‘राष्ट्र निर्माताओं की पत्रकारिता’: अतीत के वातायन से झांकती भविष्य की राह
पुस्तक समीक्षा किसी महापुरुष ने बिलकुल ठीक कहा है, ‘अतीत में जितनी दूर तक देख सकते हो, देखो, इससे भविष्य की राह निकलेगी।’ ढाई दशकों तक संस्थागत पत्रकारिता में सक्रिय रहने के बाद पिछले एक दशक से अधिक से महात्मा…
पुण्यतिथि आज: पत्रकारों को तैयार करने में पारस बाबू का रहा उल्लेखनीय योगदान
पटना : चिंतक, सृजनधर्मी और विभिन्न अखबारों के संपादक रहे पारसनाथ सिंह की छठी पुण्यतिथि बुधवार को विश्व संवाद केंद्र के सभागार में मनाई गई। वक्ताओं ने उन्हें शब्द शिल्पी और चिंतनशील व्यक्ति बताया। दूरसंचार विभाग के पूर्व निदेशक गंगाधर…
कुमकुम मेमोरियल फाउंडेशन का गठन, हर साल दिए जाएंगे सम्मान
पटना : साहित्य एवं संस्कृति के प्रति अगाध आस्था रखनेवाली स्वर्गीया डॉ कुमकुम कुमारी की स्मृति को सँजोने के लिए कुमकुम मेमोरियल फाउंडेशन का गठन किया गया है। इस विषय को लेकर शनिवार को ऑनलाइन बैठक संपन्न हुई। फाउंडेशन के…
पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला में बोले डॉ. संजय पासवान: पत्रकार का काम शब्द संधान
पटना : पत्रकार का काम शब्द संधान का होता है और इस लिहाज से पत्रकारिता एक गंभीर कर्म होने के साथ-साथ सामाजिक दायित्व का भी कार्य है। उक्त बातें रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं विधान पार्षद डॉ संजय पासवान…