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कौन है एनडीए का ‘नया जॉर्ज’? नीतीश भी कहने लगे मोदी—मोदी!

नयी दिल्ली/पटना : शाहनवाज हुसैन का भागलपुर से टिकट कटने के मसले पर भाजपा को आंख दिखाने वाले नीतीश कुमार ने कल प्रधानमंत्री के बिहार दौरे के दौरान डैमेज कंट्रोल किया। नीतीश ने न सिर्फ नरेंद्र मोदी की शान में कसीदे गढ़े, बल्कि पहली बार मंच से बिहार की सड़कों की सूरत संवारने में केंद्र से मिले पैसों की भूमिका के महत्व को स्वीकारा। शाहनवाज द्वारा नीतीश पर भागलपुर से उनका टिकट कटवाने का आरोप लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने तो भागलपुर सीट मांगी भी नहीं थी। वे भाजपा नेताओं से पूछें कि क्यों उन्होंने भागलपुर सीट जदयू को दी? इसके बाद बिहार एनडीए में तकरार की बात उड़ने लगी। लेकिन कल पीएम के सामने जिस प्रकार नीतीश ने यू—टर्न लिया उसे देखते हुए हर कोई पूछ रहा कि ये बदलाव हुआ कैसे? आइए जानते हैं एनडीए के नए संकटमोचक यानी ‘नए जार्ज फर्नांडिस’ के बारे में, जिसने नीतीश को इस कदर समझाया कि वे फिर एनडीए की राईट लाइन पर आ गए।

संकट मोचक बने रामविलास पासवान

लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान एनडीए के नए संकटमोचक बनकर उभरे हैं। जो भूमिका कभी जार्ज फर्नाडिज की रहती थी, आजकल पासवान निभा रहे हैं, लेकिन पर्दे के पीछे रहकर। सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में भी खूब किचकिच हुई थी। भाजपा बड़े भाई की भूमिका में रहना चाहती थी और नीतीश बराबरी का हक मांग रहे थे। तल्खी इतनी बढ़ गई कि बात बिगड़ने वाली थी। उस समय रामविलास पासवान ने ही दखल देकर स्थिति संभाली थी। जब जमुई में एनडीए की संयुक्त रैली के ठीक पहले नीतीश ने शाहनवाज को लेकर भाजपा से नाराजगी जाहिर की तो पासवान सक्रिय हो गये। वे नहीं चाहते थे कि चुनाव प्रचार की शुरुआत में ही कोई विवाद हो। उन्होंने नीतीश कुमार से बात की। जमुई में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान एक साथ मंच पर आये तो जोश बुलंदी पर था।

गया—जमुई में नीतीश ने जमकर की पीएम की तारीफ

गया की चुनावी सभा में नीतीश ने कहा कि बिहार की प्रगति में केन्द्र भरपूर सहयोग कर रहा है। सिर्फ बिहार की सड़कों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये दिये हैं। नीतीश हाल तक सड़क निर्माण में भेदभाव किये जाने को लेकर केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी की सरेआम खिंचाई करते थे। लेकिन गया में पीएम के सामने उन्होंने इस मुद्दे पर यू—टर्न ले लिया। नीतीश ने कहा कि केन्द्र सरकार बिहार को हर क्षेत्र में विकास के लिए मदद कर रही है। पूर्णिया, दरभंगा, बिहटा में एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है। बरौनी रिफाइनरी और फर्टिलाइजर का कायाकल्प हुआ। यह बदलाव नीतीश में इसलिए आया क्योंकि रामविलास ने उन्हें समझा दिया कि नीतीश, भाजपा और लोजपा चुनावी पेंड़ की एक ही डाल पर बैठे हैं। अगर डाल टूटी तो तीनों गिरेंगे। जीत हार से ही उनकी हैसियत तय होने वाली है। मन मिजाज को तो काबू में रखना ही होगा। 2019 का लोकसभा चुनाव नीतीश के लिए भी लिटमस टेस्ट है। उन्हें साबित करना है कि बिहार का चुनावी चेहरा वही हैं। ऐसे में उन्होंने हालात की नजाकत को भांपना ही बेहतर समझा।