लॉकडाउन का दिखा असर, 24 घंटे में बिहार में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं
पटना : प्रधानमंत्री मोदी के जनता कर्फ्यू से पूरे देश में शुरू हुए लॉकडाउन का असर अब दिखने लगा है। कोरोना महामारी के भयावह संकट के बीच लॉकडाउन के चलते बिहार और नयी दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान कोई भी नया मरीज नहीं पाया गया है। कल सोमवार से लेकर मंगलवार सुबह तक बिहार में कोरोना के किसी भी संदिग्ध का सैंपल जांच में पॉजिटिव नहीं पाया गया। हालांकि लॉकडाउन को लेकर अभी भी बिहार के लोगों में वैसी गंभीरता नहीं आई है। यही कारण है कि पीएम मोदी एक बार फिर आज रात लोगों को हालात की भयावहता समाझायेंगे।
लॉकडाउन कितना जरूरी है इसे इस तरह समझें कि इस दौरान सोमवार को पटना के एनएमसीएच में 17 और पीएमसीएच में 18 कोरोना संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए भेजे गये। इन सभी की रिपोर्ट आज मंगलवार को निगेटिव आई है। इसके अलावा पटना के एम्स से भी 4 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे जिनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
संतोषजनक बात यह रही कि कोई भी मरीज कोरोना का पॉजिटिव नहीं पाया गया और मंगलवार सुबह तक बिहार में कोरोन के मरीजों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में अबतक कुल 185 लोगों का सैम्पल लिया गया है जिसमें 127 सैम्पल का रिपोर्ट निगेटिव आया है।
लॉकडाडन को लेकर एक और जरूरी बात यह कि भारत का हेल्थ सिस्टम अभी वैसा नहीं है जो कोरोना जैसे संकट का सामना कर सके। इटली, फ्रांस, अमेरिका जैसे विकसित राष्ट्रों को कोरोना ने घुटने पर ला दिया है। ऐसे में यदि हम लॉकडाउन को हल्के में लेंगे तो भारत में लोग भेड़—बकरियों की तरह कट मरेंगे। कोरोना का अभी तक विश्व में आजमाया हुआ ईलाज लॉकडाउन ही है जो इसके वायरस के चेन को परास्त कर देता है। अत: हमें हर हाल में इसे पूर्णता से निभाना ही होगा।