पटना : हमारे पास दो हथियार है पहला नरेंद्र मोदी का कुशल नेतृत्व और दूसरा बिहार में हुए विकास कार्य। हम इन्हीं दोनों के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे। ये बातें बिहार सरकार में पीडब्लूडी मिनिस्टर और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव ने भाजपा के 39वे स्थापना दिवस के अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी सत्ता की परवाह नहीं की हमेशा अपने विचारों और ध्येय को ही प्रमुखता दी। नंद किशोर यादव ने कहा कि हम भारत माता को मा मानते हैं और उसमें रहने वालों को उसके पुत्र-पुत्री के तौर पर देखते हैं। देश की आज़ादी के वक़्त कांग्रेस की सोच को देखते हुए ही कुछ राष्ट्रवादी सोच के लोगो ने जनसंघ की स्थापना की। नंद किशोर यादव ने कहा कि हम भारत को मात्र जमीन का टुकड़ा नहीं मानते।
बिहार में जनसंघ का खाता 1962 में खुला था।तब से हम निरंतर बढ़ रहे हैं। नंद किशोर यादव ने कहा कि राम मनोहर लोहिया और उनके जैसे गैर-काँग्रेसवादी सरकार में हम शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हमने कभी सत्ता की परवाह नहीं की। जब इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाया था, पूरा देश जेलखाने में तब्दील हो गया था। आज के मौजूदा सभी नेता जेल गए थे। जब लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा तोजेपी के एक आवाहन पर हमने पूरे जनसंघ के विलय जनता पार्टी में कर दिया था। फिर कहा गया कि या तो आप सरकार में रहिए या फिर आरएसएस के साथ रहियए। हमने तुरंत सरकार को छोड़ दिया। यदि हमें सत्ता का लालच रहता तो अटल उस सरकार में मंत्री थे सरकार में रह सकते थे। लेकिन ऐसा न करके हमने एक नई पार्टी बनाई। उन्होंने कहा हमारी पार्टी अपने ध्येय से कभी नहीं डिगी। आज उमर अब्दुल्ला कश्मीर में अलग और देश मे अलग प्रधानमंत्री। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल में जन्म लेकर कश्मीर गए और उन्होंने एक देश एक विधान के लिए आंदोलन किया।नंद किशोर यादव ने कहा कि चाहे अटल जी की सरकार हो या मोदी की सरकार हमने विचारों से और ध्येय से कभी समझौता नहीं किया।
नंद किशोर यादव ने सवाल किया कि 72 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज देश मे गरीबी है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है। लेकिन जब मोदी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने कहा कि2022 तक सब के सिर पर छत होगा। नरेंद्र मोदी ने 32 करोड़ नए खाते खुलवाया और सरकार के पैसे को बिचौलियों और दलालों से बचाकर सीधे उनके खाते मे पहुंचाया। 7 करोड़ परिवार को गैस कनेक्शन देने का काम किया। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार थी तब सैनिको का मनोबल गिरा हुआ था।जब उरी की घटना हुई तो नरेंद्र मोदी ने सैनिकों को खुली छूट दी और भारतीय सैनिक पाकिस्तान के अंदर जाकर वहां आतंकवादियों के कैम्प को तबाह करने का काम किया।
मधुकर योगेश