जुलाई में खाली हो रही विप की 7 सीटें, JDU को 3 सीटों का नुकसान, विपक्ष को होगा फायदा
पटना : बिहार विधान परिषद में आगामी जुलाई के महीने में 7 सीटें खाली हो रही है। इन खाली हो रहे सीटों में सबसे अधिक सीट जदयू कोटे के ही हैं।
दरअसल, आगामी जुलाई महीने में जदयू कोट से पांच सीट,भाजपा से एक सीट और वीआईपी कोटे से भी एक सीट खाली हो रही है।हालांकि, वीआईपी के नेता मुकेश सहनी फिलहाल भाजपा कोटे से ही विधान परिषद के सदस्य हैं।
इधर जदयू से मोहम्मद कमर आलम, गुलाम रसूल बिलयावी, रणविजय कुमार सिंह, रोजिना नाजिश, सीपी सिन्हा, रिटायर्ड हो रहे हैं। वहीं, भाजपा कोटे से अर्जुन सहनी की सदस्यता समाप्त हो रही है।इसके साथ वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी की सदस्यता भी जुलाई में खत्म हो रही है, इनका वापस परिषद आने पर भी संशय की स्थिति बनी हुई है क्योंकि वर्तमान में भाजपा कोटे से सदस्य थे लेकिन अब उनका गठबंधन भाजपा से टूट गया है, इस लिहाज से देखा जाय तो इनका वापस आना मुश्किल हो सकता है।
बता दें कि, यह सभी सीट विधानसभा कोटे से है इसलिए इसके मतदाता विधायक होते हैं। इसमें विधायकों की संख्या के हिसाब से ही दलों को सीटें मिलती है। हालंकि, यह जरूर देखा जाता है कि आपसी समझौते के तहत संख्या बल के हिसाब से सीट का बंटवारा हो जाता है।इसमें न के बराबर ही मतदान होते हैं।
वैसे नियमों की बात करें तो 243 सदस्यों वाली विधानसभा में एक विधान परिषद को चुनने के लिए कम से कम 31 विधायकों के मत की जरूरत होगी।दरअसल, इसमें खाली सीटों की संख्या में एक जोड़ने के बाद उसके परिणाम को विधानसभा के सदस्य की संख्या से भाग देते हैं और उसका जो परीणाम आता है उतने ही मत की जरूरत एक एमएलसी बनाने के लिए होती है।
ये है फार्मूला
इधर, इस फार्मूले पर बात करें तो वर्तमान में खाली होने वाली 7 सीटों में 1 जोड़ दें तो संख्या 8 होगी।इसके बाद 243 में 8 से भाग दें तो परीणाम 30.35 आएगा। ऐसे में एक एमएलसी के लिए 31 विधायकों की जरूरत होगी, जैसा कि ऊपर में ही बता दिया गया है।इस लिहाज से देखें तो जदयू के पास 45 विधायक है तो उनके खाते में 1 एमएलसी जाएंगे।भाजपा के पास 77 इस हिसाब से भाजपा के पास 2 एमएलसी होंगे। वहीं, राजद के साथ विधायकों की संख्या 76 है इसलिए इनके पास भी 2 एमएलसी सीट जाएगी। हालांकि, तीसरे एमएलसी के लिए राजद और कांग्रेस मिलकर कोशिश कर सकती है।
इस फार्मूले के तहत एनडीए का दावा
वहीं, इस फार्मूले के तहत एनडीए के तरफ से भी एक सीट का दावा किया जा सकता है, क्योंकि भाजपा के पास 15 जदयू के पास 14 और हम के पास 4 साथ में एक निर्दलीय को मिला लें तो एनडीए कोटे से 4 सीट हो सकती है। हालंकी, यह एक सीट मिल भी जाती है तो भी जदयू को 3 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है।
गौरतलब हो कि,75 सदस्यों वाली बिहार विधान परिषद में वर्तमान में विधानसभा सदस्यों से निर्वाचित होने वाले सदस्यों की कुल संख्या 27 है।इसी 27 सीटों में से जुलाई में 7 सीट खाली हो रही है। वहीं, इसके अलावा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन कोटा से 12 , 24 स्थानीय निकाय कोटे से, द्वारा मनोनीत सदस्यों की संख्या राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्यों की संख्या 12 है।