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कपिल देव सिंह

जातियों को भूलकर गुणवान के आधार पर एक हो समाज

– वैदिक काल से अबतक की वर्ण व्यवस्था पर राम रतन प्रसाद सिंह रत्नाकर के विचार नवादा : शृंग वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था उनके द्वारा स्वीकार किए गए कर्म एवं व्यवसाय से था। उत्तर वैदिक काल में यज्ञो के…