वर्चुअल रैली के विरोध में थाली और लोटा पीटने वाले लोग देश की विकास में डाल रहे अड़चन
पटना : देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे शासनकाल के पहले वर्षगांठ पर रविवार को अमित शाह के द्वारा वर्चुअल रैली किया गया। हालांकि बिहार में इसके विरोध में राजद पार्टी द्वारा थाली पीटो अभियान भी रखा गया। जिस पर चुटकी लेते हुए पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि लालू राबड़ी के शासनकाल में बिहार की जो स्थिति थी।उसके बारे में पूरी दुनिया जानती है। राजद के शासनकाल में अपराधियों का बोलबाला था। जंगल राज के लिए राजद का शासन काल जाना जाता है।
ज्ञान की भूमि बिहार को राजद ने किया लूटने का काम
पप्पू वर्मा ने कहा की वर्चुअल रैली के विरोध में थाली और लोटा पीटने वाले लोग देश में बढ़ते हुए विकास के मुंह पर गाली देने का काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि जनसंवाद रैली के विरोध में बिहार को विकास के रास्ते से कोसों दूर ले जाने वाली पार्टी राष्ट्रीय जनता दल द्वारा सड़कों पर निकलकर थाली और लोटा पीटने का काम किया गया। यह वही लोग हैं जिन्होंने अपने 15 साल के शासनकाल में ज्ञान की भूमि बिहार को ना सिर्फ लूटने का काम किया बल्कि पूरे देश दुनिया में बिहार को बदनाम कर दीया। आज जो बिहार की स्थिति है उसका जो सीधा जिम्मेदार लालू प्रसाद यादव और उनका पार्टी है।
बिहार को बदनाम करने का काम रही राजद
राजद द्वारा अपने शासन काल के समय में बिहार को इतना बदनाम कर दिया की अपने मेहनत, प्रतिभा, इमानदारी और शिक्षा के दम पर शोहरत को मुकाम तक पहुंचाने वाले बिहार और बिहारी का सम्मान पूरे देश दुनिया में होता था उसी बिहार के लोगों की पहचान अपहरणकर्ता, गैंगेस्टर, रंगदारी वसूलने वाला, दूसरे के जमीनों और मकानों पर कब्जा करने वाला, नरसंहार,जातिवादी, चोर और लूटेरा के नजर से अन्य प्रदेशों में लोग उन्हें देखने लगे।
राजद शासनकाल में जोड़ों पर रहा अपहरण और रंगदारी का चलन
इन्हीं लोगो के शासनकाल में बड़े पैमाने पर बिहार के उद्योग धंधा पर ताला लटका खुलेआम गुंडागर्दी के वजह से बिहार के कई बड़े व्यापारी बिहार से पलायन कर गए या जो इनकी बात नहीं मानी रंगदारी वसूली के कारण उनकी की हत्या कर दी गई। राजद के कार्यकाल में ही बिहार में कई जातीय नरसंहार हुआ, अनेकों बिहार के नामी-गिरामी डॉक्टर या तो मारे गए या तो बिहार छोड़कर उन्हें भागना पड़ा। इस दौरान अपहरण का कारोबार बिहार में ऐसा फला फुला कि आए दिन किसी न किसी डॉक्टर इंजीनियर या बड़े व्यवसायियों को अपहरण कर उनसे रंगदारी वसूलने का व्यापार का चलन जोड़ों से शुरू हो गया।
विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण समाप्त का धड़ल्ले से हुआ शुरुआत
