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क्यों लागू हुआ आपातकाल? फिल्म प्रदर्शन पर रोक, पढ़िए पूरी जानकारी

1971 के आमचुनाव में इंदिरा गांधी ने बहुमत की सरकार बनायी। इसके बाद से देश में महँगाई बढ़ने लगी। मुद्रा स्फीति दर 25% हो गयी थी और यह कमने का नाम नही ले रही थी। भ्रष्टाचार बढ़ने लगा था। जिसके चलते देश के विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलन होने लगी। सबसे पहले आंदोलन की शुरुआत गुजरात के इंजिनीरिंग कॉलेज में मेस का खाना महंगा होने से शुरू हुआ था, और धीरे-धीरे यह पूरे देश में फैल गया, और जेपी आंदोलन ने विकराल रूप ले लिया। और इसी बीच इलाहाबाद कोर्ट का आदेश आता है कि इंदिरा गांधी गलत तरीकों से चुनाव जीती हैं, इसलिए उनके सांसद पद को समाप्त किया जाएगा। इसके बाद इंदिरा गांधी को यह भय होने लगा कि उनकी सरकार अब नहीं रहेगी। जिसके बाद उन्होंने अपना कड़ा रुख अपनाते हुए 25 जून 1975 की रातों रात राष्ट्रीय आपातकाल को लागू करवा दिया।

फ़िल्म दिखाकर लोगों को रैली में जाने से रोकने की कोशिश

इंदिरा गांधी अचानक 1977 में आमचुनाव का एलान करती हैं। और जेल में बंद बड़े नेता को छोड़ दिया गया। तब अटल बिहारी वाजपेयी ने रामलीला मैदान में एक रैली का आयोजन किया। जिसमें लोग न पहुँचे, उसके लिए उस समय रिलीज हुई फ़िल्म बॉबी को चौक-चौराहों पर टीवी लगाकर दिखाया जा रहा था। उस समय टीवी को भारत आये बहुत हीं कम समय हुआ था।

जयप्रकाश ने कहा दलों का विलय होगा तभी मेरा समर्थन मिलेगा

1977 में आमचुनाव के एलान के बाद सारे विरोधी दल भी दो भागों में बट गयें थे। एक तरफ जॉर्ज फर्नांडिस का कहना था कि हमें इस चुनाव का बहिष्कार कर देना चाहिए क्योंकि हमारे पास चुनाव लड़ने के लिए न हीं पर्याप्त संसाधन है,और न हीं समय।
वहीं दूसरे तरफ जयप्रकाश नारायण का विचार था कि इस समय लोगों को आपातकाल के बारे में बताने की जरूरत है और उसके परिणामों के साथ सरकार की नाकामियों को बताकर लोगों को जागरूक करना था।
साथ में जयप्रकाश ने कहा था कि हम चुनाव तभी जीत सकते हैं जब सारी विपक्ष राजनीतिक दलें एक हो जाएगी और ऐसा होने के बाद ही मेरा समर्थन मिलेगा। तब जाकर विपक्षी दलों ने खुद को विलय कर एक नई पार्टी जनता पार्टी बनी।

पहली बार केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार

1977 का आम चुनाव सम्पन्न हुआ। लोगों ने नवनिर्मित जनता पार्टी चुनाव जीत दिलायी। यह पहली बार था जब केंद्र में आजादी के बाद कोई गैर कांग्रेसी सरकार बनने जा रही थी। राज्यों में कहीं-कहीं गैर-कांग्रेसी सरकार बननी शुरू हुई थी पर केंद्र में 1977 में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी और प्रधानमंत्री के रूप में मोरारजी देसाई ने शपथ ली।
(सुचित कुमार)