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नौटंकी या नेकी? सोनिया देंगी रेलटिकट, पर विधायक ने वापस मांग ली दान की रकम

नयी दिल्ली/पटना : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सोमवार को घोषण की कि उनकी पार्टी प्रवासी मजदूरों के बिहार और अपने दूसरे गृह प्रदेशों में वापसी का खर्च उठायेगी। कांग्रेस मजदूरों के रेल टिकट का वहन करेगी। लेकिन इसके ठीक उलट उन्हीं की कांग्रेस पार्टी के एक बिहारी विधायक ने मुख्यमंत्री कोरोना फंड में दान की हुई रकम वापस मांग ली है। कोरोना को लेकर देश में छिड़ी जंग के बीच कांग्रेस और कांग्रेसियों का यह दोहरा चरित्र बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मजदूरों को लुभाने की मंशा के बीच बहादुरगंज विधायक का नाटक

पूरा मामला बिहार में किशनगंज जिले के बहादुरगंज से कांग्रेस के विधायक तौसीफ आलम से जुड़ा है। विधायक जी ने पहले तो वाहवाही लूटने के लिए कोरोना संक्रमण से लड़ाई के लिए मुख्‍यमंत्री राहत कोष में 50 लाख रुपये दान किये और अपने लिए तथा अपनी पार्टी के लिए खूब वाहवाही लूटी। लेकिन अगले ही ​कुछ दिनों में उनकी नीयत और नौटंकी सामने आ गई। विधायक जी ने दान करने के कुछ ही दिन बाद बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि—गलती हो गई, पैसे वापस दे दीजिये।

कोरोना के खिलाफ मोदी—नीतीश की जंग और राजनीति का दोहरा चरित्र

साफ है कि कांग्रेस और उसके नेताओं को कोरोना से कुछ लेना—देना नहीं है। उन्हें तो बस अपनी राजनीति को जिंदा रखने भर से मतलब है क्योंकि जिस तरह केंद्र और राज्य सरकार इस संकट को संभाल रही है, उसमें विपक्ष के लिए राजनीति के सिवा करने के लिए कुछ भी बाकी नहीं रह जाता। यही कारण है कि विधायक तौसीफ आलम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी लॉकडाउन में वापस लौटने वाले प्रवासियों का रेलभाड़ा देने की घोषणा की है।

पीएम मोदी की लोकप्रियता और कार्यकुशलता से घबराया विपक्ष

दरअसल, कोरोना काल में प्रधानमंत्री की कार्यकुशलता और बढ़ती लोकप्रियता से विपक्ष घबराया हुआ है। चाहे कांग्रेस हो या बिहार में राजद, सभी घबराये हुए हैं। कुछ नहीं सूझने की हालत में दोनों ही पार्टियां लोगों को लोकलुभावन घोषणाओं और बयानों से भ्रमित करने की दिशा में काम करने लगे हैं। सोनिया गांधी की तरह कांग्रेस विधायक ने भी अपने रकम वापस मांगे जाने को कोरोना पर चल रही राजनीति से जोड़ा। जहां सोनिया ने मजदूर हितैषी कांग्रेस का चेहरा सामने पेश करने की कोशिश की, वहीं उनके विधायक ने कोरोना को लेकर राज्य सरकार द्वारा उनके इलाके में पर्याप्त कार्रवाई नहीं किये जाने आरोप लगाते हुए पैसे वापस मांगने को जायज ठहराया है। विधायक ने सीएम नीतीश को भेेेजे पत्र में लिखा कि उन्‍होंने जिस मकसद से राहत कोष में विकास योजनाओं की राशि दी, वह पूरा होता नहीं दिख रहा है। इस कारण सरकार अविलंब उनके द्वारा दिए गए 50 लाख रुपये वापस किये जाएं।