जातियों को भूलकर गुणवान के आधार पर एक हो समाज
– वैदिक काल से अबतक की वर्ण व्यवस्था पर राम रतन प्रसाद सिंह रत्नाकर के विचार नवादा : शृंग वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था उनके द्वारा स्वीकार किए गए कर्म एवं व्यवसाय से था। उत्तर वैदिक काल में यज्ञो के…
जब दिनकर ने कहा था- आत्मा को सुला कर फिल्म व्यवसायी बनाते हैं पैसा
अनियंत्रित ओटीटी, सोशल व डिजिटल मीडिया की तरह फिल्मों की अश्लीलता पर दिनकर ने उठाया था सवाल पटना : ‘दिनकर शोध संस्थान’ की स्थापना दिवस पर विद्यापति भवन में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व…