ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री : क्या कर्ज लेकर लक्जरी लाइफ जीते थे निशांत?
पटना : “यावत् जीवेत, सुखम जीवेत। ऋणं कृत्वा, घृतम पीवेत।।” चार्वाक ऋषि के इस दर्शन का अर्थ है—जब तक जियो, सुख से जियो। कर्ज लो और घी पियो। हाल ही में अपने बेडरूम में पत्नी और बच्चों की हत्या के…