पटना : राजद सुप्रीमो लालू यादव देश में जनगणना जातिगत आधार पर कराना चाह रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा भाजपा के वोट बैंक यानी हिंदू वोट में विभाजन को जन्म देना है। इसे लेकर उन्होंने हिंदुओं में जाति को आधार बनाकर विभाजन की राह पकड़ी है। इसके तहत आज केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए लालू ने एक ट्वीट कर पूछा कि NRC और 2021 की जनगणना पर लाखों करोड़ खर्च होने वाले हैं। सुना है NPR में अनेकों अलग-अलग कॉलम जोड़ा जा रहा है। लेकिन इसमें जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोड़ने में क्या दिक्कत है?
कथित NPR, NRC और 2021 की भारतीय जनगणना पर लाखों करोड़ खर्च होंगे। सुना है NPR में अनेकों अलग-2 कॉलम जोड़ रहे है लेकिन इसमें जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोड़ने में क्या दिक्कत है?
क्या 5000 से अधिक जातियों वाले 60% अनगिनत पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदू नहीं है जो आप उनकी गणना नहीं चाहते?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 28, 2019
लालू ने पूछा कि क्या 5000 से अधिक जातियों वाले 60% अनगिनत पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदू नहीं हैं जो उनकी गणना जाति के आधार पर नहीं हो रही। ऐसा नहीं होगा तो उन वर्गों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक उत्थान एवं कल्याण के लिए योजनाएं कैसे बनेंगी? बजट का प्रावधान कैसे होगा?
क्या पीके दिल्ली में संघर्ष करने वाले बिहारी हैं? मंत्री को दिये जवाब में कितना सच?
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लालू ने लिखा कि मुस्लिम तो महज एक बहाना हैं। दरअसल भाजपा को डर है कि अगर पिछड़े हिंदुओं की आबादी के सही आंकड़े आ गए तो लोग उन आंकड़ों के आधार पर अपना हक़ मांगने लगेंगे। बहुसंख्यक हिंदुओं को केंद्र सरकार भ्रम में रखना चाहती है ताकि वह उन्हें बरगला कर राज कर सके।