पटना : पटना साहिब से कांग्रेस उम्मीदवार और सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी तो बदल लिया, लेकिन वे अपना चरित्र नहीं बदल पाये। अभी हाल ही में वे भाजपा छ़ोड़ कांग्रेसी बने हैं। लेकिन यहां भी उन्होंने वही पुरानी हरकत शुरू कर दी। वे जहां पटना में राहुल गांधी को पीएम बना रहे हैं, वहीं लखनऊ में अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री बनाने में लग गए हैं। जब श्री सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को समाजवादी पार्टी ने लखनऊ से उम्मीदवार बनाया तो शत्रु ने खुले मंच से वहां के कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्ण के विरोध में न सिर्फ अभियान चलाया, बल्कि उन्हें हराने के लिए किसी भी हद तक जाने की बात कह दी। शत्रुघ्न सिन्हा का दोहरा चरित्र देखकर लखनऊ में कांग्रेस के उम्मीदवार आचार्य प्रमोद कृष्णन बहुत नाराज हैं। उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा पर पार्टी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए पटना साहिब में शुत्रुघ्न के खिलाफ कैंपेन करने का ऐलान कर दिया।
पटना में कांग्रेसी, लखनऊ में समाजवादी
इधर शत्रुघ्न सिन्हा ने साफ कह दिया कि उनके लिए परिवार पहले है, पार्टी बाद में।चूंकि लखनऊ से उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही है, इसलिए वे वहां उनके नामांकन और प्रचार में गए थे। इधर बिहार भाजपा के एक नेता ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा जहां भी रहते हैं, अपना दोगला चरित्र जरूर दिखाते हैं। उनका नाम भले ही शत्रुघ्न हो लेकिन वे अपनी ही पार्टी से शत्रुता निभाते हैं। जब वे भाजपा में थे और भाजपा सरकार ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया तो भाजपा आलाकमान और प्रधानमंत्री मोदी की बुराई करने लगे। अगर उन्हें मंत्री बना दिया जाता तो भाजपा के सभी नेता उन्हें अच्छे लगने लगते और मोदी भी उनकी नजर में महान हो जाते।
पार्टी बदली, चरित्र नहीं बदल पाए शत्रु
इतना ही नहीं, शत्रुघ्न ने भाजपा में रहते हुए लगातार विरोधी दलों से कनेक्शन बनाए रखा। वे पार्टी अनुशासन को कभी नहीं मानते और व्यक्तिगत स्वार्थ के आड़े अगर पार्टी का कोई निर्णय आता है तो वे पार्टी से अलग स्टैंड लेकर विरोधियों का पक्ष मजबूत करने से गुरेज नहीं करते। यानी, शत्रुघ्न ने पार्टी तो बदल ली, लेकिन अपना चरित्र वही बनाए रखा। यही कारण है कि जब उनके कांग्रेस में शामिल होने की बात चली तो राहुल गांधी के समक्ष कांग्रेस के एक धड़े ने शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर यह आशंका व्यक्त की थी कि वे आगे चलकर पार्टी के लिए मुसीबत पैदा करेंगे।
शॉटगन सिन्हा ने कांग्रेस को ज्यादा इंतजार भी नहीं कराया और महज चंद दिनों में ही लखनऊ प्रकरण के रूप में अपनी पहली डोज दे दी। पटना साहिब से वह कांग्रेस पार्टी से खुद खड़े हुए हैं और वहां पर कांग्रेस पार्टी को जिताने और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की अपील कर रहे हैं। वहीं यूपी के लखनऊ में उनकी पत्नी समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं तो शत्रुघ्न सिन्हा सपा को जिताने और कांग्रेस को हराने की अपील कर रहे हैं। मतलब एक ही देश में एक जगह कांग्रेस को जिताने और दूसरी जगह कांग्रेस को हराने की अपील शत्रुघ्न कर रहे हैं।