द कश्मीर फाइल्स : पर्दे पर दर्द
हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्। तत् त्वं पूषन्नपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये।। यह श्लोक ईशोपनिषद् से लिया गया है, जिसका अर्थ है कि सत्य का मुख स्वर्णमय (ज्योतिर्मय) पात्र से ढका हुआ है, हे पूषन्! आप मुझ सत्य के साधक के लिए दर्शन…