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श्रीरामचंद्रायण

श्रीरामचंद्रायण में है प्रभु राम के विराट रूप का सरल दर्शन

आदर्श व्यक्ति एवं समाज का निर्माण कर सकेंगे श्रीरामचंद्रायण को पढ़कर लोककाव्य “श्रीरामचंद्रायण” पर परिचर्चा आयोजित पहली बार हिंदी में प्रकाशित है प्रो.रामचंद्र सिंह कृत ‘श्रीरामचंद्रायण’ भारतीय संस्कृति का लोक काव्य रामायण का हिंदी संस्करण “रामचंद्रायण” पर आज परिचर्चा का…

वाल्मीकि रामायण की हिंदी प्रतिकृति है श्रीरामचंद्रायण

पटना : सीवान निवासी प्रोफेसर रामचंद्र सिंह ‘सुरसरिया’ ने आठ सौ पन्ने के हिंदी महाकाव्य श्री रामचंद्रायण की रचना की है। यह श्रीरामचंद्रायण वाल्मीकि रामायण की हिंदी प्रतिकृति है। इस महाकाव्य को स्वत्व प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। इस महाकाव्य…