बिहार में महामारी एक्ट 1897 लागू, सरकार की बात मानें वर्ना पेनाल्टी

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पटना : बिहार समेत पूरे विश्व में लोग इस समय कोरोना की खौफ में जी रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य में महामारी एक्ट 1897 को लागू कर दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

इस एक्ट के लागू होते ही सरकार को यह अधिकार होगा कि वह किसी भी मॉल, निजी परिवहन सहित अन्य प्रकार के प्राइवेट और पब्लिक उपक्रमों में एहतियातन कोई भी सुरक्षात्मक कदम उठा सकेगी।

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बिहार में इस एक्ट के लागू होने के बाद अब यदि कोई मरीज या सामान्य आदमी इसके प्रावधानों को नहीं मानता है तो  सरकार द्वारा धारा 188 के तहत उसपर पेनाल्टी लगाया जा सकता है। कोरोना को लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गठित राज्य समन्वय समिति की बैठक में महामारी एक्ट लागू करने के प्रस्ताव को राज्य सरकार की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी हो गई है।

नोटिफिकेशन के मुताबिक COVID -19 को लेकर के विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। 4 पन्नों की इस अधिसूचना में कुल 21 अलग-अलग बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इस एक्ट में प्रावधान है कि महामारी की रोकथाम के लिए सरकार कोई भी महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। सरकार किसी भी समय यह संतुष्ट हो जाए कि राज्य के किसी भी भाग में यह महामारी का रूप ले सकती है और कोई भी कानून इस दिशा में अपर्याप्त है तो इसके लिए कदम उठाया जा सकता है। इसके लिए सरकार नोटिस जारी कर सकती है।

महामारी एक्ट के तहत सरकार किसी भी व्यक्ति को रेल यात्रा या अस्पताल में अलग करके कोरोना के फैलाव को रोक सकती है। इसके तहत पेनाल्टी लगाने का अधिकार भी सरकार के पास होगा।

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