नाटक ‘हे राम’ के मंचन में जुटी भीड़
पटना : बहरों को सुनाने के लिए जोर से आवाज लगानी पड़ती है। नाटक ‘हे राम’ का टाइटल शब्द बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है। नफ़रत की राजनीति के खिलाफ यह नाट्क प्रतिरोध की रंगभाषा गढ़ती है। भारतीय संविधान की…
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पटना : बहरों को सुनाने के लिए जोर से आवाज लगानी पड़ती है। नाटक ‘हे राम’ का टाइटल शब्द बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है। नफ़रत की राजनीति के खिलाफ यह नाट्क प्रतिरोध की रंगभाषा गढ़ती है। भारतीय संविधान की…