बिहार में घूस लेकर काम करने की परंपरा को और खुलेआम ताकत दिया गया , पुलिस महकमा में अयाश और बेईमान किस्म के सिपाही से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक की चांदी हो गई, थानों में दलाल ,रंगदार किस्म के लोगों की चौकड़ी सजने लगी, आए दिन हत्या, लूट, अपहरण की घटनाएं की चर्चा आम हो गई, महिलाओं को घरों से निकलना दूभर हो गया, विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण समाप्त हो गया, बिहार के विश्वविद्यालयों के नाम पर फर्जी डिग्रियां का धड़ल्ले से कारोबार शुरू हुआ सभी प्रकार के रोजगार ठप होने के कारण बिहार के श्रमिक,शिक्षित बेरोजगार नौजवानों को रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं रहने के कारण दूसरे राज्यों पर निर्भर होना पड़ा।
बिहारियों के मेहनत के दम पर ही दूसरे राज्य कर रहे तरक्की
देश के कई छोटे-मोटे राज्य आज बिहारियों के मेहनत के दम पर विकासशील राज्यों की श्रेणी में है। धड़ल्ले से शिक्षा के नाम पर दो-दो कमरों वाला कॉलेजों का प्रचलन तेजी से फैला आज भी बिहार में इनके समय का कई कॉलेज बिहार के मुंह पर कालिख पोत रहा हैं, शिक्षा का ऐसा व्यापारीकरण हुआ कि दूसरे प्रांत के लोग भी यहां आकर डिग्रियां बटोरने लगे, बड़े पैमाने पर छात्रों का पलायन हुआ, बर्बाद हो चुके शिक्षा व्यवस्था के कारण कई मेघावी छात्रों को अच्छी शिक्षा ग्रहण करने हेतु दूसरे राज्यों का मोहताज होना पड़ा,राज्य स्तर पर सरकारी रिक्तियां नहीं निकलने के कारण हजारों मेघावी पढ़े-लिखे नौजवान नौकरी के इंतजार में ही उनका उम्र समाप्त हो गया आज वो सभी बेरोजगारी का दंश झेलते हुए इनको कोस रहे हैं।
राजद के शासनकाल में बिहार आने से डरते थे लोग
वैश्विक महामारी के समय बिहार के श्रमिकों को लेकर पूरे देश में जो दृश्य उभर कर सामने आया उसका कोई कारण और सबसे बड़ा जिम्मेदार कोई दल है तो वह राष्ट्रीय जनता दल और इनके नेता है। बिहार का वह आतंक राज का दृश्य बिहार वासियों को याद आने पर आज भी सिहर उठते हैं। जिनके परिवार का कोई न कोई सदस्य इनका शिकार बना वैसे लोग आज भी इनके खौफनाक मंसूबे और इरादों को जानकर बिहार आने से डरते हैं।
देश की लोकप्रियता नहीं पचा पा रहे राजद और उनके समर्थक
वर्मा ने कहा कि बिहार को बदनामी और बर्बादी के कगार पर पहुंचाने वाला दल राजद को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती लोकप्रियता व विश्व में बढ़ते और मजबूत होते संबंध के ताकत को पचा नहीं पा रहे हैं। देश को गृह मंत्री के रूप में मजबूत और ताकतवर इच्छाशक्ति रखने वाले अमित शाह के बिहार वासियों के साथ जनसंवाद रैली से घबराकर और अपनी सियासत भूमि को खिसकते देख बोढ़ाकर विरोध में थाली बजा रहे हैं। सभी बिहार वासी इनके स्वार्थी मंसूबों को समझ गया है।
राजद के मंसूबे को भलीभांति समझ चुके हैं बिहार के लोग
पप्पू वर्मा ने कहा लाठी से लोगों को डराने वाले राजद पार्टी और उनके समर्थक थाली बजाय या लोटा बिहार में अब कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। बिहार अब तेज गति से दौड़ने के लिए विकासशील राज्यों के साथ रेस में शामिल हो गया है। राज्य सरकार ने संकल्प कर लिया है किसी भी हालत में रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के मापदंड पर खरा उतरना ही है।इसके साथ ही बिहार के लोगों ने भी संकल्प कर लिया है कि बिहार को गरीबी और बेबसी की आग में झोंकने वाले लोगों को अब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।