जयंती विशेष: …जब सत्यजीत रे ने कह दिया— ”भारतीय दर्शक पिछड़े व अनाड़ी हैं!”
बिगाड़ के डर के कोई भी फिल्मकार दर्शकों को भला-बुरा कहने से बचता है। लेकिन, सत्यजीत रे ने दो टूक शब्दों में भारतीय दर्शकों को पिछड़ा हुआ, भदेस व परिष्कृत कह दिया था। ऐसा क्यों? सत्यजीत रे विश्व के महानतम…
बायसिकल थिव्स देख सत्यजीत रे को मिली फिल्म बनाने की प्रेरणा
सत्यजीत रे की नजरों में मानवीय करुणा को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है सिनेमा पटना वीमेंस कॉलेज के सीईएमएस में मीडिया कार्यशाला आयोजित पटना: सत्यजीत रे सिनेमा को मानवीय करुणा को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम मानते…
PWC में अतिथि व्याख्यान, निकट भविष्य में सिनेमा को मिलेगी सामाजिक स्वीकार्यता
मुख्य अतिथि बोले- भारतीय फिल्में जीवन का उत्सव हैं फिल्मों में कई बार संवाद से अधिक अशाब्दिक संचार प्रभावकारी होते हैं पटनाः पटना विमेंस कॉलेज में जनसंचार विभाग द्वारा शुक्रवार को एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका विषय…
भारतीय सिनेमा के मुकुट मणि हैं सौमित्र चटर्जी : प्रो. जय देव
पटना : सत्यजीत रे अगर भारतीय सिनेमा के मुकुट हैं, तो सौमित्र चटर्जी को उस मुकुट का मणि कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। सौमित्र ऐसे कलाकार हुए जिन्होंने रंगमंच व फिल्म दोनों को साधा। उक्त बातें जानेमाने फिल्म विश्लेषक प्रो. जय…