जीरो ट्रीलेज विधि किसानों के लिए वरदान : डा.पंकज कुमार
दरभंगा : नीति आयोग के आकांक्षी जिले सीतामढ़ी में आईटीसी मिशन सुनहरा कल एवं जन निर्माण केंद्र की पहल से बाज़पट्टी प्रखंड के सौरा गाँव एक नवम्बर को हुए जिले की पहली गेहूँ की शून्य जूताई के तहत फसल कटाई कर फसल मूल्यांकन कार्यक्रम किया गया। गेहूँ की प्रजाति HD2967 बोया गया था। फसल कटाई में खेत के तीन जगहों से 1/1वर्गमीटर क्षेत्रफल की गेहूँ की कटाई कर मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन परिणाम स्वरूप प्रति एकड़ गेहूँ की उपज 19.65 क्विंटल हुआ। तीन जगहों पर फसल मूल्यांकन के दौरान एक वर्गमीटर में बाली सहित पौधों की गणना की गयी जिसमें औसत पौधा बाली सहित 485 पाया गया। 10 बालियों में दाना क़ा औसत संख्या 69 रहा। किसान नरेश कुंवर नें आईटीसी मिशन सुनहरा कल एवं जन निर्माण केंद्र की पहल पर हर्ष व्यक्त करतें हुए कहा कि समय से जीरो ट्रीलेज के द्वारा बुआई करनें से लागत में कमी आयीं एवं उत्पादन भी 25% बढ़ा। अब प्रत्येक साल गेहूँ की जीरो ट्रीलेज मशीन से करेंगें दूसरें किसान को भी प्रेरित करेंगें। फसल मूल्यांकन के दौरान वरीय कृषि वैज्ञानिक डा.पंकज कुमार, कृषि विशेषज्ञ चंदन कुमार, अश्विनी कुमार चंद्रवाल, राकेश कुमार सिंह, कृषि सलाहकार मुकुल गौतम, पर्यवेक्षक उज्ज्वल कुमार, संजय कुमार, अशोक कुमार अरुण मौजूद रहें। किसानों की ओर से नरेश कुँवर, मिथिलेश झा, नरेश मंडल, मोहित मंडल, अरुण मिश्रा, अरुण कुमार सिंह, मोहम्मद बारीक, अमर कुमार उपस्थित होकर सारे प्रक्रिया के बारीकियों को समझकर जीरो ट्रीलेज से खेती करनें क़ा मन बनाया।
व्यावसायिक शिक्षा होगा और व्यापक : प्रोवीसी
दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय ने व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में बुधवार को लम्बी छलांग लगाई है। अब मुख्यालय के साथ साथ पूरे सूबे में फैले तकरीबन दर्जनभर से अधिक संस्कृत कालेजों में छह मासीय व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई से होगी। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को इस नई व्यवस्था से लाभ पहुंचेगा। व्यावसायिक शिक्षा के दायरे को और व्यापक बनाने के लिए प्रोवीसी प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित आज की परामर्शदातृ समिति की बैठक में कई अन्य ऐसे फैसले लिए गए जिसका दूरगामी प्रभाव बहुत जल्द दिखने को मिलेगा। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि रमेश्वरीलता संस्कृत कालेज, दरभंगा, पचाड़ी, खरखुरा गया, भारतेश्वरी-छपरा, मझौलिया-चंपारण, सुखसेना-पूर्णिया, बकुलरमठ-चंपारण, सोकहरा-बरौनी, रोसड़ा-समस्तीपुर के कालेजों में कम्प्यूटर अनुप्रयोग, कुंडली निर्माण एवं कर्मकांड की पढ़ाई होगी। इसके अलावा भागलपुर व पटना के राजकीय संस्कृत कालेजों के अलावा धर्मसमाज संस्कृत कालेज, मुजफ्फरपुर में इन पाठ्यक्रमों के साथ-साथ तनाव प्रबंधन एवं न्यास योग की कक्षाएं भी चलेगी। यानी इन तीन कालेजों सभी चार प्रमाण पत्रीय पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी।
बैठक की महत्वपूर्ण बातें यह भी रही कि मुख्यालय के साथ ही इन कालेजों में 15 जून से नामांकन करा लिया जाएगा और चार जुलाई से कक्षा प्रारम्भ कर दी जाएगी। वहीं इस बीच की अवधि में वैसे अन्य कालेज जो पाठ्यक्रमों की शरुआत करने के इच्छुक हैं वे भी मुख्यालय में आवेदन कर सकते हैं। शर्त सिर्फ इतनी है कि कालेजों को आधारभूत सुविधाओं के बारे में संतुष्ट करना होगा। इसी के साथ एक बड़ा निर्णय यह भी हुआ कि योगा में डिप्लोमा एवं पीजी स्तर की पढ़ाई शुरू की जाय। इसके लिए पाठ्यक्रम व अन्य नियमावली तैयार करने पर भी आम सहमती रही। बैठक में प्रोवीसी प्रो0 सिंह के अलावा, निदेशक प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी, डीन प्रो0 शिवाकांत झा, प्रोक्टर, प्रो0 सुरेश्वर झा, विशेष आमंत्रित डॉ रीता सिंह व परीक्षा नियंत्रक डॉ विनय कुमार मिश्रउखय रूप से मौजूद थे।
मुरारी ठाकुर