प्राचीन गया के पास निरंजना नदी के तट पर राजकुमार सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उनके ज्ञान प्राप्ति का स्थल अब बोधगया नाम से जाना जाता है। जबकि बोधगया मे भगवान जगन्नाथ का भी प्राचीन मंदिर है। लेकिन, इधर कुछ वर्षो से ऐसा प्रचार हुआ है कि बोधगया का अस्तित्व गौतम बुद्ध के कारण ही है। इस बार जगन्नाथ रथयात्रा के अवसर पर बोधगया मे विराट समारोह का आयोजन हुआ। भव्य सांस्कृतिक समारोह मे गया और उसके आसपास के हजारो लोग शामिल हुए। इस अवसर पर बोधगया मे वैष्णव और शैव प्राचीन स्थलों कि चर्चा हुई।
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