रथयात्रा से रामलला तक के किरदारों की नियति
किसी भी घटना में कई किरदार होते हैं, जिनकी नियति कालचक्र तय करता है। राम जन्मभूमि मामले में भी यही हुआ है। दरअसल कहानी शुरू होती है 7 अगस्त, 1990 से तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह ने मंडल कमीशन लागू करने…
आडवाणी की जुबानी, सुषमा के भाजपा से जुड़ने, बढ़ने और उत्कर्ष की कहानी
नयी दिल्ली : पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बुधवार को दिन के तीन बजे के बाद अंतिम संस्कार होगा। सुषमा जी के जाने से वैसे तो पूरा देश मर्माहत है, लेकिन भाजपा के लौहपुरुष रहे पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी…