भ्रष्टाचारी नेतृत्व को बचाने के दुराग्रह को “सत्याग्रह ” बता रही कांग्रेस- सुमो
पटना : कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ईडी द्वारा पूछताछ और देशभर में कांग्रेस के नेताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि 1937-38 में पांच हजार स्वाधीनता सेनानियों के चंदे से जो एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड ( एजेएल) कंपनी बनी थी, वह नेहरू-गांधी परिवार की निजी सम्पत्ति नहीं थी।
कंपनी जब 2008 में 90 करोड़ रुपये कर्ज में डूब गयी, तब सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नई कंपनी बना कर एजेएल को कर्ज दिया और फिर उसके शेयर खरीद कर 5000 करोड़ की भू-सम्पत्ति हड़प ली। राहुल गांधी ने सम्पत्ति बनाने का यह तरीका लालू प्रसाद से सीखा है।
सुमो ने कहा कि नेशनल हेरल्ड की प्रकाशन कंपनी एजेएल को भ्रष्ट तरीके से हड़पने के मामले में जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर रहा है, तब कांग्रेस ऐसा नाटक कर रही है,जैसे राहुल गाँधी स्वाधीनता की लड़ाई लड़ रहे हों। पार्टी अपने भ्रष्टाचारी नेतृत्व को बचाने के दुराग्रह को “सत्याग्रह ” बता रही है।
राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी नेताओं को दिल्ली बुलाना और जुलूस की शक्ल में ईडी कार्यालय पहुँचना राष्ट्रीय जांच एजेंसी पर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है। कांग्रेस और राजद का प्रथम परिवार अपने को संविधान और कानून से ऊपर समझता है, इसलिए सत्ता जाने के बाद भी ये लोग अहंकार में डूबे हैं। रस्सी जल गई है, लेकिन उसका बल (ऐंठन) नहीं गया है।