प्रवासी मजदूरों को बिहार लाने के लिए राज्य सरकार को 50 ट्रेनों का किराया देगी राजद: तेजस्वी यादव

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पटना: गृह मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा देश के ने प्रदेशों के अंदर फंसे प्रवासी मजदूरों को लाने का इंतजाम राज्य सरकार को करना होगा। प्रवासी मजदूरों को वापिस बिहार लाने के लिए ट्रेनों का प्रबंध सरकार को ही करना है। प्रवासी मजदूरों को लेकर शुरू हुए सियासत के क्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

तेजस्वी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम ग़रीब बिहारी मज़दूर भाईयों की तरफ़ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी।

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उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश अनुसार राज्य सरकार को ही ट्रेनों का प्रबंध करना है इसलिए हम राज्य सरकार से आग्रह करते है कि वह मज़दूर भाईयों से किराया नहीं ले क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी राजद शुरुआती 50 ट्रेनों का किराया वहन करने के लिए एकदम तैयार है। राजद उनके किराए की राशि राज्य सरकार को चेक के माध्यम से जब सरकार कहें, सौंप देगी।

राजद नेता ने आगे कहा कि बहुत हो चुका संसाधनों की कमी का बहाना और हवाला। अब यथाशीघ्र अप्रवासी भाईयों को वापस लेकर आइए। सरकार नशामुक्ति (24000 करोड़ का घाटा), जल-जीवन हरियाली (24500 करोड़) और विज्ञापन के नाम पर (500 करोड़) के नाम पर यानि कुल 49000 करोड़ का घाटा/खर्च वहन कर लेगी लेकिन ग़रीबों का जीवन बचाने का मात्र 500₹ किराया इस संवेदनहीन सरकार के पास नहीं है।

15 साल वाली ड़बल इंजन सरकार अप्रवासी बिहारी मज़दूरों को वापस नहीं लाने के दिन-प्रतिदिन बहाने खोज टाल-मटोल कर रही है। 5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे है। कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते है। नीतीश सरकार की मंशा क़तई मज़दूरों को वापस लाने की नहीं है।

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