पटना : ‘सेव हिस्टोरिक पटना कलेक्ट्रेट अभियान’ के तहत रविवार को राजधानी में पटना कलेक्ट्रेट के हेरिटेज बिल्डिंग को संरक्षित करने के लिए हेरिटेजवाक का आयोजन किया गया। कारगिल चौक स्थित क्राइस्टचर्च से यह वाक शुरू होकर पटना कलेक्ट्रेट के मुख्य भवन जिला परिषद पटना सिपाही घाट तक गया।
इस वाक के दौरान वरिष्ठ पत्रकार कुणाल दत्त ने इन ऐतिहासिक बिल्डिंग से संबंधित दस्तावेज और उन भवनों पर अंकित निशानियां को दिखाते हुए इसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि पटना कलेक्ट्रेट की जो पुरानी बिल्डिंग है उसमें ऑस्कर पुरस्कृत रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी की शूटिंग हुई थी और पटना कलेक्ट्रेट के भवन को मोतिहारी जेल के रूप में फिल्माया गया था। यह एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है जिसे तोड़ने पर राज्य सरकार आमदा है। अगर यह बिल्डिंग टूट गई तो सैकड़ों वर्षों का इतिहास हमेशा के लिए जमींदोज हो जाएगा।
जिला परिषद पटना के पुराने दोनों को दिखाते हुए उन्होंने ब्रिटिश और डच शैली में बने दीवारों, स्तभों, स्काईलाइट कुर्सियों, खिड़कियों, रोशनदानों आदि के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि 18वीं सदी और 19वीं सदी में मौसम के अनुकूल भवन बनाए जाते थे, जहां गर्मी के दिनों में बिना पंखे के भी लोग आराम से रह सकते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की हेरिटेज बिल्डिंग को बचाकर रखना ही होगा, ताकि आने वाली पीढ़ी अपने अतीत को आंखों से देख सके और उससे सबक लेते हुए एक बेहतर भविष्य गढ़ सके।
इससे पहले भी 29 फरवरी और 14 फरवरी को पटना कलेक्ट्रेट की बिल्डिंग को तोड़ने से बचाने के लिए हेरिटेजवाक का आयोजन हुआ था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में न्यायालय द्वारा इस भवन को तोड़ने पर रोक लगायी गई है। इस वाक में राजधानी के पत्रकार, पटना विश्वविद्यालय व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।