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31 जनवरी : नवादा की मुख्य खबरें

जिला स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष में भी नहीं याद आये शत्रुध्नशरण सिंह

नवादा : 26 जनवरी 23 को जिला स्थापना के 50 वर्ष पूरे हुए। इस क्रम में जिलावासियों ने कई उतार चढ़ाव देखे। कभी जिला स्थापना काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता था लेकिन स्वर्ण जयंती वर्ष में सन्नाटा छाया रहा। ऐसा जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण हुआ। और तो और संस्थापक तक याद नहीं आये। दूसरी ओर 26 जनवरी 2023 औरंगाबाद जिले की स्थापना का के भी 50 साल पूरे हुए। दोनों का उद्घाटन एक ही दिन हुआ था। औरंगाबाद में बिहार दिवस 22 मार्च 2023 तक के कार्यक्रम निर्धारित है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व करनेवालों को भागीदार बनाया गया है।

स्थापना दिवस के दिन सांसद और विभिन्न क्षेत्र के 51 लोगों के जरिए पौधे लगाए गए। पौधे लगानेवालों के नाम उल्लेखित किए गए। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधि समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने सामूहिक दीपक जलाया। यही नहीं, बिहार दिवस के दिन तक के लिए अनेक कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसमें सरकार, प्रशासन और प्रबुद्ध नागरिकों की सहभागिता निर्धारित की गई है। जन भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए एक हेल्प डेस्क बनाया गया है। दूसरी तरफ, नवादा में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में स्थापना दिवस के कार्यक्रम को जोड़कर औपचारिकता निभाई गई।

वैसे, हरिश्चंद्र स्टेडियम में झंडोतोलन के अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री समीर कुमार महासेठ ने 50 साल पूरे होने पर बधाई जरूर दी। लेकिन नवादा के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वालों का नाम लेना तक भूल गए। यही नही, प्रशासनिक स्तर पर गार्ड से लेकर अधिकारियों तक को मंत्री के जरिए सम्मानित किया गया। जबकि जिले में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करनेवालों को कोई तवज्जो नहीं दिया गया।

5 सालों से स्मारिका का नहीं हो रहा प्रकाशन

वैसे नवादा के प्रति सरकार और प्रशासन का रवैया उदासीन रहा है। 50 साल पूरा होने के बाद की उदासीनता इसका उदाहरण है। विडंबना कि जिला बनाने के लिए तत्कालीन विधायक सह मंत्री स्व शत्रुघ्न शरण सिंह को तत्कालीन सरकार से लड़ाई करनी पड़ी थी। अब जब जिला बन गया है, फिर भी लोगों का नजरिया नही बदला है।

एक पूर्व स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू हुआ था। स्मारिका प्रकाशित किया जाता था। कई सामाजिक और विकास से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। बच्चे, महिलाएं और युवाओं को लेकर कई तरह का कार्यक्रम आयोजित किए जाता था। पिछले पांच सालों से अधिक समय से स्मारिका का प्रकाशन तक नहीं कराया जा रहा है।

अब तो धीरे धीरे कार्यक्रम का स्वरूप भी छोटा होने लगा है। स्वर्ण जयंती के अवसर पर विरानगी उसी उदासीनता की एक कड़ी है। वरिष्ठ पत्रकार सह साहित्यकार राम रतन प्रसाद सिंह रत्नाकर कहते हैं कि स्वर्ण जयंती जिले के इतिहास के लिए मील का पत्थर होता है। लेकिन सरकार, प्रशासन और प्रतिनिधियों को इसकी कोई चिंता नहीं है।

26 जनवरी 1973 को नवादा और औरंगाबाद बना था जिला

21 नवंबर 1972 को बिहार मंत्री परिषद ने गया जिले को नवादा, गया और औरंगाबाद के तीन जिलों में पुनर्गठित करने का निर्णय लिया था। 26 जनवरी 1973 को गया से अलग नवादा और औरंगाबाद को विधिवत जिला का दर्जा दिया गया। नवादा के पहले जिलाधिकारी के रूप में नरेंद्र पाल सिंह ने पदभार ग्रहण किया। नवादा को जिला बनाने में हिसुआ के तत्कालीन विधायक सह मंत्री शत्रुघ्न शरण सिंह का अहम योगदान रहा।

