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तेजस्वी ने क्यों दी तेजप्रताप को चुनाव में फरियाने की नसीहत?

पटना : सीटों और प्रत्याशियों के बहाने राजद में लालू के दोनों लाल आमने—सामने आ गए हैं। बात इतनी बिगड़ी कि दोनों भाइयों के बीच चुनावी चौसर की आड़ में लालू की विरासत को लेकर झगड़ा शुरू हो गया। अभी तक जो मूल बात घर और आसपास दबी हुई थी, वह खुलकर आम जनता के सामने बाहर आ गई। अब तेजप्रताप और तेजस्वी ने एकदूसरे पर वार—पलटवार भी शुरू कर दिया है। लालू-राबड़ी मोर्चा बनाने वाले तेजप्रताप यादव ने जहां अपने छोटे भाई तेजस्वी पर आरोप लगाया कि वे बीजेपी और अन्य दलों से भागे लोगों से घिरे हुए हैं। वहीं तेजस्वी ने तेजप्रताप को परिवार का झगड़ा जनता में नहीं ले जाने की नसीहत देते हुए कह दिया कि जो भी संविधान बचाने की राह में आएगा, उससे राजद चुनाव में फरिया लेगा। मतलब साफ है कि राजद में लालू के दो युवराजों के बीच गद्दी के लिए ‘तलवारें’ खिंच गईं हैं।

तेजप्रताप का छोटे भाई पर वार

तेजप्रताप ने तेजस्वी पर आरोप लगाया कि वे ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं, जो पार्टी और परिवार का नुकसान करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब दांत सड़ जाता है तो इंजेक्शन दिया जाता है ताकि उसमें से बैक्टीरिया निकल जाए। आजकल कुछ ऐसा ही हाल पार्टी में भी है। तेजस्वी यादव के ईर्द-गिर्द बैक्टिरिया हैं जिन्हें मैं इंजेक्शन देकर हटाउंगा। आज पार्टी को सींचने वाले लोगों की इन्सल्ट हो रही है। इसी कारण मैंने नया मोर्चा बनाया है। तेजप्रताप से जब ये पूछा गया कि नया मोर्चा बनाने का दिमाग कहां से आया तो उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी मोर्चा खुद अपने आप में एक पार्टी है। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं अभी भी इंतजार में हूं कि शिवहर और जहानाबाद को लेकर बात बने। जहानाबाद से पार्टी ने तीन बार से हार रहे उम्मीदवार सुरेंद्र यादव को क्यों टिकट दिया, इसका जवाब चाहिए। हमें पार्टी को उंचाई तक ले जाना है और मैं जिनके लिए टिकट मांग रहा वो भी पार्टी के ही नेता हैं। तेजप्रताप ने कौरव-पांडव की चर्चा करते हुए कहा कि दो सीट ही मैंने मांगी थी, लेकिन मुझे इसके लिए कोई भी उत्तर नहीं मिला। तेजप्रताप ने आगे कहा की जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी पार्टी के लिए दे दी, उन्हें भी टिकट देने के वक़्त उनकी जगह किसी बाहरी व्यक्ति को टिकट दे दिया गया।

तेजस्वी की नसीहत और पलटवार

वहीं तेजस्वी यादव ने भी तेजप्रताप पर पलटवार करते हुए कहा कि वो पारिवारिक झगडे को आगे न बढ़ाएं और सबके साथ मिलकर काम करें। उनके इस बयान में साफ़ तौर पर दिखा कि वो तेजप्रताप की इस हरक़त से झुकने नहीं जा रहे और उनसे राजनीतिक लड़ाई भी लड़ने के लिए तैयार हैं। तेजस्वी यादव ने इस मामले में बताया की इस बार की लड़ाई देश का संविधान बचाने की है, न की ये चुनाव परिवार की अंदरूनी लड़ाई की है। उन्होंने आगे बताया कि इस देश के बारे में सोचना चाहिए, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या को सुलझाने के तरीकों के बारे में सोचना चाहिए और इस पर हमें गौर करने की जरुरत है। स्पष्ट है कि लालू कुनबे के साथ ही राजद में भी बंटवारे की जमीन तैयार हो चुकी है। यदि इसे शीघ्र ही नहीं सुलझाया गया तो आगामी चुनाव में पार्टी और महागठबंधन को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।