पटना : सारण सीट से निर्दलीय एमएलसी चुनाव जीतने वाले सच्चिदानंद राय ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की है। सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से मुलाकात की जानकारी देते हुए राय ने पर कहा कि कुशल चुनावी रणनीतिकार के रुप मे स्थापित एवं पिछले एक दशक से हर चुनाव मे एक नया कीर्तिमान बनाते रहने के लिए प्रख्यात, ठेठ बिहारी प्रशांत किशोर से उनके आवास पर एक स्वस्थ राजनैतिक चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ। करीब एक घंटे तक चली यह बैठक (यह मेरा प्रशांत जी से प्रथम बार मिलने का अवसर था) एक दूसरे से विस्तृत रुप से परिचित होने का भी अवसर प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि बिहार से पलायन रोकने, रोजगार सृजन करने, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कई बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के विषय पर हम दोनो सहमत रहे। औधोगिकीकरण, कृषि सुधार, शहरीकरण एवं युवाओं को उचित प्रशिक्षण मिले ताकि उन्हें Knowledge based Economic Activities में बिहार में ही अवसर मिल सके, इस विषय पर भी चर्चा हुई। इकॉनमी (Economy) के मामले में बिहार पिछले 3-4 दशकों से 28वें पायदान पर मजबूती से टिके रहने का कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस स्थिति को किस प्रकार से बदला जा सकता है इस पर भी चर्चा हुई। और भी कई राजनीतिक और गैर राजनीतिक विषयों पर एक दूसरे के विचार समझने का अवसर मिला। आज की यह मुलाकात एक अत्यंत सुखद अनुभव के रुप मे मुझे सदैव याद रहेगा। वैसे बात तो अब निकल ही गई है, देखें कितनी दूर तलक़ जाती है।
इस मुलाकात को लेकर राय ने कहा कि वैसे बात तो अब निकल ही गई है, देखें कितनी दूर तलक़ जाती है। इसे लेकर यह कहा जा रहा है कि राय भी प्रशांत की मुहीम का अहम हिस्सा बन सकते हैं और इस प्रकार राय की बिहार को लेकर जो परिकल्पना है उसे मूर्त रूप दिया जा सकता है। बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों, मूल्यों और सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले ‘गांधीवादी’ राजनीतिकार प्रशांत किशोर ने जब से ‘जन सुराज’ और 3 से 4 महीने में 3000 (तीन हजार) किलोमीटर पदयात्रा के साथ लगभग 17 हजार लोगों से मिलने की बात की है, तब से बिहार में सक्रीय राजनीतिक पार्टियों में भूचाल आ गया है।
पीके “जन सुराज” अभियान के माध्यम से गांव कस्बे के हर उनलोगों से मिलूंगा, जिन से मिलना संभव हो सकेगा और उनको जन सुराज के परिकल्पना, नजरिया को बताऊंगा और इसपर उनका भी नजरिया लूंगा। उनके समस्यों को सुनूंगा और उनके भविष्य के बारे में समझने का प्रयास करूंगा जो उनकी अपेक्षा और आकांक्षा है। उसके लिए 2 अक्तूबर से प० चंपारण के गांधी आश्रम से मैं स्वयं पद यात्रा शुरू करूंगा। जो लगभग 3 हजार किलोमीटर का होगा, और ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने का प्रयास करुंगा। वहीं, अब राय भी इस अभियान को सफल बनाने में जुट सकते हैं। क्योंकि, दोनों (प्रशांत किशोर और सच्चिदानंद राय) सैद्धांतिक और विकास की राजनीति को तवज्जो देते हैं।