इस वजह से MLC चुनाव में होगा विलंब, NDA को जिताने के लिए BJP कर रही बड़ी तैयारी!
पटना : स्थानीय प्राधिकार कोटे से खाली बिहार विधान परिषद की सीटों को लेकर सभी दलों के उम्मीदवारों द्वारा तैयारी जारी है। उम्मीदवार और मतदाता को यह आभास हो रहा है कि एमएलसी चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसकी तैयारी भी हो चुकी है, लेकिन चुनाव आयोग चुनाव कराने को लेकर अभी सक्रियता नहीं दिखा रही है। एक दैनिक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक एमएलसी चुनाव को 2 महीने के लिए टाला जा सकता है।
चुनाव के लिए अतिरिक्त 2 महीने का समय मिलने के पीछे का यह तर्क है कि हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय चुनाव में जिन लोगों की जीत हुई है, उनमें से अधिकांश का समर्थन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राजद को प्राप्त है। नतीजतन, एमएलसी चुनाव में राजद मजबूत दिख रही है। राजद के मजबूत होने का सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है, क्योंकि इन 24 सीटों में भाजपा के 13 सीटिंग सीटें हैं। भाजपा जीती हुई सीटों को बरकरार रखने के लिए राजनीतिक हथकंडे अपना रही है।
नगर निकाय के नवनिर्वाचित प्रतिनिधि पर भाजपा की नजर
चर्चाओं के मुताबिक नगर विकास विभाग, जो कि डिप्टी सीएम तारकिशोर के पास है, यह विभाग नगर निकाय चुनाव को अतिशीघ्र कराने के लिए तैयारी कर रही है। चुनाव अगर सही समय पर संपन्न हो जाते हैं, तो शहरी क्षेत्रों में पकड़ होने के कारण इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है, क्योंकि इसके प्रतिनिधि भी एमएलसी चुनाव में वोट करते हैं।
पंच-सरपंच को वोटर बनाने में जुटी भाजपा
वहीं, दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि पंच और सरपंच को वोट का अधिकार दिलाने के लिए भाजपा पूरा प्रयास कर रही है। इसको लेकर पंचायतीराज मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र को प्रस्ताव भी भेज चुके हैं। केंद्र को भेजे प्रस्ताव में पंचायती राज विभाग ने आग्रह किया है कि पंच और सरपंच को भी स्थानीय प्राधिकार कोटे से एमएलसी चुनाव में वोट देने का अधिकार मिले। अगर ऐसा हो जाता है, तो पहले से ही पंच और सरपंच को मिले अधिकार और वोट देने का अधिकार मिलने के कारण इनलोगों झुकाव सत्ता पक्ष की तरफ होगा, जिसके कारण राजद को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है और इसका सीधा फायदा एनडीए को मिलेगा।
मालूम हो कि इसके पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिखकर पंच और सरपंच को वोट का अधिकार देने की बात कही थी।