नयी दिल्ली/पटना : दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बंपर जीत के बाद बिहार में विपक्ष की बांछे खिल उठी है। हालांकि वहां राजद और कांग्रेस की स्थिति अभी तक गड्ढे में ही है। बिहार में इनकी हैसियत एक विपक्ष की है। राजद को दिल्ली में जदयू से कम मत प्रतिशत अर्थात कम वोट पड़े, जबकि 15 वर्षों तक दिल्ली के सिहांसन पर बैठने वाली कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला।
भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ा
खबर लिखे जाने तक जदयू को 0.78 प्रतिशत और राजद को 0.03 प्रतिशत मत मिले। कांग्रेस को 4.28 प्रतिशत वोट मिले और भाजपा को 38.72 प्रतिशत। महज छह वर्षों की पार्टी आप वहां 53. 56 मत हासिल कर विजयी रही।
कांग्रेस का खाता नहीं खुला
उपर्युक्त आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली के मतदाता कई कारणों से आप के साथ हैं। इसके पीछे कारण बताते हुए दिल्ली चुनाव पर नजर रखे प्रेक्षकों का कहना है कि स्कूल, अस्पताल, यातायात तथा घोषणापत्र में कई मौलिक आश्यकताओं को फ्री करने के कारण एक बड़ा तबका आप के साथ हो गया और जमकर आप के पक्ष में वोटिंग की।
दिल्ली में जदयू की औकात राजद से अधिक
इस परिणाम से विपक्ष को सबक मिला है कि किस धारा से उन्हें बिहार में चुनाव लड़ना है। बिहार में भाजपा-जद-यू गठबंधन को नेचुरल एलाई बताते हुए पीएचईडी मंत्री ने कहा कि यह विनिंग काॅम्बिनेशन है। बिहार की जनता ने इसे स्वीकार कर लिया है।
बहरहाल, राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने आप की जीत पर कहा कि भाजपा को दिल्ली की जनता ने औकात बता दिया। ऐसा ही चुनाव परिणाम बिहार में भी आने वाला है।