मौका चूकना नहीं चाहते हेमंत, लालू की रिहाई पर जबर्दस्त माथापच्ची
रांची/पटना : झारखंड की हेमंत सरकार ने सारी खुदाई को एक तरफ रख लालू की रिहाई का पूरा मन बना लिया है। संभवत: राजद सुप्रीमो का ‘शनी चक्र’ अब कटने ही वाला है क्योंकि रात—दिन कड़ी मेहनत कर राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के आसन्न खतरे में उनकी रिहाई की राह ढूंढ ली है। अब यह तय माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव को कुछ ही दिनों में बड़ी राहत मिलेगी।
जानकारी के अनुसार हेमंत सरकार ने अथक परिश्रम कर पैरोल की शर्तों के मुताबिक भी लालू प्रसाद यादव को रिहा करने के लिए एलिजिबल ठहराने वाले रास्ते तलाश लिये हैं। लिहाजा लालू प्रसाद यादव का पैरोल पर रिहा होना लगभग तय है। खबर है कि सरकार इस संदर्भ में विधि विशेषज्ञों से अंतिम सलाह ले रही है। ऐसे में उम्मीद है कि एक-दो दिन में लालू को पैरोल पर रिहा कर दिया जाएगा।
पैरोल एक्ट के मुताबिक किसी भी सजायाफ्ता को कुछ शर्तों के साथ पैरोल की सुविधा मिलती है। सजायाफ्ता व्यक्ति तभी जेल से बाहर निकल सकता है, जब उसने अपनी सजा का एक तिहाई समय जेल में बिताया हो या फिर वह एक साल से जेल में बंद हो। एक्ट के अनुसार सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों को पैरोल मिलती है, जिनके घर में शादी, किसी का निधन, स्वास्थ्य की स्थिति ठीक न हो। एक्ट में इस बात का उल्लेख है कि इसके लिए राज्य सरकार एक बोर्ड का गठन करती है जिसमें संबंधित व्यक्ति का आवेदन भेजा जाता है। उसके बाद कमेटी जेल में उसके व्यवहार, स्वास्थ्य की स्थिति और स्पष्ट कारण को देखते हुए ही पैरोल देने पर सहमति जताती है।
गौरतलब है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद इन दिनों चारा घोटाले के दुमका और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजायाफ्ता है। लालू प्रसाद यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में बंद हैं। लालू करीब 28 माह जेल में गुजार चुके हैं। पैरोल की शर्तों में इसी तथ्य को झारखंड सरकार प्रमुखता से उभारने की तैयारी कर रही है।