पटना : चुनौतियाँ हमें कुछ नए परिवर्तन की ओर ले जाती हैं और जिस तरह से अभी जलवायु में बदलाव नजर आ रहा है यह हमारे लिए चुनौती से कम नहीं। इसी को लेकर बिहार में उन्नत खेती के लिए आठ जिलों के 100 गांवों को ‘क्लाईमेट स्मार्ट विलेज’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गांवों को विकसित करने का काम तीन वर्ष तक चलेगा, जिसपर 23 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। गांवों के चयन की प्रक्रिया इसी माह पूरी कर ली जाएगी।
इस पर केंद्र सरकार काफी गंभीर है। जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर केंद्र ने बिहार सरकार के साथ मिलकर क्लाईमेट स्मार्ट विलेज विकसित करने की योजना बनाई है। गांवों के चयन के लिए चार जोन बनाए गए हैं जिसमें आठ जिलों को शामिल किया गया है। इन आठ जिलों में पटना, नालंदा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, कटिहार, पूर्णिया, मुंगेर और भागलपुर शामिल हैं। प्रत्येक जोन से 25 गांवों का चयन किया गया है। पहले जोन में पटना जिले से 10 एवं नालंदा से 15 गांवों का चयन किया जा रहा है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि सामान्यत: किसानों को मालूम नहीं होता कि खेतों में कितनी मात्र में खाद की जरूरत है। खेतों की मिट्टी की जांच कर किसानों को बताया जाएगा कि उन्हें कितनी मात्र में खाद डालनी है। किसानों को जैविक खाद के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। गांव में आहर, पईन, तालाब, पोखर, नदी, नाला आदि के संरक्षण की भी किसानों को जानकारी दी जाएगी।
प्रोजेक्ट के सहायक वैज्ञानिक का कहना इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को पर्यावरण के अनुकूल खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इसमें नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे लागत में काफी कमी आएगी और उत्पादन में वृद्धि होगी। इन गांवों में ऐसी फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें खाद एवं पानी की जरूरत कम होगी।