स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम का वार्षिक शुल्क की समय-सीमा बढ़े :-पप्पू वर्मा
पटना : पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय द्वारा संचालित स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम की वार्षिक फीस छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय में जमा करने से संबंधित जारी नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए इसकी समय सीमा बढ़ाई जाए।
जब तक स्थिति पूरी तरह से ना हो जाए नॉर्मल तब तक छात्रों पर ना बनाया जाए दबाव
उन्होनें कहा कि जब तक राज्य में स्थिति पूरी तरह से नॉर्मल नहीं हो जाती है, तब तक छात्रों पर वार्षिक शुल्क जमा करने का दबाव नहीं बनाया जाए। वर्मा ने बताया कि छात्रों के अनुरोध पर संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता हुई। उन्हें सभी बातों से मैंने अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र-छात्राएं ग्रामीण परिवेश तथा निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। कुछ ही छात्र एवं छात्राएं ऐसे होते हैं जिनके अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ठीक-ठाक होती है। लेकिन इस वैश्विक महामारी तथा लॉकडाउन की स्थिति में अधिकांश अभिभावकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। कोरोना के कारण उनके रोजगार धंधा-बंद है। वैसी परिस्थिति में अभिभावक अपने बच्चे एवं बच्चियों का वार्षिक शुल्क जमा कराने में असमर्थ है।
वर्मा ने कहा कि वार्षिक शुल्क विश्वविद्यालय द्वारा जमा करने की तिथि तय कर देने के बाद छात्रों में घबराहट का माहौल पैदा हो गया है। वे लोग मानसिक दवाब में आ गए हैं। अधिकांश छात्र-छात्राएं निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण फीस जमा करने की नाम सुनते ही परेशान हो गए हैं। उनके पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है। उनके पठन-पाठन के प्रति रुचि पूर्व की भांति बनी रहे, इसलिए जरूरत है कि फीस जमा करने की समय-सीमा बढ़ाई जाए, जिससे खासकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले छात्र-छात्राओं को कुछ राहत मिल सके ।
वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति एच एन प्रसाद एवं डीन प्रोफेसर एनके झा से हुई वार्ता हुई। छात्र एवं छात्राओं के समस्या सुनने के मेरे निवेदन पर उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही छात्र-छात्राओं के समस्या का समाधान का रास्ता निकाल दिया जाएगा। विद्यार्थियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।