भारत की नई-नवेली ‘Mitali’ से डरा ड्रैगन, ढाका के लिए तीसरी एक्सप्रेस ट्रेन
नयी दिल्ली : भारत अपने पड़ोसी देशों से रिश्तों को किस कदर महत्व देता है इसका अंदाजा आपको नई-नवेली मिताली एक्सप्रेस से मिल जाएगा। नेपाल के बाद बांग्लादेश हमारा वह सबसे नजदीकी पड़ोसी है जो ड्रैगन चीन के मायाजाल में फंसने की राह पर बढ़ चला था। लेकिन भारत की मोदी सरकार ने नेपाल में अपनी रामायण सर्किट रेलगाड़ी और जयनगर—जनकपुर ट्रेन के बाद अब मिताली एक्सप्रेस को बांग्लादेश से रिश्तों में एक बड़ा आधार बनाया है।
भारत-बांग्लादेश के रेल मंत्रियों ने दिखाई हरी झंडी
मिताली एक्सप्रेस भारत और बांग्लादेश के बीच तीसरी यात्री ट्रेन है जो आज बुधवार से शुरू की गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बांग्लादेश के रेल मंत्री नूरुल इस्लाम सुजान ने आज मिताली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी से बांग्लादेश की राजधानी ढाका छावनी रेलवे स्टेशन तक सप्ताह में दो दिन अप में और दो दिन डाउन में चला करेगी। मिताली एक्सप्रेस का पूरा सफर नौ घंटे का होगा और यह ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका छावनी के बीच 513 किमी की दूरी तय करेगी।
बांग्लादेश में भारत के ताजा कदम से चीन असहज
प्रत्येक सप्ताह मिताली एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी से अप में रविवार और बुधवार को चलेगी और वापसी की यात्रा में डाउन ट्रेन ढाका छावनी से सोमवार और गुरुवार को चला करेगी। मिताली एक्सप्रेस में एसी केबिन कोच और 4 एसी चेयर कार होंगे। विदित हो कि पड़ोसी चीन बांग्लादेश में अपने पैर पसारने की योजना पर काम कर रहा है। लेकिन भारत के रेल सेक्टर समेत जलीय परिवहन और अन्य सेक्टरों में पलटवार से वह असहज होने लगा है। मिताली एक्सप्रेस इसी दिशा में उठाया गया भारत—बांग्लादेश का एक नया कदम है।