अब प्रवासी मजदूरों से किराया नहीं वसूलेगी सरकार
चौतरफा आलोचना होने के बाद लिया निर्णय
पटना: कोरोना संकट से निपटने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के अंदर अन्य प्रदेशों में लाखों श्रमिक फंसे हुए हैं। इन श्रमिकों को शार्मिक स्पेशल ट्रेन से गृह प्रदेश भेजा जा रहा है। लेकिन, बदले में इन मजदूरों से रेलवे किराया ले रही थी। प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने के कारण मोदी सरकार की चौतरफा आलोचना होने लगी।
चौतरफा आलोचना होने के बाद रेल मंत्रालय ने अपना निर्णय बदलते हुए कहा कि अब प्रवासी मजदूरों से ट्रेन का किराया नहीं वसूला जाएगा। प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेनों के किराए पर रेलवे ने 85 फीसदी की सब्सिडी दी है और 15 फीसदी किराया राज्य सरकारें देंगी।
इस इस बात की जानकारी देते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पीयूष गोयल के कार्यालय में बात की है। प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में उनके घर भेजा जाएगा इसके लिए रेलवे उनसे किराया नहीं लेगी। केंद्र सरकार 85% और राज्य सरकार 15% किराए का भुगतान करेगी।
मालूम हो कि प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि श्रमिक और कामगार राष्ट्र निर्माण के दूत होते हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं। जब रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रूपये दे सकता है तो फिर तरक्की के लिए इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते।
इसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर ज़रूरतमंद श्रमिक और कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी।
साथ ही बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम ग़रीब बिहारी मज़दूर भाईयों की तरफ़ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी।