पटना : कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौति से जूझ रही बिहार पुलिस के चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी 31 जनवरी को सेवनिवृत्त हो रहे हैं। इसके साथ ही दो अन्य वरीय पुलिस अधिकारी भी इसी वर्ष अवकाश ग्रहण करने वाले हैं। ऐसे में बिहार पुलिस को अपराधियों से ताबड़तोड़ क्राइम की मिल रही चुनौती कैसे हल होगी? जबकि न केवल बिहार इस समय बढ़ते क्राइम ग्राफ से लहुलुहान है, बल्कि इसी वर्ष लोकसभा चुनाव भी कराने हैं।
31 जनवरी को सेवनिवृत्त होने वाले अधिकारियों में पुंलिस महानिरीक्षक रेल सौरभ कुमार भी शामिल हैं। नालंदा जिले के मूल निवासी श्री कुमार 2001 बैच के प्रोन्नत आइ्रपीएस अधिकारी हैं। वहीं अपराध अनुसंधान विभाग में पुलिस उपमहानिरीक्षक पद पर तैनात बिनोद कुमार चैधरी भी इसी तिथि को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले के मूल निवासी श्री चैधरी भी 1999 बैच के प्रोन्नत आईपीएस अधिकारी हैं। इन अधिकारियों के अलावा तिरहुत रेंज के डीआईजी अनिल कुमार सिंह भी इसी दिन सेवानिवृत्त होने वाले हैं। श्री सिंह सुपौल जिले के रहने वाले हैं। इन्हें 2002 में आईपीएस कैडर में प्रोन्नत किया गया था। मुजफ्फरपुर स्थित बीएमपी 6 में पदस्थापित डीआईजी राजेंद्र प्रसाद भी इसी तिथि को रिटायर होने जा रहे हैं। हालांकि एक साथ इतने अधिकारयों के अवकाश ग्रहण करने के कारण कई एसपी रैंक के अधिकारियों के लिए प्रोमोशन का रास्ता भी साफ हो जाएगा। फिलहाल रेल डीआईजी बीएन झा एवं पटना के ट्रैफिक एसपी प्रकाश नाथ मिश्रा इसी वर्ष अप्रैल व सितंबर माह में अवकाश ग्रहण करने वाले हैं। ज्ञात हो कि इसी वर्ष अप्रैल-मई में लोकसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में दो वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात अधिकारियों का तबादला होने वाला है जिसमें पटना और तिरहुत जोन के आईजी भी शामिल हैं।
रमाशंकर
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