नवादा : सदर प्रखंड क्षेत्र के मोतनाजे गांव में एक ऐसा सरकारी नव सृजित विद्यालय है जो पिछले दस वर्षों से आसमान के नीचे चलाया जा रहा है। कारण स्पष्ट है, भवन का नहीं होना। विद्यालय की स्थापना वर्ष 2010 में की गयी, बावजूद अबतक का निर्माण नहीं कराये जाने से बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढने को विवश होना पङ रहा है। फिलहाल अभी तो जाड़ा कम पड़ रहा है। लेकिन जब हाड़कंपाने वाली ठंड पड़ेगी, तब बच्चों का क्या हाल होगा, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है।
ऐसी भी बात नहीं है कि विद्यालय के शिक्षक या फिर ग्रामीण स्कूल के भवन के लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं। प्रयास कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं हैं। फिर बच्चों के साथ शिक्षक भी परेशान हो रहे हैं। ठंड के दिनों में किसी तरह काम तो चल जा रहा है, लेकिन गर्मी व बरसात के दिनों में उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पङता है।
बच्चों के लिए एमडीएम बनाने से लेकर, उन्हें खिलाने, शौचालय व मूत्रालय आदि की व्यवस्था में परेशानी है। बावजूद जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक का ध्यान इस ओर नहीं जा पा रहा। भवन के अभाव में बरसात के दिनों में बच्चों की पढ़ाई बाधित होना आम बात है तो गर्मी के दिनों में जल्द छुट्टी देना शिक्षकों की मजबूरी।
इस बाबत ग्रामीण बताते हैं कि विद्यालय के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है। सार्वजनिक स्थानों पर काफी जमीन उपलब्ध है। इसकी जानकारी विभाग को भी है। विद्यालय भवन निर्माण के लिए राशी उपलब्ध नहीं कराने के कारण भवन नहीं बनाया जा रहा है। कमोबेश शिक्षकों को भी विभाग से ढेर सारी शिकायतें हैं। लेकिन भला उनकी सुनता कौन है? जिले में इस प्रकार के कई अन्य विद्यालय भी हैं जो भवन के अभाव में पेङ के नीचे संचालित किये जा रहे हैं।
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