पटना का श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल। सादगी भरा वैभव। सफ़ेद फूलों से मंच का बैक ग्राउंड सजा था। भजन गायक के साथ तबले, हारमोनियम, बांसुरी और अन्य वाद्य यंत्रों के साथ संगत किये जा रहे थे। काबिना मंत्री (खासकर नंदकिशोर यादव व मंगल पांडेय) मंच संभाल रहे थे। केंद्र में अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल की ओज-तेज वाली तस्वीर ‘शत्-शत् नमन’ शीर्षक के साथ लगायी गई थी। अगल-बगल उनकी कविताएं “मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?” लिखी थीं। मंच के दाएं किशोरावस्था की तो वहीं बाएं प्रिंस सूट में गंभीर अधेड़ अटल भाषण की मुद्रा में दिख रहा था। मन की श्रद्धा उसे और बड़ा देख रही थी। क्या करें, सब कुछ स्वत: महसूस, अनुभूत और अभिव्यक्त हो रहा था। क्योंकि व्यक्तित्व ही इतना बड़ा था और मौका भी…उनकी श्रद्धांजलि सभा का।
लेकिन वहां बेवजह व तय समय के उपरांत की आवाजाही खल रही थी। अनुशासनहीन कहींके! देर से आने वाले मंत्री को प्रेस गैलरी में जगह तलाशनी पड़ रही थी। कुछ छुटभैये बड़ा बन रहे थे तो फोटोग्राफरों की उछल-कूद उद्विग्न कर रही थी। श्रद्धांजलि सभा थी। शांति व अनुशासन नितांत अपेक्षित थे। निपुण उद्—घोषक के अभाव में कविताओं के गांभीर्य को ठेंस पहुंच रही थी। उन्हें गलत-सलत और अशुद्ध पढ़ा जा रहा था। इसके लिए विधायक होना नहीं, विषय-वस्तु का जानकार होना जरूरी है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल की प्रतीक्षा में कार्यक्रम शुरू होने तक भजन गायन जारी रहा। मुख्य अतिथियों के सभागार में स्थान ग्रहण करते ही हिंदू, मुसलिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व आर्य समाज पद्धतियों से श्रद्धांजलियां अर्पित की गईं। सार्वजनिक, सर्वदलीय प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। उनकी याद में सभी दलों के नेता जुटे थे। लेकिन, किसी को बोलने का मौका नहीं दिया गया। पता नहीं, इसकी पटकथा किसने लिखी। उल्टी दिशा से वीवीआईपी को पुष्पांजलि के लिये मंच पर ले जाया गया। भान होते ही सभी थोड़े असहज दिखे। उधर, इसी बीच राज्यपालों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की खबर मिली। सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर भेजे गए। वहां राष्ट्रपति शासन है। इसे उनका प्रमोशन माना जा रहा है। और लालजी टंडन उनकी जगह लेंगे।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्रियों राधामोहन सिंह, रामकृपाल यादव, उपेन्द्र कुशवाहा, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, विस अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी, प्रेमचंद्र मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र, भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय, बिहार भाजपा के सभी मंत्री, पप्पू यादव, भाजपा के एमएलसी सच्चिदानंद राय समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग पहुंचे थे।
(सत्यपाल श्रेष्ठ)