स्थापना दिवस पर डीएम व एसपी रहे नदारद

स्थापना दिवस के अवसर पर नगर भवन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि और वरीय पदाधिकारी की भागीदारी नहीं दिखी। जबकि जिले में सांसद के अलावा पांच विधायक, दो विधान पार्षद, जिला परिषद और नगर परिषद के मुख्य और उप मुख्य पार्षद हैं। उद्घाटन समारोह में डीएम और एसपी की गैर मौजूदगी भी लोगों को खली। कार्यक्रम का उदघाटन एडीएम ने किया। मौके पर एसडीओ मौजूद थे। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि स्वर्ण जयंती वर्ष जिलावासियों के लिए उदासीनता लेकर आया।

बारात आये युवक की पीट पीटकर कर हत्या, महिला समेत दो हिरासत में

नवादा : जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव में युवक की हत्या कर दिया गया। अपराधियों ने युवक की हत्या कर शव को गांव के उतर दिशा के बगीचा में फेककर फरार हो गया।घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा घटना स्थल पर पहुंच मामले की तफ्तीश करते हुए घटना में संलिप्त एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पडो़स गांव धनबिगहा से एक महिला को पुछताछ के लिए हिरासत में लिया है। खुलकर तो नहीं, लेकिन दबे जुबान से कुछ ग्रामीण हत्या कांड को साइबर अपराध मामले में हिस्सेदारी को लेकर हुए विवाद से जोड़कर देख रहे हैं।

बताया जाता है कि वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के साइबर अपराधियों का गढ़ माने जाने वाले भवानी बिगहा गांव से मृतक के गांव इसी थाना क्षेत्र के धनबिगहा गांव बारात आई थी। शादी का अगुअई भी मृतक स्व शिवनंदन प्रसाद का 32 वर्षीय पुत्र पिन्कु कुमार ने किया था। पिन्कु अपने गांव की लड़की की शादी अपने मौसेरा भाई भवानी बिगहा निवासी से सेट कराया था।

सोमवार को भवानी बिगहा गांव से धन बिगहा गांव बारात आई थी, बरमाला का रश्म पुरी हो रही थी, तभी दुल्हा अपने मौसेरा भाई पिन्कु को बरमाला के स्टेज पर आने के लिए खोज रहा था, लेकिन वह वहां नहीं दिखाई दिया, तब लोग उसके मोबाइल पर रिंग किया, लेकिन मोबाइल नहीं उठाया। उसके बाद परिजन और ग्रामीण उसे खोजने के लिए निकल पडे़, जहां गांव के बगीचा से पिन्कु का शव मिला।

थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि हत्या कांड में संलिप्त मृतक के गांव के ही बासो महतो के पुत्र प्रभात कुमार को गिरफ्तार किया गया है तथा पुछताछ के लिए धनबिगहा गांव से स्व रंजीत महतो की पत्नी सिहंता देवी को हिरासत में लिया गया है। उन्होने बताया कि पुलिस सभी बिन्दु पर जांच कर रही है।

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डा श्रीकृष्ण सिंह की पुण्यतिथि पर निवेदित की श्रद्धांजलि

नवादा : बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डा श्री बाबू की पुण्यतिथि कांग्रेस कार्यालय समेत विभिन्न स्थानों पर मनायी गयी। मौके पर चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस कार्यालय में जिलाध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मंटन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष मो राजिक खान, उपेन्द्र सिंह के अलावे कार्यकारी अध्यक्ष बंगाली पासवान, अशोक सिंह, फख्रुद्दीन उर्फ चामो, एजाज अली मुन्ना आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित कर बिहार-झारखंड के नवनिर्माण उनकी भूमिका को याद कर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। नगर के पुरानी कोर्ट के समीप श्री बाबू के स्मारक पर माल्यार्पण किया गया।

मौके पर अधिवक्ता संघ के महाससिव संत शरण शर्मा, उदय सिंह, राजेश कुमार श्री, अमित कुमार करण सक्सेना, कुणाल कुमार, रोहित कुमार ,रौनक कुमार, भोला सिंह सहित कई लोग मौजूद थे। श्री बाबू के ननिहाल नरहट प्रखंड क्षेत्र के खनवां गांव के गर्भगृह वह स्मारक पर ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।