आलम (नवादा) को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है। जिलाध्यक्ष ने नए पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों को शुभकामना दी है। नवगठित कमेटी में सामाजिक समीकरणों का ख्याल रखा गया है। हर वर्ग के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
कहीं पानी को तरस रहे लोग, तो कहीं हो रही बर्बादी
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली अनुमंडल मुख्यालय क्षेत्र में कहीं बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं तो कहीं पानी की बर्बादी हो रही है। पर इससे न ही विभाग को मतलब है और न ही आमलोगों को। रजौली वन विभाग स्थित बने जलमीनार से घरों तक पानी की सप्लाई आज तक नहीं हुई, लेकिन चौक-चौराहों में लगाए गए नल एवं पाइप लीकेज से सड़क पर पानी जरूर बह रहा है। विभाग की अनदेखी के कारण यह समस्या बनी हुई है। कई जगहों पर पाइप लीकेज है। जिसके कारण भी टंकी चालू होने के बाद हजारों लीटर पानी बर्बाद होता है।
गत वर्ष भीषण गर्मी होने पर प्रखंड क्षेत्र में भूजल-स्तर लगातार नीचे जा रहा था। घरों में लगे चापाकल व मोटर पंप भी तब जवाब देने लगा था। लोग परेशान थे। इस वर्ष भी गर्मी बढ़ने पर परेशानी हो सकती है, लेकिन बेवजह पानी की बर्बादी को रोकने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है। यहां तक की आम लोग भी उसे देखकर ऐसे ही छोड़ दे रहे हैं। रजौली के डाकबंगला चौक के पास जलमीनार से पानी सप्लाई के लिए पाइप बिछाया गया था।
हालांकि, कुछ ही जगहों पर वह पानी पहुंचाने में सफल रहा। उन जगहों पर विभाग ने स्टैंड पोस्ट लगाए हैं। पर उन स्टैंड पोस्ट का देखरेख नहीं हो रहा है। नल टूट गए हैं। जिससे जलमीनार से पानी सप्लाई होने के बाद वह सड़क पर ही बहता रहता है। जब तक जलमीनार चालू रहता है, तब तक पानी सड़क पर बहता रहता है। इससे विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक तरफ सरकार व विभाग के द्वारा जल संरक्षण को लेकर बड़े-बड़े जागरुकता पोस्टर लगाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सड़क पर बेवजह पानी बर्बाद हो रहा है। इसे रोकने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
जलापूर्ति योजना से हर घर तक पानी सप्लाई करने का था लक्ष्य
कई वर्ष पहले सरकार के द्वारा ग्रामीण पेय जलापूर्ति योजना के तहत रजौली में हर घर तक पानी सप्लाई करने के लिए पाइप भी बिछाए गए थे। पाइप बिछाए जाने के बाद कई जगहों पर स्टैंड पोस्ट बनाकर नल भी लगे। पाइप लीकेज होने के कारण पानी सड़कों पर बह रहा है। पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा है। जिससे इस योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इसकी शिकायत अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक की गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। सिर्फ आश्वासन के सिवा लोगों को कुछ भी नहीं मिला। जबकि रजौली प्रखंड के सभी आला अधिकारी वहीं सड़कों से गुजरते हैं बावजूद पाइप का लीकेज नहीं बंद होने का नाम ले रहा है, जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है । समाजसेवी अनिल यादव कहते हैं कि विभाग की लापरवाही से कई वर्षों से चार पांच जगहों पाइप लीकेज के कारण पानी बर्बाद हो रहा है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
वन संपदा की चोरी के लिये अधिकारी जिम्मेवार
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के सवैयाटांङ पंचायत की जंगलों में वन संपदा की चोरी के लिये वन अधिकारी जिम्मेवार हैं । आरोप पंचायत वासियों ने लगाते हुए इससे संबंधित आवेदन वन मंत्री समेत तमाम अधिकारियों को दी है। सुरेश यादव समेत ग्रामीणों का आरोप है रजौली पूर्वी वनपाल बीरेन्द्र कुमार पाठक व फौरेस्ट गार्ड ॠषि कुमार की मिलीभगत से आसपास के क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर अवैध रूप से अभ्रक खनन व लकङी की कटाई करायी जा रही है ।
जंगल माफियाओं द्वारा वन संपदा की लगातार चोरी करने से वन विरान होता जा रहा है तो सरकारी राजस्व की क्षति हो रही है। यहां तक कि वन व पुलिस अधिकारियों द्वारा छापामारी के पूर्व सूचना दोनों कर्मियों द्वारा माफियाओं तक पहुंचाये जाने से पर्याप्त सफलता मिलना तो दूर छापामार दलों पर हमला लगातार बढता जा रहा है। ऐसा होने से माफियाओं का मनोबल बढता जा रहा है। उन्होंने वन मंत्री समेत तमाम अधिकारियों से आरोपों की जांच करा दोषी कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
क्या कहते हैं अधिकारी :
ग्रामीणों का आवेदन प्राप्त हुआ है । जांचोपरांत आरोप सही पाये जाने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अवधेश कुमार झा, वन प्रमंडल पदाधिकारी, नवादा: