पटना : बीपीएससी पेपर लीक मामले में बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल खड़ा किया है।तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में जब बीपीएससी जैसी परीक्षा का पेपर लीक हो जाए तो इसके बाद आखिर बचा क्या है ?
तेजस्वी ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए थे या परीक्षा देने पहुंचे थे उनके दर्द को मैं समझता हूं। तेजस्वी ने कहा कि यह समझने की बात है कि बिहार में जब बीपीएससी का पेपर लीक हो रहा है तो बाकी संस्थानों का हाल क्या होगा?
इसके आगे उन्होंने इससे पहले भी हमने पेपर लीक को लेकर सदन में आवाज भी उठाया है लेकिन फिर भी सरकार में बैठे लोग इसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं।बिहार में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि,जिन अभ्यर्थियों ने कड़ी मेहनत कर दूरदराज से आकर परीक्षा दी, लेकिन परीक्षा रद्द हो गया। अब सरकार उन बेरोजगारों के आर्थिक नुक़सान की भरपाई के लिए हर छात्र को 5 हज़ार रुपए की मुआवजा राशि दे। साथ ही दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी हो ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। बाहर प्रदेश से आने वाले अभ्यर्थियों की नजर में ऐसी घटनाओं से बिहार की बहुत बदनामी होती है।
जिस सूप में खुद छेद हो वो दूसरे की बात न ही करें
इधर, तेजस्वी के इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार सरकार में मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि जिस सूप में खुद छेद हो वो दूसरे की बात न ही करें तो उचित है। इसके साथ ही उन्होंने तेजस्वी को लालू सरकार की याद को ताजा करने को कहते हुए बोला कि लालू सरकार में एक भी परीक्षा निर्धारित समय पर नहीं होता था।
तेजस्वी यादव को तो नैतिक अधिकार नहीं
इसके साथ ही भाजपा नेता और वर्तमान सरकार में मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि तेजस्वी यादव को तो नैतिक अधिकार नहीं है इस मामले में कुछ भी बोलने का, इनके ही पिता के शाशनकाल में बीपीएससी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। उस दौरान मुख्यमंत्री सचिवालय में रिज़ल्ट तैयार होते थे।लेकिन, हमारी सरकार ने उस दौर से राज्य और बीपीएसी को बाहर निकाला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार कुछ गड़बड़ी हुई है, लेकिन इस पर तुरंत मुख्यमंत्री ने एक्शन लिया और एग्जाम कैंसल हुआ।